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मेहमान परिंदों की हिफाजत के लिए स्पेशल टीम गठित, शिकारियों पर पैनी नजर

जाड़े का मौसम शुरू होते ही काफी तादाद में विदेशी साइवेरियन पक्षी उत्तराखंड में आना शुरू कर देते हैं. ऐसे में पक्षियों का शिकार होने की संभावना को देखते हुए वन विभाग ने दस सदस्यीय टीम का गठन किया है.

मेहमान परिदों की हिफाजत के लिए स्पेशल टीम गठित
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Published : Nov 16, 2019, 10:11 PM IST

Updated : Nov 16, 2019, 10:55 PM IST

खटीमाः जाड़े का मौसम शुरू होते ही जलाशयों पर विदेशी पक्षियों का जमावड़ा लग जाता है. ऐसे में वन विभाग ने विदेशी पक्षियों को शिकारियों से बचाने के लिए स्पेशल टीम का गठन किया है. जलाशयों के किनारे शिकारियों की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए स्पेशल टीम ने गश्त शुरू कर दी है.

बता दें कि, सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है. जिसके चलते उधम सिंह नगर जिले के शारदा डैम, नानक सागर डैम और धौरा धाम और उससे सटे आसपास के जलाशयों में आजकल विदेशी साइबेरियन पक्षियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. इस बार पहाड़ों में ठंड की शुरुआत में हुई बर्फबारी के कारण तराई में साइबेरियन पक्षी काफी तादाद में आने शुरू हो गए हैं.

ये भी पढ़ेंःफूलों से सजा बदरी विशाल का दरबार, कल बंद होंगे कपाट

वन अधिकारियों के अनुसार जाड़े के मौसम में विदेशी साइवेरियन पक्षियों का उत्तराखंड आने का सिलसिला शुरू हो जाता है. इन पक्षियों का स्थानीय लोगों व शिकारियों द्वारा शिकार किए जाने की घटनाएं हर साल सामने आती है. ऐसे में पक्षियों को शिकार से बचाने के लिए वन विभाग ने रेंजर के नेतृत्व में दस सदस्यीय टीम का गठन किया है.

इस टीम में वन कर्मचारियों के अतिरिक्त पीआरडी के युवा जवानों को भी शामिल किया गया है. स्पेशल टीम द्वारा संदिग्ध लोगों के क्रियाकलापों पर नजर रखी जाएगी. साथ ही पुलिस की मदद से छापेमारी अभियान भी चलाया जाएगा. ताकि इन पक्षियों को शिकारियों के शिकार से बचाया जा सके.

खटीमाः जाड़े का मौसम शुरू होते ही जलाशयों पर विदेशी पक्षियों का जमावड़ा लग जाता है. ऐसे में वन विभाग ने विदेशी पक्षियों को शिकारियों से बचाने के लिए स्पेशल टीम का गठन किया है. जलाशयों के किनारे शिकारियों की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए स्पेशल टीम ने गश्त शुरू कर दी है.

बता दें कि, सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है. जिसके चलते उधम सिंह नगर जिले के शारदा डैम, नानक सागर डैम और धौरा धाम और उससे सटे आसपास के जलाशयों में आजकल विदेशी साइबेरियन पक्षियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. इस बार पहाड़ों में ठंड की शुरुआत में हुई बर्फबारी के कारण तराई में साइबेरियन पक्षी काफी तादाद में आने शुरू हो गए हैं.

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वन अधिकारियों के अनुसार जाड़े के मौसम में विदेशी साइवेरियन पक्षियों का उत्तराखंड आने का सिलसिला शुरू हो जाता है. इन पक्षियों का स्थानीय लोगों व शिकारियों द्वारा शिकार किए जाने की घटनाएं हर साल सामने आती है. ऐसे में पक्षियों को शिकार से बचाने के लिए वन विभाग ने रेंजर के नेतृत्व में दस सदस्यीय टीम का गठन किया है.

इस टीम में वन कर्मचारियों के अतिरिक्त पीआरडी के युवा जवानों को भी शामिल किया गया है. स्पेशल टीम द्वारा संदिग्ध लोगों के क्रियाकलापों पर नजर रखी जाएगी. साथ ही पुलिस की मदद से छापेमारी अभियान भी चलाया जाएगा. ताकि इन पक्षियों को शिकारियों के शिकार से बचाया जा सके.

Intro:summary- जाड़े के मौसम में उत्तराखंड आने वाले विदेशी साइबेरियन पक्षियों की सुरक्षा के लिए वन महकमा हुआ सतर्क। विदेशी पक्षियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने टीम की गठित साथ ही जलाशयों के किनारे गश्त बढायी।

नोट-खबर मेल में है।

एंकर- जाड़े का मौसम शुरू होते ही सीमांत क्षेत्र के जलाशयों पर विदेशी पक्षियों का लगा जमावड़ा वन विभाग ने विदेशी पक्षियों को शिकारियों से बचाने के लिए वन विभाग की स्पेशल टीम का किया गठन। जलाशयों के किनारे शिकारियों की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए वन विभाग की स्पेशल टीम ने गश्त की शुरु।


Body:वीओ- सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है,जिसके चलते उधम सिंह नगर जिले के शारदा डाम- नानक सागर डैम और धौरा धाम तथा उससे सटे हुए आसपास के जलाशयों में आजकल विदेशी साइबेरियन पक्षियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। जानकारों की माने तो इस बार इस बार पहाड़ों मैं ठंड की शुरुआत में हुई बर्फबारी के कारण तराई में भी पड़ रही ठंड के चलते विदेशी साइबेरियन पक्षी काफी तादाद में आना शुरू हो गए हैं। वन अधिकारियों के अनुसार जाड़े का मौसम शुरू होते ही काफी तादाद में विदेशी सावरेन पक्षी उत्तराखंड में आना शुरू कर देते हैं। इन साइबेरियन पक्षियों का स्थानीय लोगों व शिकारियों द्वारा भारी मात्रा में शिकार किए जाने की घटनाये हर साल सामने आती है। इसलिए विदेशी सागर पक्षियों को शिकार से बचाने के लिए वन विभाग द्वारा रेंजर के नेतृत्व में दस सदस्य स्पेशल टीम का गठन किया गया है। जिसमें वन कर्मचारियों के अतिरिक्त पीआरडी के युवा जवानों को भी शामिल किया गया है। स्पेशल टीम द्वारा संदिग्ध लोगों के क्रियाकलापों पर नजर रखी जाएगी। साथ ही पुलिस की मदद से छापेमारी अभियान भी चलाया जाएगा। ताकि इन विदेशी पक्षियों को शिकारियों के शिकार से बचाया जा सके।

बाइट- नितेश मणि त्रिपाठी डीएफओ तराई पूर्वी वन प्रभाग


Conclusion:
Last Updated : Nov 16, 2019, 10:55 PM IST
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