जम्मू: भारतीय सेना के टाइगर डिवीजन ने 26 जनवरी 2025 को बलिदान स्तंभ युद्ध स्मारक पर 76वां 'गणतंत्र दिवस' मनाया. टाइगर डिवीजन द्वारा हर साल बलिदान स्तंभ पर समारोह मनाया जाता है. बलिदान स्तंभ को भारत में सबसे ऊंचे युद्ध स्मारक होने का गौरव प्राप्त है. जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज कुमार सिन्हा ने स्मारक की 'अनन्त ज्वाला' पर पुष्पांजलि अर्पित वीर जवानों के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि दी.
बलिदान स्तम्भ का इतिहास: जम्मू में बलिदान स्तम्भ को स्वतंत्रता के बाद से लड़े गए युद्धों के स्मारक के रूप में बनाया गया है. बलिदान स्तंभ, उन सैन्य और अर्धसैनिक बलों के प्रति भारत के लोगों की कृतज्ञता का प्रतिनिधित्व करता है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहूति दी है. जम्मू में बलिदान स्तम्भ का निर्माण 2008 में शहर के मध्य में शुरू हुआ. इसे स्तंभ के आधार से लगभग 60 मीटर की ऊंचाई पर राइफलों के आकार में बनाया गया. सैनिकों की यादों का प्रतिनिधित्व करने के लिए बलिदान स्तम्भ के नीचे अखंड ज्योति रखी गई है.
क्या है इसकी खासियतः जम्मू में बलिदान स्तम्भ का उद्घाटन 2009 में किया गया था. बाद में इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया. बलिदान स्तंभ तीन अलग-अलग जल परतों से घिरा हुआ है. स्तंभ की पृष्ठभूमि काले ग्रेनाइट से बनी है, जिस पर वीर सैनिकों की गाथा को को दर्शाया गया है. सामने स्थित स्मारक टावर पर वीर शहीदों के नाम लिखे हुए हैं. शिलालेख की दीवार अशोक चक्र और परमवीर चक्र विजेताओं के भित्तिचित्रों से सजी हुई है.
उपराज्यपाल ने झंडा फहरायाः उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज सुबह जम्मू के मौलाना आज़ाद स्टेडियम में राष्ट्रीय ध्वज फहराया. उपराज्यपाल ने परेड का निरीक्षण किया और औपचारिक सलामी ली. गणतंत्र दिवस के रंगारंग समारोह का आयोजन किया गया. विभिन्न स्कूलों और विभागों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये. गणतंत्र दिवस परेड में सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी, आईआरपी (महिला और पुरुष), जम्मू-कश्मीर पुलिस शामिल थी.
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