हरिद्वार: 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ' धर्मनगरी में ये कामना करते हुए गणपति को उनके ननिहाल से लोगों ने विदाई देना शुरू कर दिया है. हरिद्वार की उपनगरी कनखल भगवान शिव की ससुराल है. मान्यता है कि सावन में भगवान शिव पूरे माह कनखल में ही विराजते हैं और गणपति भी 14 दिन अपने नाना राजा दक्ष के यहां निवास करते है. अनंत चतुर्दशी पर धूमधाम के साथ गणपति को इस कामना के साथ विदाई देते है कि वो अगले बरस फिर से पधारें.
गणपति बप्पा की विदाई को लेकर धर्मनगरी के स्थानीय निवासियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. स्थानीय निवासी ढोल नगाड़ों के साथ गुलाल उड़ाते हुए अपने घरों से गणपति बप्पा को विदाई दे रहे हैं. गणपति बप्पा की विदाई पर स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षो से गणपति महोत्सव मना रहे हैं. साथ ही सभी लोग गणपति बप्पा को हरि की पैड़ी ब्रह्मकुंड में विसर्जित करते हैं.
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लोगों ने बताया कि गंगा प्रदूषित न हो, इसका खास ध्यान रखना जरूरी है. साथ ही पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मिट्टी से बप्पा की मूर्ति बनवाई जाती है, जिससे ये मिट्टी की मूर्ति गंगा के पानी में आसानी से घुल जाए. साथ ही कोई केमिकल न होने के कारण गंगा जल में प्रभावित कर दिया जाता है.