नलगोंडा: तेलंगाना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विशेष मामलों की सुनवाई करने वाली नलगोंडा की द्वितीय अतिरिक्त जिला सत्र अदालत ने मंगलवार को अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में 17 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस अदालत के इतिहास में यह पहली बार है कि एक साथ इतने लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
न्यायाधीश रोजा रमानी ने अजीमपेट के बत्ता लिंगय्या की निर्मम हत्या के मामले में 17 आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनायी है. साथ ही प्रत्येक दोषी पर 6000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. जिन दोषियों के खिलाफ सजा सुनायी गई है उनमें पंडित रामास्वामी, पंडित शैलू, पंडित रामुलु, पंडित मल्लेश, बंदगोर्ला वलराज, पंडित यदय्या, जक्कुला रमेश, पंडित श्रीकांत, पंडित सतीश, पंडित नरसय्या, पंडित सत्यनारायण, बंदगोर्ला नागम्मा, पंडित श्रीनू, पंडित मल्लय्या, पंडित लिंगय्या, जक्कुला लच्छय्या और पोलाबोयना लिंगय्या शामिल है. सभी एक ही गांव के रहने वाले हैं.
अभियोजन पक्ष के अनुसार बत्ता लिंगय्या अजीमपेट के पंडित राजमल्लू की हत्या के मामले में आरोपी था. दशहरा के अवसर पर 30 सितंबर, 2017 की शाम को लिंगय्या अजीमपेट में अपने गांव के बाहर आयोजित जम्मी पूजा में भाग लेने के बाद घर लौट रहे था. उस समय पंडित राजमल्लू के बेटे रामास्वामी अन्य आरोपियों के साथ वहां पहुंचे. तत्कालीन सरपंच पोलेबॉय लिंगय्या के उकसावे पर सभी ने जाति के नाम पर बत्ता लिंगय्या को अपमानित किया और पत्थरों और डंडों से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी. इस संबंध में मामला दर्ज करने वाली अडागुदुर पुलिस ने 18 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए.
एक आरोपी जक्कुला भिक्षामैया की मौत हो गई, जबकि आरोप सिद्ध होने पर कोर्ट ने शेष 17 लोगों को दोषी करार दिया. हत्या के अपराध में आजीवन कारावास व जुर्माना ठोका है. अलग-अलग मामलों में भी सजा सुनायी गई और जुर्माना ठोका गया. अभियोजन पक्ष की ओर से एडिशनल पीपी अखिलयादव पेश हुए. ने किया.