नैनीताल: राज्य सरकार द्वारा रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा लगाने और कर्मचारियों को वेतन न देने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने प्रदेश के परिवहन सचिव शैलेश बगौली को 26 सितम्बर तक कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन और सरकार ने पिछले 4 महीने से रोडवेज कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया है. वहीं, राज्य सरकार पर स्कूली छात्राओं और वृद्धजनों समेत दिव्यांगों को फ्री में यात्रा कराने पर 86 करोड़ बकाया है.
गौर हो कि चार महीने से वेतन नहीं मिलने से नाराज रोडवेज एसोसिएशन ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है, जो सरासर गलत है. सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है. सरकार व परिवहन निगम न तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रहे है और न ही उनको नियमित वेतन दे रहे है. पिछले 4 साल से ओवरटाइम का पैसा तक नहीं दिया गया. इसके अलावा रिटायर्ड कर्मचारियों के देय का अब तक भुगतान नहीं किया गया है.
पढ़ेंः बाघ और गुलदार के अंग बरामद होने पर हाईकोर्ट सख्त, तीन हफ्ते में जवाब पेश करने के आदेश
रोडवेज एसोसिएशन के मुताबिक, कर्मचारी यूनियन का सरकार और निगम के साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद सरकार कर्मचारियों पर एस्मा लगाने जा रही है. उत्तर प्रदेश परिवहन निगम का उत्तराखंड परिवहन निगम पर 700 करोड़ रुपए का बकाया है. जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
पढ़ेंः जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव मामले में हाई कोर्ट में फैसला सुरक्षित
एसोसिएशन के कर्मचारियों के अनुसार, राज्य सरकार उत्तर प्रदेश से 700 करोड़ लेने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है. इस आर्थिक तंगी का असर ये है कि उत्तराखंड परिवहन निगम नई बसें नहीं खरीद पा रहा है, न ही यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी समेत अन्य सुविधाएं की व्यवस्था कर पा रहा है. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने प्रदेश के परिवहन सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए है.