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चारधाम यात्रा पर संशय बरकरार, शीतकालीन पर्यटन पर जोर दे रही सरकार - Uttarakhand government emphasis on winter tourism

उत्तराखंड में अभी चारधाम यात्रा को लेकर असमंजम की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में पर्यटन व्यवसायियों को हुए घाटे की भरपाई करने के लिए सरकार विंटर पर्यटन पर फोकस कर रही है.

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शीतकाल पर्यटन पर जोर दे रही सरकार
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Published : Sep 11, 2021, 6:49 PM IST

देहरादून: चारधाम यात्रा संचालित होने की स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है. हालांकि, राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस ले लिया है. साथ ही नैनीताल हाईकोर्ट से यात्रा संचालन को लेकर अनुरोध भी किया है. जिस पर 15 सितंबर को सुनवाई होनी है. इस महीने अगर चारधाम यात्रा शुरू हो भी जाती है तो यात्रा को करीब डेढ़ से दो महीने का ही समय मिलेगा. जिसके चलते राज्य सरकार, शीतकालीन पर्यटन पर जोर देने जा रही है. ताकि, यात्रा स्थगित होने से व्यापारियों को हुए नुकसान की भरपाई शीतकालीन पर्यटन के दौरान हो सके.

गौर हो, यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई, गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई, केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खोल दिए गए थे. जिसके बाद राज्य सरकार ने पहले चरण में स्थानीय जिलों के लोगों को कोविड गाइडलाइन के तहत यात्रा पर जाने की अनुमति दी थी. दूसरे चरण में प्रदेश के लोगों को छूट दिए जाने का फैसला लिया था. जिस फैसले पर हाई कोर्ट ने 7 जुलाई तक तत्काल रोक लगाते हुए सरकार से जवाब-तलब किया था. तब से ही चारधाम यात्रा पर लगी रोक बरकार है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड को स्प्रिचुअल राजधानी बनाने को लेकर 'आप' ने लॉन्च की वेबसाइट

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा पर विराम लगने की वजह से पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान पहुंचा है. ऐसे में राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि शीतकालीन पर्यटन के माध्यम से इसकी भरपाई की जाए. ताकि पर्यटन उद्योग से जुड़े व्यवसायियों के नुकसान की भरपाई हो सके. इसके लिए विंटर टूरिज्म को प्रचारित-प्रसारित किया जाएगा. वहीं, नवरात्रि आने वाली है जिसको लेकर भी लोगों को सर्किटों के बारे में जानकारी दी जाएगी.

देहरादून: चारधाम यात्रा संचालित होने की स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है. हालांकि, राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस ले लिया है. साथ ही नैनीताल हाईकोर्ट से यात्रा संचालन को लेकर अनुरोध भी किया है. जिस पर 15 सितंबर को सुनवाई होनी है. इस महीने अगर चारधाम यात्रा शुरू हो भी जाती है तो यात्रा को करीब डेढ़ से दो महीने का ही समय मिलेगा. जिसके चलते राज्य सरकार, शीतकालीन पर्यटन पर जोर देने जा रही है. ताकि, यात्रा स्थगित होने से व्यापारियों को हुए नुकसान की भरपाई शीतकालीन पर्यटन के दौरान हो सके.

गौर हो, यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई, गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई, केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खोल दिए गए थे. जिसके बाद राज्य सरकार ने पहले चरण में स्थानीय जिलों के लोगों को कोविड गाइडलाइन के तहत यात्रा पर जाने की अनुमति दी थी. दूसरे चरण में प्रदेश के लोगों को छूट दिए जाने का फैसला लिया था. जिस फैसले पर हाई कोर्ट ने 7 जुलाई तक तत्काल रोक लगाते हुए सरकार से जवाब-तलब किया था. तब से ही चारधाम यात्रा पर लगी रोक बरकार है.

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पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा पर विराम लगने की वजह से पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान पहुंचा है. ऐसे में राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि शीतकालीन पर्यटन के माध्यम से इसकी भरपाई की जाए. ताकि पर्यटन उद्योग से जुड़े व्यवसायियों के नुकसान की भरपाई हो सके. इसके लिए विंटर टूरिज्म को प्रचारित-प्रसारित किया जाएगा. वहीं, नवरात्रि आने वाली है जिसको लेकर भी लोगों को सर्किटों के बारे में जानकारी दी जाएगी.

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