पटना:लोकसभा चुनाव की शोर में पिछले कुछ दिनों से पावर स्टार पवन सिंह और सिंगर-एक्टर गुंजन सिंह की 'गूंज' सुनाई नहीं पड़ रही है, जबकि दोनों लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. बीजेपी से टिकट की आस लगाए इन दोनों भोजपुरी कलाकार को निराशा हाथ लगी है. फैंस इंतजार में हैं कि उनके चहेते सितारे मैदान में उतरेंगे लेकिन पिछले कुछ दिनों से दोनों ने चुप्पी साध रखी है. हालांकि पत्रकार से नेता बने यूट्यूबर मनीष कश्यप उसी ताकत से दहाड़ रहे हैं, जिसके लिए वह जाने जाते हैं. उन्होंने निर्दलीय ही बेतिया से ताल ठोक दिया है.
क्या चुनाव लड़ेंगे पवन सिंह?:सबसे पहले बात भोजपुरी स्टार पवन सिंह की, जिन्होंने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर पोस्ट कर साफ कर दिया कि वह हर हाल में लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे लेकिन कहां से लड़ेंगे, ये नहीं बताया. आसनसोल से बीजेपी का टिकट वापस करने के कुछ ही दिनों के बाद उन्होंने अपने 'एक्स' हैंडल पर लिखा था कि अपने समाज, जनता जनार्दन और अपनी मां से किए वादे को जरूर पूरा करूंगा. हालांकि उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि किस सीट से चुनाव लड़ेंगे.
"मैंअपने समाज जनता जनार्दन और माँ से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूँगा. आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है. जय माता दी."- पवन सिंह, भोजपुरी स्टार
क्या है आरा सीट की स्थिति?: पवन सिंह भोजपुर जिले के रहने वाले हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि वह आरा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. वह बीजेपी से टिकट चाहते थे लेकिन इस बार भी पार्टी ने वर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री आरके सिंह पर ही भरोसा जताया है. चर्चा तो राजपूत बहुल काराकाट, मोतिहारी और औरंगाबाद को लेकर भी रही लेकिन उनको कहीं से भी उम्मीदवार नहीं बनाया गया है. ऐसे में अब उनके सामने निर्दलीय चुनाव लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं दिख रहा है. वैसे अगर वह आरा सीट से चुनाव लड़ते हैं तो भारतीय जनता पार्टी का खेल बिगड़ सकता है, क्योंकि पावर स्टार से नाम से मशहूर पवन सिंह की जबरदस्त फैन फॉलोइंग है.
नवादा से लड़ना चाहते हैं गुंजन सिंह:नवादा के ही रहने वाले भोजपुरी कलाकार गुंजन सिंह पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वह हर हाल में इस बार नवादा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि चाहे जो भी हो, कोई पार्टी टिकट दे या न दे लेकिन वह लोकसभा का चुनाव जरूर लड़ेंगे.
"मैं यहां का बेटा हूं और यहां के कण-कण से वाकिफ हूं. मैंने जब से होश संभाला है, तब से नवादा लोकसभा को गुलामी की जंजीरों से जकड़ा हुआ देखा हूं. आखिर क्या कारण है कि सभी पार्टियां स्थानीय लोगों को टिकट न देकर बाहरी लोगों को नवादा में प्रश्रय देती है, इसके पीछे कारण क्या है. क्या सारे राजनीतिक दल नवादा के लोगों को बेवकूफ समझते हैं?"- गुंजन सिंह, भोजपुरी गायक
अब तो नवादा में निर्दलीय ही लड़ना होगा:नवादा सीट पर पहले फेज के तहत ही मतदान होना है. नामांकन की अंतिम तिथि 28 मार्च है लेकिन गुंजन सिंह की तरफ से पूरी खामोशी दिखाई दे रही है. उनको उम्मीद थी कि चिराग पासवान की एलजेपीआर या भारतीय जनता पार्टी की ओर से टिकट मिलेगा लेकिन सीट बीजेपी कोटे में गई है. वहां से विवेक ठाकुर कैंडिडेट बनाए गए हैं. भूमिहार बहुल नवादा में अगर गुंजन सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो इसका नुकसान भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ सकता है.
चुनाव मैदान में कूद पड़े मनीष कश्यप:अब बात बिहार के सबसे चर्चित और विवादित यूट्यूबर मनीष कश्यप की, जो तमिलनाडु हिंसा के फर्जी वीडियो मामले में जेल की हवा खा चुके हैं. उनकी नजदीकी भारतीय जनता पार्टी से जगजाहिर है. सांसद मनोज तिवारी समेत कई नेताओं से उनका मेलजोल रहा है. वह खुद भी आए दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में कसीदे गढ़ते रहते हैं लेकिन इसके बावजूद उनको टिकट नहीं मिला. बीजेपी ने बेतिया से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान सांसद डॉ. संजय जायसवाल को ही लगातार तीसरी बार मैदान में उतारा है. टिकट नहीं मिलने के बाद मनीष ने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.