हल्द्वानी: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि के दिन अक्षय तृतीया मनाई जाती है. ज्योतिषों के अनुसार इस बार 22 अप्रैल यानी शनिवार को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यता अनुसार अक्षय तृतीया का दिन स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना जाता है. इस विशेष दिन पर स्नान-दान, तप और भगवान विष्णु की उपासना का विशेष महत्व होता है.
ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 22 अप्रैल दिन शनिवार सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसका समापन 23 अप्रैल सुबह 7 बजकर 47 मिनट पर होगा. अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. इस बार अक्षय तृतीया के दिन पूजा और खरीदारी का उत्तम मुहूर्त करीब साढ़े चार घंटे तक रहेगा.
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अक्षय तृतीया के दिन सुबह 7:50 बजे से लेकर दोपहर 12:20 बजे तक सर्वसिद्धि योग बन रहा है. जबकि दोपहर 1:10 से शाम 5:20 तक मध्य खरीदारी का योग बन रहा है. इस दिन माता लक्ष्मी गणेश जी और कुबेर की पूजा की जाती है. इससे धन, संपत्ति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होगी. मान्यता है कि भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का पृथ्वी पर अवतरण अक्षय तृतीया को ही हुआ था. अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के चरणों से धरती पर गंगा अवतरित हुई थीं. सतयुग, द्वापर और त्रेता युग का आरंभ भी इसी दिन हुआ था.
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया के दिन को बहुत ही खास माना गया है. इस दिन खरीदी गई वस्तु से लंबे समय तक समृद्धि प्रदान करती है और घर-परिवार के लिए में खुशहाली बनी रहती है. इस बार की अक्षय तृतीया पर अनेकों शुभ योग बन रहे हैं. ऐसे में इस दिन का और भी महत्व बढ़ गया है. ज्योतिषों के अनुसार इस अक्षय तृतीया पर भगवान से सुख-संपत्ति के साथ आरोग्यता का भी वर मांगना चाहिए.