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20 साल बाद धरती से टकराया सबसे शक्तिशाली सौर तूफान, पॉवरग्रिड हो सकता है फेल, चेतावनी जारी - Solar storm

AURORA BOREAL : बीस सालों से भी ज्यादा समय के बाद शुक्रवार को एक शक्तिशाली सौर तूफान पृथ्वी से टकराया. जिससे तस्मानिया से लेकर ब्रिटेन तक आसमान में एक रहस्यमय आकाशीय रोशनी दिखाई देने लगी. हालांकि, इस रौशनी की वजह से उपग्रहों और पावर ग्रिडों में संभावित व्यवधान का खतरा भी पैदा हो सकता है क्योंकि यह इस पूरे सप्ताह तक जारी रहेगा. पढ़ें पूरी खबर...

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 11, 2024, 5:21 PM IST

Updated : May 11, 2024, 6:44 PM IST

AURORA BOREAL
सौर तूफान (NASA)

हैदराबाद :दो दशकों से ज्यादा समय के बाद 10 मई शुक्रवार को सबसे शक्तिशाली सोलर स्टॉर्म पृथ्वी से टकराया है. यह इतना ज्यादा शक्तिशाली था कि इसके चलते रूस, यूक्रेन, जर्मनी, स्लोवेनिया, ब्रिटेन और यूरोप के अन्य हिस्सों में एक शानदार चमकीला नजारा अभी भी देखा जा रहा है. कह सकते हैं कि इस सौर तूफान की वजह से दुनिया भर में शानदार ध्रुवीय रौशनी पैदा हुई. इस रोशनी की वजह से उपग्रहों और पावर ग्रिडों में संभावित व्यवधान का खतरा भी पैदा हो सकता है क्योंकि यह इस पूरे सप्ताह तक जारी रहेगा.

यूएस नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर ने इस मैग्नेटिक तूफान को जी5 कैटगरी का बताया है. बता दें, जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म को जी1 से जी5 के पैमाने पर मापा जाता है, जिसमें G5 को तूफान का सबसे चरम स्तर माना जाता है. अक्टूबर 2003 के हैलोवीन तूफान के बाद यह पहला ऐसा तूफान था, जिसके कारण स्वीडन में ब्लैकआउट हो गया और दक्षिण अफ्रीका में बिजली के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा.

NOAA ने जारी की चेतावनी
इसके साथ ही NOAA ने चेतावनी देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में कई अन्य कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) के पृथ्वी से टकराने की आशंका है. वहीं, सूर्य से आए इस भू-चुंबकीय तूफान के कारण सैटेलाइट और धरती पर पावर ग्रिड प्रभावित हो सकते हैं. एजेंसी ने यह भी कहा कि इसके चलते संवाद बाधित होने के साथ-साथ कई इलाके भी अंधकार में डूब सकते हैं.

शुक्रवार को आए तूफान की वजह से जो हरी और नीली रोशनी उत्पन्न हुई है. उस रोशनी को अगले कुछ दिनों जा सकता है. बता दें, इस रौशनी को ब्रिटेन से तस्मानिया तक देखी गई है, अमेरिका के अधिकारियों का कहना है कि इन्हें दक्षिण में अलबामा और उत्तरी कैलिफोर्निया तक देखा जा सकता है. इस बीच, पूरे जर्मनी से लोगों ने सोशल मीडिया पर ऑरोरा की तस्वीरें पोस्ट कीं. वैज्ञानिकों का कहना है कि अरोरा का सबसे अच्छा दृश्य सेल फोन कैमरों से आ सकता है, जो नग्न आंखों की तुलना में रोशनी को पकड़ने में बेहतर हैं.

