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ननिहाल से विदा हुए गणपति, लोगों ने की अगले बरस जल्द आने की कामना

हरिद्वार के कनखल में लोग ढोल नगाड़ों के साथ गुलाल उड़ाते हुए अपने घरों से गणपति बप्पा को विदाई दी. साथ ही अगले साल फिर से आने की कामना की.

ननिहाल से विदा हुए गणपति.
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Published : Sep 10, 2019, 11:56 PM IST

हरिद्वार: 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ' धर्मनगरी में ये कामना करते हुए गणपति को उनके ननिहाल से लोगों ने विदाई देना शुरू कर दिया है. हरिद्वार की उपनगरी कनखल भगवान शिव की ससुराल है. मान्यता है कि सावन में भगवान शिव पूरे माह कनखल में ही विराजते हैं और गणपति भी 14 दिन अपने नाना राजा दक्ष के यहां निवास करते है. अनंत चतुर्दशी पर धूमधाम के साथ गणपति को इस कामना के साथ विदाई देते है कि वो अगले बरस फिर से पधारें.

ननिहाल से विदा हुए गणपति.

गणपति बप्पा की विदाई को लेकर धर्मनगरी के स्थानीय निवासियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. स्थानीय निवासी ढोल नगाड़ों के साथ गुलाल उड़ाते हुए अपने घरों से गणपति बप्पा को विदाई दे रहे हैं. गणपति बप्पा की विदाई पर स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षो से गणपति महोत्सव मना रहे हैं. साथ ही सभी लोग गणपति बप्पा को हरि की पैड़ी ब्रह्मकुंड में विसर्जित करते हैं.

ये भी पढ़ें: स्टिंग मामला: हरदा ने खुद को बताया बेकसूर, कहा- मेरे ही घर हुई चोरी और मुझे ही बना डाला चोर

लोगों ने बताया कि गंगा प्रदूषित न हो, इसका खास ध्यान रखना जरूरी है. साथ ही पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मिट्टी से बप्पा की मूर्ति बनवाई जाती है, जिससे ये मिट्टी की मूर्ति गंगा के पानी में आसानी से घुल जाए. साथ ही कोई केमिकल न होने के कारण गंगा जल में प्रभावित कर दिया जाता है.

हरिद्वार: 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ' धर्मनगरी में ये कामना करते हुए गणपति को उनके ननिहाल से लोगों ने विदाई देना शुरू कर दिया है. हरिद्वार की उपनगरी कनखल भगवान शिव की ससुराल है. मान्यता है कि सावन में भगवान शिव पूरे माह कनखल में ही विराजते हैं और गणपति भी 14 दिन अपने नाना राजा दक्ष के यहां निवास करते है. अनंत चतुर्दशी पर धूमधाम के साथ गणपति को इस कामना के साथ विदाई देते है कि वो अगले बरस फिर से पधारें.

ननिहाल से विदा हुए गणपति.

गणपति बप्पा की विदाई को लेकर धर्मनगरी के स्थानीय निवासियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. स्थानीय निवासी ढोल नगाड़ों के साथ गुलाल उड़ाते हुए अपने घरों से गणपति बप्पा को विदाई दे रहे हैं. गणपति बप्पा की विदाई पर स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षो से गणपति महोत्सव मना रहे हैं. साथ ही सभी लोग गणपति बप्पा को हरि की पैड़ी ब्रह्मकुंड में विसर्जित करते हैं.

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लोगों ने बताया कि गंगा प्रदूषित न हो, इसका खास ध्यान रखना जरूरी है. साथ ही पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मिट्टी से बप्पा की मूर्ति बनवाई जाती है, जिससे ये मिट्टी की मूर्ति गंगा के पानी में आसानी से घुल जाए. साथ ही कोई केमिकल न होने के कारण गंगा जल में प्रभावित कर दिया जाता है.

Intro:गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ ये कामना करते हुए गणपति को उनके ननिहाल से लोग विदाई दे रहे है हरिद्वार की उपनगरी कनखल भगवान शिव की ससुराल है मान्यता है कि सावन में भगवान शिव पूरे माह कनखल में ही विराजते हैं और गणपति भी 14 दिन यंही अपने नाना राजा दक्ष के यंहा निवास करते है अनंत चतुर्दशी पर धूमधाम के साथ गणपति को इस कामना के साथ विदाई देते है कि वो अगले बरस फिर से पधारे और अपने भक्तों पर कृपा की बरसा करे उनके ननिहाल के लोग गणपति की भक्ति में डूबे हुए है यंहा पर भी घर घर मे गणपति की स्थापना के बाद अब गणपति की विदाई का सिलसिला शुरू हो गया है।
Body:गणपति बप्पा की विदाई को लेकर धर्मनगरी हरिद्वार के स्थानीय निवासियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है स्थानीय निवासी ढोल नगाड़ो के साथ गुलाल उड़ाते हुए नाचते गाते अपने घरो से गणपति बप्पा को विदा कर रहे है गणपति बप्पा की विदाई पर स्थानीय लोगो का कहना है की यह पिछले कई वर्षो से गणपति महोत्सव मना रहे है और इनके द्वारा शोभा यात्रा बड़ी धूम धाम से मानते है और गणपति बप्पा को हरकीपौड़ी ब्रह्मकुंड में विसर्जित किया जाता है

बाइट--राजीव भार्गव----स्थानीय निवासी----शिवमूर्ति हरिद्वार

लोगों का कहना है की गंगा प्रदूषित ना हो इसका खास ध्यान रखना जरुरी है और इनके द्वारा इस बात को ध्यान में रखते हुए मिटटी से बप्पा की मूर्ति बनवाई जाती है यह मिटटी गंगा के पानी में घुल मिल जाती है ऐसा करने से गंगा भी प्रदूषित होने से बच जाती है कोई केमिकल ना होने के कारण गंगा जल को प्रभावित नहीं करती है वही इस मोहत्सव से यह सन्देश दे रहे है की हर व्यक्ति का कर्तव्य बनता है की वह अपने आसपास साफ़ सफाई रखे और लोगो को साफ़ सफाई के प्रति जागरूक भी करें

बाइट--राजीव भार्गव----स्थानीय निवासी----शिवमूर्ति हरिद्वार Conclusion:धर्मनगरी हरिद्वार में इस समय चारो और गणपति बप्पा की धूम और लोग भारी संख्या में ढोल नगाड़ो के साथ नाचते गाते अपने घरो से अनंत चतुर्दशी पर धूमधाम के साथ गणपति को इस कामना के साथ विदाई दे रहे है कि वो अगले बरस फिर से इनके घरो में पधारे और अपने भक्तों पर कृपा की बरसा करे
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