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बांग्लादेश को ट्रंप प्रशासन का बड़ा झटका, सभी मदद पर तत्काल लगाई रोक - AMERICA FOREIGN AID BANGLADESH

ट्रंप के नए आदेश 20 जनवरी को जारी किए गए थे. इसके तहत समर्थन पर रोक लगाई गई.

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (बाएं) और बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 27, 2025, 12:30 PM IST

वाशिंगटन: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 90 दिनों के लिए सभी विदेशी सहायता निलंबित करने का आदेश दिया है. इसके बाद अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम बांग्लादेश सरकार को वित्तीय सहायता पर रोक लगा दी. ट्रंप प्रशासन ने किसी भी सहायता पर रोक लगाने संबंधी स्टॉप वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया.

अमेरिका ने अमेरिका फर्स्ट नीति के तहत सभी विदेशी सहायता रोक दी है. इससे सभी देशों को मिलने वाली सहायता रोक दी जाएगी. इसमें सिर्फ इजराइल और मिस्र को छूट दी गई है. इससे सबसे बड़ा झटका, यूक्रेन, बांग्लादेश जैसे देशों को लगा है.

USAID
अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID)

ट्रंप के नए कार्यकारी आदेश 20 जनवरी को जारी किए गए थे. इसके तहत अमेरिका समर्थित वैश्विक सहायता कार्यक्रमों के लिए समर्थन पर रोक लगाई गई. इस सूची से केवल इजराइल और मिस्र को बाहर रखा गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में कहा गया है कि सभी विदेशी सहायता की सरकारी समीक्षा 85 दिनों के भीतर पूरी कर ली जाएगी.

विदेश मंत्री के माध्यम से राष्ट्रपति के समक्ष सिफारिश के लिए एक रिपोर्ट पेश की जाएगी. विदेशी सहायता के पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गठन संबंधी ट्रंप के कार्यकारी आदेश का हवाला देते हुए अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी ने बांग्लादेश में अपने साझेदारों को एक बयान जारी कर निर्देश दिया कि वे उसके अनुबंध के तहत किए जाने वाले किसी भी कार्य को तत्काल रोक दें.

उल्लेखनीय रूप से ट्रंप ने अपने कार्यकारी आदेश में दावा किया कि अमेरिका द्वारा प्रदान की गई विदेशी सहायता अमेरिका के हितों और मूल्यों के साथ मेल नहीं थी. व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका का विदेशी सहायता और नौकरशाही अमेरिकी हितों के साथ सही ढंग से मिलान नहीं था. ये कई मामलों में अमेरिकी मूल्यों के विपरीत पाए गए. ऐसी चीजें विश्व शांति को अस्थिर करने का काम करते हैं.

इसमें कहा गया, 'यह अमेरिका की नीति है कि आगे कोई भी विदेशी सहायता उस तरीके से वितरित नहीं की जाएगी जो अमेरिका के राष्ट्रपति की विदेश नीति के साथ पूरी तरह से मेल नहीं खाती है.

अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी द्वारा बांग्लादेश को वित्तीय सहायता निलंबित करने के निर्णय से यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी के अनुसार बांग्लादेश में इसका कार्यक्रम एशिया में सबसे बड़ा है. इसमें महत्वपूर्ण वैश्विक खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य पहल के साथ-साथ महत्वपूर्ण लोकतंत्र, शासन, शिक्षा और पर्यावरण परियोजनाएं शामिल हैं.

बांग्लादेश में अंतरराष्ट्रीय सहायता वित्तपोषण कार्यक्रम महत्वपूर्ण रहा है. इससे देश को आर्थिक उथल-पुथल से निपटने और रोहिंग्या संकट का प्रबंधन करने में मदद मिली है. साथ ही इसके प्रमुख कपड़ा उद्योग में स्थिरता बहाल हुई. पिछले साल यूनुस प्रशासन ने अपने घटते विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं से 5 बिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता मांगी थी. इसने आईएमएफ से 4.7 बिलियन डॉलर की बेलआउट भी मांगी थी.

उल्लेखनीय है कि सितंबर 2024 में अमेरिका ने बांग्लादेश को 202 मिलियन डॉलर की सहायता देने का वादा किया था. ये 2021 में एक समझौता के तहत हुआ जिसमें अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी ने 2021 और 2026 के बीच 954 मिलियन डॉलर की सहायता देने का वादा किया था. इसके तहत 425 मिलियन डॉलर पहले ही वितरित किए जा चुके थे.

