नैनीताल: देहरादून में जहरीली शराबकांड में मरे 7 लोगों की मौत का मामला नैनीताल हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गया है. नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले की गंभीरता से लेते हुए देहरादून के जिलाधिकारी और जिला आबकारी अधिकारी को 2 सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
दरअसल, देहरादून निवासी प्रमोद शर्मा ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि देहरादून में जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 8 लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए. पूरे मामले में आबकारी अधिकारियों की ही लापरवाही थी. लिहाजा जिस तरह से रुड़की में जहरीली शराबकांड में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख और बीमार लोगों को 1-1 लाख का मुआवजा दिया गया था. उसी तरह की आर्थिक सहायता देहरादून शराबकांड में मारे गए लोगों के परिजनों को भी दी जाए.
पढ़ें- पंचायत चुनाव: दूसरे चरण में उधम सिंह नगर में रहा सबसे ज्यादा वोटिंग प्रतिशत
प्रमोद शर्मा ने अपनी याचिका में इस मामले में लापरवाही बरतने वाले आबकारी विभाग के संबंधित अधिकारियों को निलंबित करने की भी मांग की है. याचिकाकर्ता का कहना था कि आबकारी अधिकारियों की मिली भगत से ही देहरादून समेत दूसरे जिलों में जहरीली शराब का कारोबार फूल रहा है. याचिकाकर्ता ने हरिद्वार के शराब कांड में निलंबित आबकारी अधिकारी को सरकार द्वारा बहाल करने को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी है.