नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय कार्यालय के लिए लुटियंस दिल्ली में बंगला अलॉट हो गया है. दरअसल, राष्ट्रीय पार्टी का खिताब बनने के बाद से ही आम आदमी पार्टी नई दिल्ली इलाके में पार्टी मुख्यालय के लिए जमीन व बंगले के मांग कर रही थी. लेकिन इसमें लगातार देरी हो रही थी. मामला कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट के आदेश पर अब पार्टी को कार्यालय के लिए सरकारी बंगला अलॉट किया गया है.
AAP मुख्यालय का नया पता:कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के लिए नया कार्यालय एलॉट किया है. यह बंगला नंबर-1,रविशंकर शुक्ला लेन, नई दिल्ली होगा. यह आम आदमी पार्टी मुख्यालय का नया पता होगा. अभी तक 206 राउज एवेन्यू आम आदमी पार्टी के कार्यालय का पता था. चुनाव आयोग से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल कर चुकी आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय कार्यालय अब पंडित रविशंकर लेन में होगा. यह फैसला केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने लिया है. बता दें कि ये दफ्तर कभी शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का था.
AAP का एक पंडित रविशंकर लेन में होगा 5वां कार्यालय
- AAP का गठन 26 नंवबर 2012 को हुआ था. तब पार्टी की गतिविधियां गाजियाबाद के कौशांबी के ए-119 फ्लैट से शुरू हुई थी.
- दिल्ली में वर्ष 2013 में पार्टी ने विधानसभा चुनाव लड़ा तो इसका कार्यालय कनॉट प्लेस के 41 हनुमान रोड पर किराये के घर में शिफ्ट हो गया.
- सितंबर 2014 में पार्टी का दफ्तर 28/8 ईस्ट पटेल नगर शिफ्ट हुआ.
- 2015 में 67 सीटें जीतकर जब दिल्ली में AAP सरकार बनी तो राउज एवेन्यू स्थित 206 नंबर बंगले में सरकार में मंत्री रहें आसिम अहमद खान को आवंटित किया गया. कुछ समय बाद मंत्री बर्खास्त कर दिए गए तब से 206 राउज एवेन्यू में AAP का दफ्तर चल रहा है. अब केंद्र सरकार ने 1 पंडित रविशंकर लेन स्थित बंगले को कार्यालय के लिए आवंटित किया है. यह पांचवां स्थान होगा.
AAP ने कहा, जानबूझकर देरी की जा रही:बता दें कि, दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले दिनों आम आदमी पार्टी को कार्यालय के लिए जमीन आवंटन की मांग संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को कहा है कि वह 25 जुलाई तक फैसला ले. कोर्ट की सुनवाई के दौरान केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने और अधिक समय की मांग की, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया था. आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक गोपाल राय का कहना है कि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद ही पार्टी ने जमीन के लिए आवेदन कर दिया था. नियमों के मुताबिक जमीन के आवंटन के तीन साल के भीतर पार्टी को अपना कार्यालय बनाना होता है. लेकिन इसमें देरी हुई.