देहरादून: एसआईटी ने अंकिता भंडारी हत्याकांड (ankita bhandari murder) की जांच लगभग पूरी कर ली है. अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले को लेकर एसआईटी सही दिशा में जांच (Ankita Bhandari murder case SIT investigation) आगे बढ़ने का दावा कर रही है. लेकिन इस पूरे प्रकरण में जिस वीआईपी की खूब चर्चा रही उसको लेकर अब तक नाम का खुलासा एसआईटी नहीं कर पाई है. मामले में तह तक जाने वाली एसआईटी इस नाम से अनभिज्ञ हो इसको लेकर आम लोग संदेह जता रहे हैं. शायद यही कारण है कि मामले में सीबीआई जांच की मांग लगातार तेज हो रही है.
आखिर कौन है वीआईपी: उत्तराखंड की जिस बेटी को न्याय दिलाने का दावा राज्य सरकार करती रही है, उसी मामले में विरोधी दलों से लेकर आम लोग भी सीबीआई जांच कराने की मांग करते रहे हैं. हालांकि सरकार अब तक आम लोगों की इस मांग को दरकिनार करती रही है, लेकिन इस पूरे प्रकरण में कुछ खास सवालों के चलते लोगों को एसआईटी पर भरोसा नहीं हो पा रहा है. दरअसल अंकिता हत्याकांड (ankita bhandari case) के बाद जो आपसी बातचीत सामने आई है उसमें किसी वीआईपी का जिक्र होता रहा है. आम लोगों में भी इसी वीआईपी का नाम जानने की उत्सुकता दिखी और ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की आवाज भी बुलंद हुई है. लेकिन मामले के इतने समय बाद भी एसआईटी इस वीआईपी के नाम को लेकर कोई खुलासा (Uttarakhand SIT investigation) नहीं कर पाई है.
जांच पर उठ रहे सवाल: प्रकरण एक भाजपा के नेता के बेटे से जुड़ा रहा है, लिहाजा भाजपा सरकार के आधीन काम करने वाली एसआईटी पर विरोधी दलों के साथ लोगों का भी विश्वास कम ही रहा है. कांग्रेस के नेताओं की मानें तो इतने समय में वीआईपी का नाम सामने न आना कई सवाल खड़े करता है. इसी संदेह के कारण सीबीआई जांच की भी मांग की जा रही है. जिस वीआईपी को लेकर हत्याकांड के बाद खासा हंगामा रहा और इसकी गिरफ्तारी की मांग भी उठी, उस पर कोई खुलासा न होने से हर कोई हैरान है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब इस मामले में मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है, ऐसे में उससे इस वीआईपी के नाम को उगलवाना पुलिस के लिए कोई बड़ी बात नहीं. लेकिन इसके बावजूद वीआईपी के नाम पर पर्दा बरकरार रहना कई सवाल खड़े कर रहा है.
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कांग्रेस खड़े कर रही सवाल: हालांकि भाजपा के नेता इस पर सरकार की ओर से सफाई देते हुए नजर आते हैं. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट कहते हैं कि एसआईटी बिल्कुल सही दिशा में काम कर रही है और मुख्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी की जा चुकी है. ऐसे में कांग्रेसी आरोप लगा रही है तो वह एसआईटी के सामने सबूत पेश कर सकती है. हालांकि उन्होंने एसआईटी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तरफ से निष्पक्ष जांच किए जाने के आदेश होने की भी बात कही.
क्या है मामला: बता दें कि, 19 साल की अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. ये रिजॉर्ट बीजेपी के बड़े नेता विनोद आर्य के छोटे बेटे पुलकित आर्य का था. आरोप है कि पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी पर दबाव बनाया था कि वो रिजॉर्ट में आने वाले ग्राहकों के साथ गलत काम करे, लेकिन अंकिता भंडारी ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया और नौकरी छोड़ने का फैसला भी ले लिया था. इसी बात को लेकर अंकिता भंडारी और पुलकित आर्य के बीच बहस भी हुई थी.
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पुलकित आर्य को डर था कि अंकिता उसका और रिजॉर्ट में होने वाले अनैतिक कामों का पर्दाफाश कर देगी. इसी वजह से 18 सितंबर देर शाम को पुलकित बहस के बाद अंकिता को काम के बहाने रिजॉर्ट से बाहर ले गया और ऋषिकेश के पास चीला नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी. पुलकित आर्य के इस घिनौने कृत्य में उसके दो मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता ने उसका साथ दिया था. अंकिता की लाश 24 सितंबर को चीला नहर से मिली थी. पुलिस ने तीनों आरोपियों को 23 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद इस पूरे कांड से पर्दा उठा था. अभी तीनों आरोपी पौड़ी जेल में बंद हैं.