पिथौरागढ़: पैराग्लाइडिंग के लिए सबसे मुफीद माने जाने वाले पिथौरागढ़ शहर में पिछले 4 सालों से पैराग्लाइडिंग का आयोजन नहीं हो पाया है. दरअसल, नैनी-सैनी हवाई पट्टी से हवाई सेवाओं के संचालन को देखते हुए पैराग्लाइडिंग पर प्रतिबंध लगा है. बहरहाल न तो हवाई सेवा संचालित हो रही है और न ही हवाई खेलों को अनुमति मिल पा रही है. जिसके चलते पैराग्लाइडिंग से जुड़े लोग बेरोजगार हो गए हैं. साथ ही पैराग्लाइडिंग के जरिए पर्यटन विकास की उम्मीदों को भी तगड़ा झटका लगा है.
बता दें कि पिथौरागढ़ शहर में हवाई खेलों की संभावना को देखते हुए वर्ष 2016 में यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता कराई गई थी. जिसमें देश-विदेश के पायलटों ने भी भागीदारी की थी. सोरघाटी पिथौरागढ़ को पैराग्लाइडिंग के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है. मगर जिले में हवाई सेवा के संचालन को देखते हुए पैराग्लाइडिंग की संभावनाएं परवान नहीं चढ़ पा रही हैं. पर्यटन एवं साहसिक खेल मंत्री सतपाल महाराज ने इस मामले में जांच करते हुए पैराग्लाइडिंग को जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया है.
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मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि जिले में पैराग्लाइडिंग क्यों बंद है, इस मामले की जांच की जाएगी. साथ ही पिथौरागढ़ जिले में हवाई खेलों के आयोजन को मंजूरी दी जाएगी. जिससे जनपद में साहसिक खेल परवान चढ़ सकें.
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पैराग्लाइडिंग के उपकरण खा रहे जंग
सोरघाटी में पिछले चार वर्षों से पैराग्लाइडिंग का आयोजन नहीं होने से इससे जुड़े लोग बेरोजगार हैं. आलम ये है कि पैराग्लाइडिंग के हुनर के साथ ही इसके उपकरणों को भी जंग लग रहा है. पैराग्लाइडिंग के जरिए अपनी आजीविका चलाने वाले दर्जनों पायलट अब बेरोजगारी की मार झेलने को मजबूर हैं.