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पौड़ी गढ़वाल के मुख्य शिक्षा अधिकारी पर HC सख्त, जारी किया कारण बताओ नोटिस

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Published : Jul 21, 2021, 10:27 PM IST

पौड़ी गढ़वाल के मुख्य शिक्षा अधिकारी के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही 10 अगस्त तक न्यायालय में जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

nainital High Court
मुख्य शिक्षा अधिकारी पर HC सख्त

नैनीताल: पौड़ी गढ़वाल के मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट ने कारण बताओं नोटिस जारी किया है. आरोप है कि मुख्य शिक्षा अधिकारी ने न सिर्फ कोर्ट के आदेश की अनदेखी की, बल्कि तथ्यों को भी तोड़ मरोड़कर पेश किया. जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने मुख्य शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

कोर्ट ने पौड़ी गढ़वाल के मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत के खिलाफ अवमानना के चार्ज फ्रेम करते हुए 11 अगस्त तक जवाब पेश करने को कहा है. बता दें जनता इंटर कॉलेज जांगीधार पौड़ी गढ़वाल के प्रबंधक उत्तम सिंह नेगी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी.

याचिका में उत्तम नेगी ने कहा कि पूर्व में कोर्ट ने मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी गढ़वाल को आदेश दिए थे कि उनके प्रत्यावेदन को विधि अनुसार निस्तारित करें, लेकिन मुख्य शिक्षा अधिकारी ने उनका प्रत्यावेदन को यह कह कर निरस्त कर दिया कि प्रबंध समिति के सदस्यों के चुनाव हेतु विज्ञप्ति शाह टाइम्स अखबार में निकाली गई थी, जो उनकी लिस्ट में नही है. जबकि उनकी लिस्ट में दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान, अमर उजाला और राष्ट्रीय सहारा थे.

ये भी पढ़ें: 'क्यों न अधिकारियों को भी दिया जाए 50% वेतन', रोडवेज कर्मचारी वेतन मामले पर HC की टिप्पणी

पूर्व में याचिकाकर्ता ने कोर्ट में याचिक दायर कर कहा था कि कॉलेज के प्रबंध समिति का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है, जो अब समाप्त होने वाला है. समय समाप्त होने से पहले नई समिति का गठन किया जाए. इस सम्बंध में उनके द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र दिया गया था. जिस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने समिति के गठन हेतु शाह टाइम्स में विज्ञप्ति निकाली. जबकि यह समाचार पत्र कॉलेज की लिस्ट में शामिल नहीं था.

जब प्रबंधक द्वारा नई समिति का चुनाव कराने को कहा तो अधिकारी ने यह कह कर उनका प्रत्यावेदन को निरस्त कर दिया था कि शाह टाइम्स समाचार पत्र कालेज की लिस्ट में त्रुटि पूर्वक शामिल हो गया था. वहीं, अवमानना की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मुख्य शिक्षा अधिकारी से कहा कि यह तथ्य आपको याचिका की सुनवाई के दौरान रखना चाहिए था. आपने इस तथ्य को छुपाकर कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है. इसलिए आपके खिलाफ अवमानना का चार्ज फ्रेम किया जाता है.

नैनीताल: पौड़ी गढ़वाल के मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट ने कारण बताओं नोटिस जारी किया है. आरोप है कि मुख्य शिक्षा अधिकारी ने न सिर्फ कोर्ट के आदेश की अनदेखी की, बल्कि तथ्यों को भी तोड़ मरोड़कर पेश किया. जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने मुख्य शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

कोर्ट ने पौड़ी गढ़वाल के मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत के खिलाफ अवमानना के चार्ज फ्रेम करते हुए 11 अगस्त तक जवाब पेश करने को कहा है. बता दें जनता इंटर कॉलेज जांगीधार पौड़ी गढ़वाल के प्रबंधक उत्तम सिंह नेगी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी.

याचिका में उत्तम नेगी ने कहा कि पूर्व में कोर्ट ने मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी गढ़वाल को आदेश दिए थे कि उनके प्रत्यावेदन को विधि अनुसार निस्तारित करें, लेकिन मुख्य शिक्षा अधिकारी ने उनका प्रत्यावेदन को यह कह कर निरस्त कर दिया कि प्रबंध समिति के सदस्यों के चुनाव हेतु विज्ञप्ति शाह टाइम्स अखबार में निकाली गई थी, जो उनकी लिस्ट में नही है. जबकि उनकी लिस्ट में दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान, अमर उजाला और राष्ट्रीय सहारा थे.

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पूर्व में याचिकाकर्ता ने कोर्ट में याचिक दायर कर कहा था कि कॉलेज के प्रबंध समिति का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है, जो अब समाप्त होने वाला है. समय समाप्त होने से पहले नई समिति का गठन किया जाए. इस सम्बंध में उनके द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र दिया गया था. जिस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने समिति के गठन हेतु शाह टाइम्स में विज्ञप्ति निकाली. जबकि यह समाचार पत्र कॉलेज की लिस्ट में शामिल नहीं था.

जब प्रबंधक द्वारा नई समिति का चुनाव कराने को कहा तो अधिकारी ने यह कह कर उनका प्रत्यावेदन को निरस्त कर दिया था कि शाह टाइम्स समाचार पत्र कालेज की लिस्ट में त्रुटि पूर्वक शामिल हो गया था. वहीं, अवमानना की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मुख्य शिक्षा अधिकारी से कहा कि यह तथ्य आपको याचिका की सुनवाई के दौरान रखना चाहिए था. आपने इस तथ्य को छुपाकर कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है. इसलिए आपके खिलाफ अवमानना का चार्ज फ्रेम किया जाता है.

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