बिलासपुर: उच्च न्यायालय में पहली बार किसी दुष्कर्म पीड़िता ने खुद अपनी पैरवी की और इंसाफ की गुहार लगाई है. आर्थिक रूप से सक्षम न होने की वजह से रेप पीड़िता ने अदालत में अपनी पैरवी करने का फैसला किया और कोर्ट ने भी साथ दिया.
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पीड़िता की बात सुनने के बाद संजय के अग्रवाल की बेंच ने बिलासपुर पुलिस अधीक्षक को तलब किया है. हाई कोर्ट ने बिलासपुर एसपी से ये सवाल किया है कि अबतक आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है. साथ ही मामले में शपथपत्र के साथ आगामी 17 मई को होने वाली सुनवाई में तलब किया है.
पीड़िता कोलकाता की रहने वाली है और राजनांदगांव के रहने वाले शुभम लालवानी पर शादी का झांसा देकर कई बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं युवती से 2 लाख की रकम भी ऐंठ ली. पीड़िता ने कोर्ट से कहा कि उसने कई बार सरकंडा थाने का चक्कर लगाया, लेकिन पुलिस से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला. थक हार के पीड़िता ने एसपी के सामने अपनी बात रखी, पर एसपी के आदेश के बाद भी उचित कार्रवाई नहीं की जा रही थी.
लिहाजा पीड़िता ने खुद पैरवी कर अब हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जिसपर पहली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने बिलासपुर एसपी अभिषेक मीणा को आगामी 17 मई की सुनवाई में शपथपत्र के साथ जवाब मांगा है.