बिहार में गिरते पड़ते पुल (ETV Bharat) किशनगंज: ऐसा लगता है कि बिहार में पुलों पर शामत आ गई है. अब किशनगंज में मारिया नदी पर बना पुल धंस गया जिससे बहादुरगंज और दीघलबैंक के बीच का संपर्क टूट चुका है. 10 दिनों के भीतर पुल टूटने की बिहार में ये चौथी घटना है. अररिया, सिवान, मोतिहारी के बाद किशनगंज में पुल ध्वस्त हुआ है.
"कल हमारे सीओ और इंजीनियर ने विजिट किया था. वहां पर जो भी डैमेज है उसे दूर कर लिया जाएगा. अभी बारिश कम हुई है. कल परसों ज्यादा बारिश हुआ था. जैसे ही पानी का स्तर कम होगा उसको सुधार करा लिया जाएगा."- तुषार सिंघल, डीएम, किशनगंज
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से बना था पुल: ऐसा नहीं है कि पुल काफी पुराना है. 2011 में 70 मीटर के इस पुल का निर्माण मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हुआ था. इस पुल को बनाने में 13 साल पहले 25 लाख रुपए की लागत आई थी लेकिन यह पुल भी ढेर हो गया. हालांकि जब पुल धंसा तो कोई भी राहगीर इसपर से गुजर नहीं रहा था. एप्रोच रास्ते भी धंस चुके हैं.
बिहार में एक और पुल ने ली 'समाधि': प्रशासन और स्थानीय लोगों ने बैरिकेडिंग लगाकर दोनों ओर से रास्ते को रोक दिया गया है. फिर भी कुछ लोग जान जोखिम में डालकर पुल के ऊपर से गुजर रहे हैं. 26 जून को ही ग्रामीण निर्माण विभाग के इंजीनियर (RWD) ने पुल का निरीक्षण किया और आवागमन को पूरी तरह से रोक दिया. पुल के टूट जाने से लोग असहाय महसूस कर रहे हैं. लोगों में इसको लेकर नाराजगी भी देखने को मिल रही है.
पुलों के गिरने पर सियासत भी तेज: बिहार में पुलों की जर्जर हालत पर राजनीति भी खूब हो रही है. एक ओर जहां तेजस्वी यादव ने कुछ दिन पहले कहा था कि डबल इंजन की सरकार में पुल सुसाइड कर रहे हैं तो वहीं लालू यादव ने भी तंज कसते हुए कहा था कि बिहार में पुल जलसमाधि ले रहे हैं. 18 जून को अररिया में पुल गिरा, 22 जून को सिवान में और 23 जून को मोतिहारी के बाद 26 जून को किशनगंज में मारिया नदी का पुल पानी का वेग बर्दाश्त नहीं कर सका.
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