ये भी पढ़ें- बॉर्डर गार्ड प्रमुख की भारत यात्रा को 'गुप्त' रखने के लिए मीडिया के निशाने पर यूनुस सरकार, क्या है पूरा मामला? - MEDIA TARGETS YUNUS GOVT

वाशिंगटन: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 90 दिनों के लिए सभी विदेशी सहायता निलंबित करने का आदेश दिया है. इसके बाद अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम बांग्लादेश सरकार को वित्तीय सहायता पर रोक लगा दी. ट्रंप प्रशासन ने किसी भी सहायता पर रोक लगाने संबंधी स्टॉप वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया.

अमेरिका ने अमेरिका फर्स्ट नीति के तहत सभी विदेशी सहायता रोक दी है. इससे सभी देशों को मिलने वाली सहायता रोक दी जाएगी. इसमें सिर्फ इजराइल और मिस्र को छूट दी गई है. इससे सबसे बड़ा झटका, यूक्रेन, बांग्लादेश जैसे देशों को लगा है.

USAID
अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID)

ट्रंप के नए कार्यकारी आदेश 20 जनवरी को जारी किए गए थे. इसके तहत अमेरिका समर्थित वैश्विक सहायता कार्यक्रमों के लिए समर्थन पर रोक लगाई गई. इस सूची से केवल इजराइल और मिस्र को बाहर रखा गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में कहा गया है कि सभी विदेशी सहायता की सरकारी समीक्षा 85 दिनों के भीतर पूरी कर ली जाएगी.

विदेश मंत्री के माध्यम से राष्ट्रपति के समक्ष सिफारिश के लिए एक रिपोर्ट पेश की जाएगी. विदेशी सहायता के पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गठन संबंधी ट्रंप के कार्यकारी आदेश का हवाला देते हुए अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी ने बांग्लादेश में अपने साझेदारों को एक बयान जारी कर निर्देश दिया कि वे उसके अनुबंध के तहत किए जाने वाले किसी भी कार्य को तत्काल रोक दें.

उल्लेखनीय रूप से ट्रंप ने अपने कार्यकारी आदेश में दावा किया कि अमेरिका द्वारा प्रदान की गई विदेशी सहायता अमेरिका के हितों और मूल्यों के साथ मेल नहीं थी. व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका का विदेशी सहायता और नौकरशाही अमेरिकी हितों के साथ सही ढंग से मिलान नहीं था. ये कई मामलों में अमेरिकी मूल्यों के विपरीत पाए गए. ऐसी चीजें विश्व शांति को अस्थिर करने का काम करते हैं.

इसमें कहा गया, 'यह अमेरिका की नीति है कि आगे कोई भी विदेशी सहायता उस तरीके से वितरित नहीं की जाएगी जो अमेरिका के राष्ट्रपति की विदेश नीति के साथ पूरी तरह से मेल नहीं खाती है.

अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी द्वारा बांग्लादेश को वित्तीय सहायता निलंबित करने के निर्णय से यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी के अनुसार बांग्लादेश में इसका कार्यक्रम एशिया में सबसे बड़ा है. इसमें महत्वपूर्ण वैश्विक खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य पहल के साथ-साथ महत्वपूर्ण लोकतंत्र, शासन, शिक्षा और पर्यावरण परियोजनाएं शामिल हैं.

बांग्लादेश में अंतरराष्ट्रीय सहायता वित्तपोषण कार्यक्रम महत्वपूर्ण रहा है. इससे देश को आर्थिक उथल-पुथल से निपटने और रोहिंग्या संकट का प्रबंधन करने में मदद मिली है. साथ ही इसके प्रमुख कपड़ा उद्योग में स्थिरता बहाल हुई. पिछले साल यूनुस प्रशासन ने अपने घटते विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं से 5 बिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता मांगी थी. इसने आईएमएफ से 4.7 बिलियन डॉलर की बेलआउट भी मांगी थी.

उल्लेखनीय है कि सितंबर 2024 में अमेरिका ने बांग्लादेश को 202 मिलियन डॉलर की सहायता देने का वादा किया था. ये 2021 में एक समझौता के तहत हुआ जिसमें अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी ने 2021 और 2026 के बीच 954 मिलियन डॉलर की सहायता देने का वादा किया था. इसके तहत 425 मिलियन डॉलर पहले ही वितरित किए जा चुके थे.

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