गोड्डा:लोकसभा चुनाव 2024 में गोड्डा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने निशिकांत दुबे को उम्मीदवार बनाया है. वहीं एक लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस ने यहां से अपने उम्मीदवार की घोषणा की और महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह को टिकट दिया.
कांग्रेस के दीपिका पांडेय को उम्मीदवार घोषित करने से कुछ दिन पहले ही तीन बार के सांसद निशिकांत दुबे कहा था कि प्रदीप यादव और फुरकान अंसारी को उम्मीदवार बनाया जाता है तो वे प्रचार नहीं करेंगे. उनके कार्यकर्ता ही चुनाव जीता देंगे. हालांकि अब कांग्रेस ने दोनों पुराने दिग्गज के इतर नए उम्मीदवार को मैदान में उतारा है.
क्या है निशिकांत दुबे और दीपिका पांडेय सिंह में समानता
गोड्डा लोकसभा सीट के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि मुख्य मुकाबले में ब्राह्मण उम्मीदवार आमने सामने हैं. दोनों ही ब्राह्मण मर कान्यकुब्ज हैं. वैसे गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मणों की लगभग आबादी तीन लाख की है, जिसमे अधिसंख्य मैथिल ब्राह्मणों की है. यही वजह की गोड्डा को झारखंड का मिथिलांचल भी कहा जाता है. दोनों की शैक्षणिक रिकॉर्ड देखें तो दोनों ने एमबीए की डिग्री ले रखी है. दोनों ही उच्च शिक्षा प्राप्त उम्मीदवार हैं.
राजनीत में दोनों का स्ट्राइक रेट बढ़िया
निशिकांत दुबे ने पहली बार गोड्डा लोकसभा से 2009 में भाग्य आजमाया और जीत दर्ज की थी. इसके बाद उन्होंने 2014 और 2019 में जीत कर हैट्रिक लगाई है. अब सांसद निशिकांत दुबे अपनी चौथी जीत के लिए कोशिश कर रहे हैं. वहीं दीपिका पांडे सिंह ने भी पहली बार 2019 में महगामा विधानसभा सीट से भाग्य आजमाया और जीत दर्ज की. अब वे गोड्डा लोकसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं.
निशिकांत दुबे और दीपिका पांडे में भिन्नता
निशिकांत दुबे की चुनावी राजनीति में प्रवेश पैराशूट कैंडिडेट के रूप में हुई है. वे खुद कह चुके हैं कि पहली बार जब चुनाव लड़ने आए तो उन्हें देवघर से गोड्डा का रास्ता भी पता नहीं था. लेकिन दीपिका पांडेय सिंह का मायका हो या ससुराल दोनों ही पक्ष राजनीति से जुड़े रहे हैं. दीपिका पांडेय सिंह के पिता अरुण पांडेय संयुक्त बिहार में पार्षद रहे हैं, तो मां प्रतिभा पांडेय समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष रही हैं. ये पुराने कांग्रेसी रहे हैं. दीपिका पांडेय लगातार संगठन में काम करती रहीं. पहले वे कांग्रेस की झारखंड यूथ विंग की महासचिव निर्वाचित हुईं, फिर राष्ट्रीय महिला मोर्चा की सचिव रहीं, फिर गोड्डा जिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं और मृत प्रायः कांग्रेस में जान फूंकी. चुनाव जीतने के बाद फिलहाल राष्ट्रीय कांग्रेस की सचिव हैं. दीपिका पांडेय सिंह राहुल यूथ ब्रिगेड की कोर कमेटी मेंबर भी हैं. इसके साथ ही पिछले उत्तराखंड और बिहार में चुनाव प्रभारी भी रही हैं.
सांसद निशिकांत दुबे का दावा- क्षेत्र में विकास किया, जनता इसी पर चुनाव जिताएगी