  1. एक सौर या भू-चुंबकीय क्या होता है
    सौर या भू-चुंबकीय तूफान पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर की एक बड़ी गड़बड़ी है - पृथ्वी के चारों ओर का क्षेत्र जो हमारे ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र द्वारा नियंत्रित होता है.
  2. सौर तूफान तब घटित होता है जब सौर वायु से पृथ्वी के आसपास के अंतरिक्ष वातावरण में ऊर्जा का बहुत कुशल आदान-प्रदान होता है.
  3. पृथ्वी का मैग्नेटोस्फीयर हमारे चुंबकीय क्षेत्र द्वारा निर्मित है और सूर्य द्वारा उत्सर्जित अधिकांश कणों से हमारी रक्षा करता है. लेकिन जब कोई सीएमई या उच्च गति की धारा पृथ्वी पर आती है तो यह मैग्नेटोस्फीयर को प्रभावित करती है.
  4. यदि आने वाले सौर चुंबकीय क्षेत्र को दक्षिण की ओर निर्देशित किया जाता है तो यह पृथ्वी के विपरीत उन्मुख चुंबकीय क्षेत्र के साथ दृढ़ता से संपर्क करता है.
  5. पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र तब प्याज की तरह खुल जाता है, जिससे ऊर्जावान सौर पवन कण ध्रुवों पर वायुमंडल से टकराने के लिए क्षेत्र रेखाओं से नीचे प्रवाहित होते हैं.

सौर तूफान के दौरान कौन-कौन सी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं.

  • संचार और इंटरनेट:सौर तूफानों से सेल फोन और रेडियो नेटवर्क बाधित हो सकते हैं. मोबाइल सेवाएं, जीपीएस और इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रभावित हो सकती है.
  • सैटेलाइट: सौर तूफान उपग्रहों को नुकसान पहुंचा सकते हैं या उन्हें निष्क्रिय कर सकते हैं, जिससे उन पर निर्भर विभिन्न सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं, जैसे सैटेलाइट टीवी, रेडियो और यहां तक कि कुछ इंटरनेट एक्सेस भी.
  • नेविगेशन: जीपीएस सिस्टम प्रभावित हो सकता है. जैसे एनओएए ने कहा कि उपग्रह सौर तूफानों के प्रति संवेदनशील हैं.
  • पावर ग्रिड: शक्तिशाली सौर तूफान बिजली लाइनों में करंट उत्पन्न कर सकते हैं, ट्रांसफार्मरों पर ओवरलोडिंग कर सकते हैं और व्यापक बिजली कटौती का कारण बन सकते हैं. सौर तूफान से होने वाली क्षति सौर ज्वालाएं उपग्रहों को नुकसान पहुंचा सकती हैं और इसकी भारी वित्तीय लागत हो सकती है.
  • एयरलाइनें: चार्जड कणों पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को परेशान करके एयरलाइनों को भी खतरा पहुंचा सकते हैं. बहुत बड़ी लपटें बिजली ग्रिडों में भी करंट पैदा कर सकती हैं और ऊर्जा आपूर्ति को ठप्प कर सकती हैं. जब कोरोनल मास इजेक्शन पृथ्वी पर हमला करते हैं तो वे भू-चुंबकीय तूफान और बढ़े हुए अरोरा का कारण बनते हैं.
  • जीपीएस: वे रेडियो तरंगों, जीपीएस निर्देशांक और विद्युत प्रणालियों को अधिभारित कर सकते हैं. ऊर्जा का एक बड़ा प्रवाह उच्च वोल्टेज पावर ग्रिड में प्रवाहित हो सकता है और ट्रांसफार्मर को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है. इससे दुनिया भर में व्यवसाय और घर बंद हो सकते हैं. जनवरी 2005 में पृथ्वी पिछले 50 वर्षों में सौर विकिरण के उच्चतम स्तर से प्रभावित हुई थी. आज का तूफान विध्वंस करने के लिए काफी शक्तिशाली हो सकता है.

NOTE: इतिहास में दर्ज सबसे शक्तिशाली भू-चुंबकीय तूफान, जिसे कैरिंगटन इवेंट के नाम से जाना जाता है. वह सितंबर 1859 में आया था, जिसका नाम ब्रिटिश खगोलशास्त्री रिचर्ड कैरिंगटन के नाम पर रखा गया था.

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Last Updated : May 11, 2024, 6:44 PM IST

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