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उम्रदराज पेड़ बने लोगों के लिए खतरा, हल्की आंधी में भी गिर रहे हैं

सरोवर नगरी नैनीताल में 100 वर्ष पुराने पेड़ नागरिकों के लिए खतरा बन रहे हैं.पेड़ों की जड़ पूरी तरह से खोखली हो चुकी हैं. ऐसे में कभी भी गिर सकते हैं.

उम्रदराज पेड़
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Published : Jul 19, 2019, 6:28 AM IST

नैनीतालः बरसाती सीजन के शुरू होते ही शहर में पेड़ गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है. नैनीताल में बीते 2 दिन के अंदर करीब 60 से 70 पेड़ जमींदोज हो गए हैं. जिस कारण 100 साल पुराने पेड़ों से स्थानीय लोगों को जान का खतरा बना हुआ है. नैनीताल में बीते दिन आई तेज बारिश व आंधी ने चीड़, बांज, देवदार जैसे कई मजबूत पेड़ों को आसानी से गिरा दिया.

100 वर्ष पुराने पेड़ों से नागरिकों को खतरा.

गनीमत रही कि इन पेड़ों की चपेट में कोई स्थानीय नहीं आया नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था. पर्यावरणविद व पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अनूप शाह बताते हैं कि नैनीताल में अधिकांश पेड़ 100 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं.

जिनसे स्थानीय लोगों को काफी खतरा है और इन पेड़ों की जड़ में विभिन्न प्रकार के कीड़े भी लग चुके हैं. जिस वजह से पेड़ों की जड़ पूरी तरह से खोखली हो चुकी हैं जो हल्की सी आधी में भी गिर रहे हैं. जिसके लिए वन विभाग को इन पेड़ों की छंटनी कर इनको काटना चाहिए ताकि आने वाले समय में किसी प्रकार की बड़ी अनहोनी घटना से बचा जा सके.

यह भी पढ़ेंः हाई कोर्ट के आदेश पर चला पीला पंजा, नगर निगम का पार्क भी हुआ जमींदोज

वहीं नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में गिरे सैकड़ों पेड़ों के मामले में पर्यावरणविद और स्थानीय मानते हैं कि नैनीताल में अब ऐसे पेड़ लगाएं जिनसे न केवल झील को पानी मिलेगा बल्कि वो नैनी झील की सुंदरता को देखने में बाधित न हों. साथ ही स्थानीय लोग फलदार, फूलदार और पानी बचाने वाले वृक्षों को प्लानिंग के साथ लगाने के लिए एक कमेटी का गठन करने की मांग कर रहे हैं.

वहीं नैनीताल में पेड़ गिरने के मामले में डीएम नैनीताल ने कहा कि खतरनाक पेड़ों को चिन्हित कर निस्तारित करने के लिए एक बैठक की जा रही है. साथ ही बरसात में जो पेड़ गिरे उनका निस्तारण कर लिया गया है.

नैनीतालः बरसाती सीजन के शुरू होते ही शहर में पेड़ गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है. नैनीताल में बीते 2 दिन के अंदर करीब 60 से 70 पेड़ जमींदोज हो गए हैं. जिस कारण 100 साल पुराने पेड़ों से स्थानीय लोगों को जान का खतरा बना हुआ है. नैनीताल में बीते दिन आई तेज बारिश व आंधी ने चीड़, बांज, देवदार जैसे कई मजबूत पेड़ों को आसानी से गिरा दिया.

100 वर्ष पुराने पेड़ों से नागरिकों को खतरा.

गनीमत रही कि इन पेड़ों की चपेट में कोई स्थानीय नहीं आया नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था. पर्यावरणविद व पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अनूप शाह बताते हैं कि नैनीताल में अधिकांश पेड़ 100 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं.

जिनसे स्थानीय लोगों को काफी खतरा है और इन पेड़ों की जड़ में विभिन्न प्रकार के कीड़े भी लग चुके हैं. जिस वजह से पेड़ों की जड़ पूरी तरह से खोखली हो चुकी हैं जो हल्की सी आधी में भी गिर रहे हैं. जिसके लिए वन विभाग को इन पेड़ों की छंटनी कर इनको काटना चाहिए ताकि आने वाले समय में किसी प्रकार की बड़ी अनहोनी घटना से बचा जा सके.

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वहीं नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में गिरे सैकड़ों पेड़ों के मामले में पर्यावरणविद और स्थानीय मानते हैं कि नैनीताल में अब ऐसे पेड़ लगाएं जिनसे न केवल झील को पानी मिलेगा बल्कि वो नैनी झील की सुंदरता को देखने में बाधित न हों. साथ ही स्थानीय लोग फलदार, फूलदार और पानी बचाने वाले वृक्षों को प्लानिंग के साथ लगाने के लिए एक कमेटी का गठन करने की मांग कर रहे हैं.

वहीं नैनीताल में पेड़ गिरने के मामले में डीएम नैनीताल ने कहा कि खतरनाक पेड़ों को चिन्हित कर निस्तारित करने के लिए एक बैठक की जा रही है. साथ ही बरसात में जो पेड़ गिरे उनका निस्तारण कर लिया गया है.

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सरोवर नगरी नैनीताल में 100 साल से अधिक पुराने पेड़ लोगों के लिए खतरा बन चुके हैं

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नैनीताल में बरसाती सीजन के शुरू होते ही पेड़ गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है नैनीताल में है बीते 2 दिन के अंदर करीब 60 से 70 पर जमीदोष गए, जिस कारण 100 साल पुराने पेड़ों से स्थानीय लोगों को जान का खतरा बना हुआ है।Body:नैनीताल में बीते दिन आई तेज बारिश व आँधी ने चीड़,बांज,देवदार जैसे कई मजबूत पेड़ों को आसानी से गिरा दिया, गनीमत रही कि इन पेड़ों की चपेट में कोई स्थानीय नहीं आया नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था पर्यावरणविद व पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अनूप शाह बताते हैं कि नैनीताल में अधिकांश पेड़ 100 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं जिन से स्थानीय लोगों को काफी खतरा है और इन पेड़ों की जड़ में विभिन्न प्रकार के कीड़े भी लग चुके हैं जिस वजह से पेड़ों की जड़ पूरी तरह से खोखली हो चुकी हैं जो हल्की सी आधी में भी गिर रहे हैं जिसके लिए वन विभाग को इन पेड़ों की छंटनी कर इनको काटना चाहिए ताकि आने वाले समय में किसी प्रकार की बड़ी अनहोनी घटना से बचा जा सके।

बाईट - पद्मश्री अनूप साह, पर्यावरणविद ।Conclusion:वही नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में गिरे सैकड़ों पेड़ों के मामले में पर्यावरणविद और स्थानीय मानते हैं कि नैनीताल में अब ऐसे पेड़ लगाएं जिनसे ना केवल झील को पानी मिलेगा बल्कि वो वो नैनी झील की सुंदरता को देखने मे बाधित ना ही, साथ ही स्थानीय लोग फलदार, फूलदार और पानी बचाने वाले वृक्षों को प्लानिंग के साथ लगाने के लिए एक कमिटी का गठन करने की मांग कर रहे है।
वही नैनीताल में पेड़ गिरने के मामले में डीएम नैनीताल ने कहा कि खतरनाक पेड़ों को चिन्हित कर निस्तारित करने के लिए एक बैठक करी जा रही है, साथ ही बरसात में जो पेड़ गिरे उनका निस्तारण कर लिया गया है साथ ही स्थलीय निरीक्षण भी किया जाएगा ।

बाईट - सवीन बंसल,डी एम नैनीताल ।

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