हल्द्वानी: प्रदेश के खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से हल्द्वानी के गौलापार में जिस अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम निर्माण किया गया था, वो आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. आपको जानकार ताज्जुब होगा कि सिस्टम की लापरवाही के कारण हल्द्वानी का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम खंडहर में तब्दील हो रहा है. इनता ही नहीं आजकल ये सामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है.
कांग्रेस ने रखी थी हल्द्वानी स्टेडियम की नींव: प्रदेश के युवा खिलाड़ियों को इधर-उधर न भटकाना पड़े इसके लिए साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व खेल मंत्री दिवंगत इंदिरा हृदयेश ने हल्द्वानी के गौलापार में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की नींव रखी थी. करीब दो बरस बाद यानी साल 2016 में हल्द्वानी का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनकर तैयार हुआ.
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साल 2016 में बनकर हुआ था तैयार: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम हल्द्वानी का लोकार्पण भी तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ही किया था और अंतरराष्ट्रीय स्तर के रेसलर दिलीप दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली की फरवरी 2016 में द ग्रेट खली रिटर्न रेसलिंग प्रतियोगिता हुई थी. लेकिन 2017 तक आते-आते इस स्टेडियम का हाल बुरा होने लगा.
अंधेरे में स्टेडियम का भविष्य: साल 2017 से लेकर आजतक हल्द्वानी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में कोई प्रतियोगिता नहीं कराई गई, जिसका नतीजा ये है कि खिलाड़ियों के भविष्य को सवारने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का भविष्य आज खुद अंधेरे में है. स्टेडियम के चारों तरफ बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग गई हैं. शाम होते ही यहां सामाजिक तत्वों महफिल सजने लगती है. स्टेडियम में बनाई गई व्यवस्थाएं धीरे-धीरे खराब रही हैं.
स्टेडियम की छत और दीवार जगह-जगह से टूट रही हैं. स्टेडियम के मुख्य गेट में ताला लटका हुआ है. स्थानीय युवा स्टेडियम में प्रैक्टिस करने आते तो हैं, लेकिन उनको स्टेडियम में आने से रोक दिया जाता है. स्टेडियम की बदहाली और जर्जर हालत पर स्थानीय विधायक सुमित हृदयेश ने भी सवाल खड़े किए हैं.
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राजनीति की भेंट चढ़ गया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम: विधायक सुमित हृदयेश का कहना है कि जिस उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाया गया था, वह उद्देश्य आज पूरी तरह से धराशाई हो चुका है. कांग्रेस सरकार ने हल्द्वानी को अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की सौगात दी थी, ताकि प्रदेश को एक नई पहचान मिल सके. लेकिन आज वर्तमान सरकार की उदासीनता के चलते स्टेडियम अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है. विधायक सुमित हृदयेश का कहना है कि बीजेपी सरकार ने अपने सात साल के राज में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम हल्द्वानी में एक भी मैच नहीं कराया है. यह बड़े दुर्भाग्य की बात है.
सरकार का जवाब: वहीं कांग्रेस के आरोपों और अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम हल्द्वानी की बदहाल स्थिति को लेकर जब सूबे की खेल मंत्री रेखा आर्य से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोली जानी है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम हल्द्वानी को स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी से जोड़ा जाएगा. स्टेडियम के रखरखाव के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा.