उत्तरकाशी: भादों माह में उच्च हिमालयी क्षेत्र में मनाए जाने वाले अंदुड़ी त्योहार की तैयारी शुरू हो गई है. इस अवसर पर ग्रामीण बुग्यालों में एक विशेष दिन निकालकर अपने आराध्य देव को दूध दही चढ़ाकर लोकनृत्य करते हैं. साथ ही एक दूसरे पर मक्खन और दही लगाकर होली खेलते हैं. दयारा बुग्याल में इसे बटर फेस्टिवल का नाम दिया गया है. जिसे धूमधाम से मनाया जाता है.
उत्तरकाशी के गांव में लोग सावन और भादों माह में खेतों में रूपाई पूरी होने के बाद अपने पालतू पशुओं को लेकर गांव के ऊंचे बुग्यालों और डांडी-कांडियों की ओर चले जाते हैं. बुग्यालों और डांडो में अच्छी घास होने के कारण गाय और भैंसे अच्छा दूध देती हैं. इस दौरान ग्रामीणों की छानियां दूध और दही मक्खन से भर जाते हैं. जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा अंदुड़ी त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है.
ग्रामीण अपने आराध्य देव को अपनी दूध की समृधि में शामिल करते हैं. ग्रामीण बुग्यालों में एक विशेष दिन निकालकर अपने आराध्य देव को दूध-दही चढ़ाकर लोकनृत्य करते हैं. साथ ही एक दूसरे पर मक्खन और दही लगाकर होली खेलते हैं. आज पर्यटन के दृष्टिकोण से दयारा बुग्याल में इसे बटर फेस्टिवल का रूप दिया गया है.
पढ़ें-उत्तराखंडः 5 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, स्कूलों में अवकाश घोषित
उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल में अंदुड़ी त्योहार को बटर फेस्टिवल के रूप में मनाने की तैयारी प्रशासन सहित स्थानीय ग्रामीणों ने पूरी कर ली है. अंदुड़ी का त्योहार जनपद के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण मनाते हैं, क्योंकि उनके गांव से बुग्यालों की दूरी कम होती है. इस वर्ष अंदुड़ी का त्योहार 17 अगस्त को दयारा बुग्याल में धूमधाम से मनाया जाएगा.
इस त्योहार की होली के लिए ग्रामीणों ने अपनी छानियों में दूध, दही, मट्ठा एकत्रित कर रखा है. 17 अगस्त को दूध और दही की होली खेली जाएगी. इसके लिए प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है. त्योहार के दौरान मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध रहेगी.