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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे 'घोषणा वीर', 9,827 घोषणाओं में केवल 5,103 ही हुई पूरी

उत्तराखंड सरकार राज्य बनने के बाद से लोगों को कर रही गुमराह. राज्य बनने के बाद से मुख्यमंत्रियों ने बस घोषणा की है. वहीं, मुख्यमंत्रियों की घोषणा हवा-हवाई साबित होती नजर आई है.

uttarakhand-government misleading people
लोगों को गुमराह कर रहीं उत्तराखंड सरकार
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Published : Feb 12, 2020, 2:09 PM IST

हल्द्नानीः उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से अब तक केवल घोषणा वीर मुख्यमंत्री मिले हैं. निर्वाचित सरकार में एनडी तिवारी से लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत तक सभी मुख्यमंत्रियों ने ताबड़तोड़ घोषणाएं की. लेकिन उनमें ज्यादातर घोषणाएं हवा-हवाई साबित हुई है. सूचना के अधिकार-अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है.जानकारी के अनुसार, राज्य बनने से अबतक 9,827 घोषणाएं हुई है जिसमें केवल 5,103 घोषणा ही पूरी हो पाई है

लोगों को गुमराह कर रहीं उत्तराखंड सरकार

हल्द्वानी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता गुरविंदर सिंह चड्ढा द्वारा आरटीआई के तहत सूचना मांगी गई थी. जिसमें जानकारी मिली है कि राज्य बनने से अबतक 9,827 घोषणाएं हुई है. जिसमें केवल 5,103 घोषणा ही पूरी हो पाई है. वहीं, अभी 2,950 घोषणाएं गतिमान बताई जा रही है और 1730 घोषणाओं को अपूर्ण बताया गया है. साथ ही अगर मुख्यमंत्रियों की घोषणाओं की बात की जाए तो हरीश रावत ने 3,814 घोषणाएं करें, जिनमें केवल 2,201 घोषणाएं पूरी हो पाई. जबकि विजय बहुगुणा ने 1,340 घोषणाएं की थी, जिसमें केवल 6,78 घोषणाएं ही पूरी हो पाई.

इसे भी पढ़ेः झटका: 144 रुपये बढ़ गए रसोई गैस सिलेंडर के दाम

वहीं, रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा 1,140 घोषणा की गई, जिसमें 458 ही पूरी हुई. राज्य के प्रमुख प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने 895 घोषणा की थी, जिसमें 312 पूरी हुई. बात वर्तमान के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की करें तो इन्होंने 1,911 घोषणा की है जिसमें 1,118 घोषणा पूरी हुई. यही नहीं इन सभी मुख्यमंत्री में हरीश रावत 'घोषणा वीर' साबित हुए हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा घोषणा की और करीब 58% घोषणाएं ही पूरी की. जबकि, इन घोषणाओं में एनडी तिवारी सबसे ज्यादा फिसड्डी साबित हुए. जिन्होंने 895 घोषणा की जबकि, 312 घोषणा पूरी हुई.

हल्द्नानीः उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से अब तक केवल घोषणा वीर मुख्यमंत्री मिले हैं. निर्वाचित सरकार में एनडी तिवारी से लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत तक सभी मुख्यमंत्रियों ने ताबड़तोड़ घोषणाएं की. लेकिन उनमें ज्यादातर घोषणाएं हवा-हवाई साबित हुई है. सूचना के अधिकार-अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है.जानकारी के अनुसार, राज्य बनने से अबतक 9,827 घोषणाएं हुई है जिसमें केवल 5,103 घोषणा ही पूरी हो पाई है

लोगों को गुमराह कर रहीं उत्तराखंड सरकार

हल्द्वानी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता गुरविंदर सिंह चड्ढा द्वारा आरटीआई के तहत सूचना मांगी गई थी. जिसमें जानकारी मिली है कि राज्य बनने से अबतक 9,827 घोषणाएं हुई है. जिसमें केवल 5,103 घोषणा ही पूरी हो पाई है. वहीं, अभी 2,950 घोषणाएं गतिमान बताई जा रही है और 1730 घोषणाओं को अपूर्ण बताया गया है. साथ ही अगर मुख्यमंत्रियों की घोषणाओं की बात की जाए तो हरीश रावत ने 3,814 घोषणाएं करें, जिनमें केवल 2,201 घोषणाएं पूरी हो पाई. जबकि विजय बहुगुणा ने 1,340 घोषणाएं की थी, जिसमें केवल 6,78 घोषणाएं ही पूरी हो पाई.

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वहीं, रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा 1,140 घोषणा की गई, जिसमें 458 ही पूरी हुई. राज्य के प्रमुख प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने 895 घोषणा की थी, जिसमें 312 पूरी हुई. बात वर्तमान के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की करें तो इन्होंने 1,911 घोषणा की है जिसमें 1,118 घोषणा पूरी हुई. यही नहीं इन सभी मुख्यमंत्री में हरीश रावत 'घोषणा वीर' साबित हुए हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा घोषणा की और करीब 58% घोषणाएं ही पूरी की. जबकि, इन घोषणाओं में एनडी तिवारी सबसे ज्यादा फिसड्डी साबित हुए. जिन्होंने 895 घोषणा की जबकि, 312 घोषणा पूरी हुई.

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