नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही है. चुनाव आयोग के मुताबिक, भाजपा को 48 सीटें मिली है, जबकि आम आदमी पार्टी को 22 सीटें मिली. वहीं, कांग्रेस को एक भी सीट नहीं जीत पाई है. दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी पर इस बार भरोसा नहीं जताया. यहां तक की पार्टी के सुप्रीमो व दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री रहे सौरभ भारद्वाज समेत कई बड़े नेताओं को करारी हार मिली है. आइये जानतें हैं इस खबर में कहां से किसने जीता विधानसभा चुनाव...
मुख्यमंत्री बदला तो पार्टी की हुई ऐसी हार: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अगर सीएम बदल दिया गया तो उस पार्टी की चुनाव में करारी हार हुई है. अब जब आम आदमी पार्टी की हार हुई है, तब दिल्ली की सरकार की मुखिया आतिशी मार्लेना हैं, जो साढ़े चार महीने सीएम रहीं. 27 साल पहले दिल्ली में ऐसी ही कहानी हुई थी, जब महंगे प्याज की आलोचना झेल रही बीजेपी ने साहेब सिंह वर्मा को हटाकर सुषमा स्वराज को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया था. सुषमा स्वराज महज 52 दिनों के लिए सीएम बनी थीं. 1998 में जब चुनाव हुए तो जनता ने बीजेपी को सत्ता के बाहर कर दिया था.
प्रवेश वर्मा ने गृहमंत्री अमित शाह से मिले: नई दिल्ली सीट से जीतने वाले प्रत्याशी को मुख्यमंत्री पद का प्रमुख दावेदार माना जाता है. 1998 से 2020 के विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली से जीतने वाले उम्मीदवार को पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया है. नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद प्रवेश वर्मा ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या नई दिल्ली सीट से जीतने वाले प्रत्याशी को मुख्यमंत्री बनाने की परंपरा फिर दोहराई जाएगी या फिर भाजपा किसी और विधानसभा से जीतने वाले प्रत्याशी को मुख्यमंत्री का पद सौंपेगी.
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