लालकुआं/हल्द्वानी: एक प्रदेश एक रॉयल्टी सहित खनन कार्य में लगे वाहनों के ग्रीन टैक्स में छूट सहित विभिन्न मांगों को लेकर गौला नदी से जुड़े खनन कारोबारी पिछले 2 महीनों से आंदोलनरत हैं. खनन कारोबारियों के आंदोलन के चलते नदी से होने वाले उप खनिज की निकासी दो महीने बाद भी शुरू नहीं हो पाई है. ऐसे में खनन संघर्ष समिति के बैनर तले बुधवार को सैकड़ों खनन कारोबारियों ने लालकुआं विधायक मोहन सिंह बिष्ट के आवास का घेराव (MLA Mohan Singh Bisht's residence surrounded) किया. इस दौरान विधायक अपने आवास पर मौजूद रहे. लेकिन बिना कारोबारियों के बात सुने आवास से निकल गए.
खनन कारोबारियों ने विधायक आवास पर धरना देते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार अन्य जगहों से ₹8 प्रति क्विंटल के रेट से खनन रॉयल्टी ले रही है. लेकिन गौला नदी से जुड़े खनन कारोबारियों से 38 रुपए प्रति क्विंटल के रेट से रॉयल्टी ले रही है. इसके अलावा खनन से जुड़े वाहनों से ग्रीन टैक्स भी वसूला जा रहा है, जो खनन कारोबारियों के साथ अन्याय है. उनका कहना है कि अपनी मांगों को लेकर सरकार से लेकर प्रशासन तक गुहार लगा चुके हैं. यही कारण है कि खनन सत्र शुरू हुए 2 महीने हो चुके हैं लेकिन खनन का कार्य शुरू नहीं हो पाया है.
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खनन कारोबारियों ने विधायक आवास का घेराव करते हुए कहा कि जब तक एक प्रदेश एक रॉयल्टी सहित उनके वाहनों में ग्रीन टैक्स की छूट नहीं दी जाती, तब तक वह खनन कारोबार नहीं किया जाएगा. खनन कारोबारियों ने धरना प्रदर्शन करते हुए कहा कि खनन कारोबार से हजारों की संख्या में वाहन स्वामी के अलावा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख से अधिक रोजगार जुड़े हुए हैं. लेकिन सरकार के इस रवैया से खनन से जुड़े लोगों में रोष है. सरकार अगर उनकी जल्द मांगें पूरी नहीं करती है तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा.
इस पूरे मामले में लालकुआं विधायक मोहन सिंह बिष्ट का कहना है कि खनन कारोबारियों ने उनसे वार्ता के लिए कहा था. जहां 5 लोगों को बुलाया था लेकिन 200 से अधिक खनन कारोबारी पहुंच गए. ऐसे में वार्ता नहीं हो सकती है. आवास पर धरना दे रहे खनन कारोबारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराऊंगा.