देश और दुनिया में आजकल करोड़ों लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. यह एक ऐसी बीमारी है जो उम्र की परवाह किए बिना ही लोगों को प्रभावित करती है. आज के समय में काफी संख्या में युवा वर्ग भी मधुमेह की समस्या का सामना कर रहे हैं. वहीं, डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है. इसमें आंखें, दिल, नसें, पैर, किडनी, दिमाग, और मुंह शामिल हैं. अगर डायबिटीज के मरीज अपने स्वास्थ्य और ब्लड शुगर लेवल का ध्यान न रखें, तो उन्हें किडनी फेलियर का खतरा ज्यादा रहता है. खबर के माध्यम से जानें कि डायबिटीज के कारण किस प्रकार किडनी को नुकसान पहुंचाता है...
किस प्रकार डायबिटीज किडनी की बीमारी का कारण बनता है?
गर डायबिटीज मरीज का ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा रहता है, तो किडनी ठीक से काम नहीं कर सकते है. अगर किडनी ठीक से काम न करें, तो वे खून को साफ नहीं कर पाते और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में असमर्थ हो जाते हैं और इससे किडनी फेल हो सकती है. बता दें, इस स्थिति को किडनी की खराबी या किडनी फेलियर कहते हैं. डायबिटीज रोगियों में किडनी डिजीज के कुछ लक्षण इस प्रकार होते हैं, इनमें हाई ब्लड प्रेशर, बार-बार पेशाब आना, भूख न लगना, सांस लेने में कठिनाई और थकान शामिल हैं.
डायबिटीज किडनी में ब्लड वेसेल्स और फिल्टर को नुकसान पहुंचाकर किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है. यह क्षति क्रोनिक किडनी रोग (CKD) का कारण बन सकती है.
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डायबिटीज से होने वाले किडनी डिजीज के होते हैं कई नाम
डायबिटीज से होने वाले किडनी डिजीज को डीकेडी, क्रोनिक किडनी रोग, सीकेडी, डायबिटीक किडनी डिजीज या मधुमेह नेफ्रोपैथी भी कहा जाता है.
- हाई ब्लड शुगर लेवल किडनी में ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचाता है.
- हाई ब्लड प्रेशर, जो डायबिटीज मरीजों में आम है, किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकता है.
- क्षतिग्रस्त ब्लड वेसल्स ठीक से काम नहीं करती हैं, जिससे किडनी की अपशिष्ट को छानने की क्षमता कम हो सकती है.
- एल्बुमिन, एक प्रोटीन जो रक्त में रहना चाहिए, पेशाब में चला जाता है. (जब किडनी ठीक से काम नहीं करते, तो ब्लड में मौजूद एल्बुमिन प्रोटीन पेशाब में चला जाता है. इसे एल्बुमिनुरिया या प्रोटीनुरिया कहते हैं. यह किडनी की बीमारी का संकेत हो सकता है.)
शरीर में किडनी का क्या है कार्य?
किडनी मानव शरीर में एक प्यूरीफायर की तरह काम करती है. ऐसे में किडनी फेलियर होने पर पूरे शरीर प्रभावित हो सकता है. दरअसल, यूरिनरी सिस्टम और यूरिनरी ट्रैक्ट शरीर से खराब पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं. किडनी खून से अपशिष्ट पदार्थों और अधिक पानी को छानकर पेशाब बनाती है. शरीर को स्वस्थ रखने के लिए मूत्र प्रणाली बहुत महत्वपूर्ण है. अगर यह ठीक से काम नहीं करती है, तो शरीर में खराब पदार्थ और अतिरिक्त पानी जमा हो सकता है. इससे हृदय प्रणाली जैसे अन्य सिस्टम को भी नुकसान पहुंच सकता है और गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में किडनी को स्वस्थ रखने के लिए सिर्फ पानी पीना ही काफी नहीं है. किडनी खराब होना जानलेवा हैजब डायबिटीज मरीजों के खून में शुगर लेवल बहुत अधिक हो जाता है, तो किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है.
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कब किडनी प्रत्यारोपण करना पड़ता है
डायबिटीज से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने लगती है. इससे मूत्र पथ के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, ऐसी स्थिति में डायलिसिस, दवा और किडनी प्रत्यारोपण की भी आवश्यकता होती है. डायबिटीज मरीजों में किडनी की बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है. इसलिए, इसका उपयोग रोगी को राहत प्रदान करने और कॉम्प्लिकेशन्स को कम करने के लिए किया जाता है. आप अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर इन समस्याओं को कम कर सकते हैं.
ध्यान देने वाली बात
डायबिटीज से पीड़ित अधिकांश लोगों में किडनी रोग के लक्षण नहीं दिखते हैं. यह जानने का एकमात्र तरीका है कि आपको डायबिटीक किडनी डिजीज है या नहीं, अपने किडनी की जांच करवाएं...
(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)