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ऋषिकेशः विस्थापितों की जमीन पर निगम ने चलाया बुलडोजर, लोगों ने किया घेराव - ऋषिकेश ताजा समाचार

ऋषिकेश नगर निगम ने विस्थापितों की जमीन को अपना बताते हुए गौशाला बनाने के लिए बुलडोजर चला दिया. इससे लोग नाराज हो गए और उन्होंने निगम के अधिकारियों से लिखित दस्तावेज मांगा. खास बात ये थी कि निगम के पास लिखित में कोई दस्तावेज नहीं थे.

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Published : Dec 7, 2022, 3:04 PM IST

ऋषिकेश: बिना दस्तावेजों के ही ऋषिकेश नगर निगम के अधिकारियों ने गौशाला बनाने के लिए विस्थापित कॉलोनी में एक खाली भूखंड को अपना बताते हुए बुलडोजर चला दिया. मामला विस्थापित कॉलोनी के लोगों के संज्ञान में आया तो वह भड़क उठे. उन्होंने बुलडोजर को रोकते हुए नगर निगम के अधिकारियों से सवाल जवाब किए. लिखित आदेश नहीं होने की वजह से नगर निगम को बुलडोजर रोकना पड़ा. इसके बाद कॉलोनी के लोगों ने नगर निगम में अधिशासी अभियंता का घेराव किया.

6 दिसंबर मंगलवार को नगर निगम में अधिशासी अभियंता दिनेश उनियाल का विस्थापित कॉलोनी के भूमि के दावेदारों ने घेराव किया. लोगों ने आरोप लगाया कि नगर निगम के अधिकारी बिना जानकारी के विस्थापितों की जमीन पर अवैध रूप से बुलडोजर चला रहे हैं. ऐसे में नगर निगम सवालों के घेरे में है. वहीं, भूमि स्वामी रजत नारंग का कहना है कि जिस भूमि पर नगर निगम ने बुलडोजर चलाया उस जमीन का मामला कोर्ट में चल रहा है. बिना जानकारी के नगर निगम विस्थापितों की भूमि पर बुलडोजर चला रहा है.
ये भी पढ़ेंः पांच ठेकेदार भी नहीं बना पाए रिखणीखाल का पॉलीटेक्निक, 10 साल से है इंतजार

रजत ने कहा कि नगर निगम ने यदि फिर से बुलडोजर चलाने की कोशिश की तो निगम के खिलाफ न्यायालय में आदेशों की अवहेलना करने के मामले में वाद भी दायर किया जाएगा. भूमि के दावेदारों ने बताया कि उक्त भूमि को लेकर 16 नवंबर 2019 को न्यायालय के द्वारा स्टे ऑर्डर का आदेश दिया हुआ है.

वहीं, नगर निगम के अधिशासी अभियंता दिनेश उनियाल का कहना है कि कुछ समय पहले वन विभाग, पशुपालन और पुनर्वास विभाग ने संयुक्त रूप से भूमि का निरीक्षण किया था. इस दौरान तहसील की ओर से जानकारी उपलब्ध कराई गई थी कि वीआईपी कॉलोनी के पीछे खाली पड़े भूखंड ग्राम सभा की जमीन थी, जो अब नगर निगम के अधीन है. इस जानकारी के आधार पर गौशाला बनाने के लिए बुलडोजर चलाया गया.

ऋषिकेश: बिना दस्तावेजों के ही ऋषिकेश नगर निगम के अधिकारियों ने गौशाला बनाने के लिए विस्थापित कॉलोनी में एक खाली भूखंड को अपना बताते हुए बुलडोजर चला दिया. मामला विस्थापित कॉलोनी के लोगों के संज्ञान में आया तो वह भड़क उठे. उन्होंने बुलडोजर को रोकते हुए नगर निगम के अधिकारियों से सवाल जवाब किए. लिखित आदेश नहीं होने की वजह से नगर निगम को बुलडोजर रोकना पड़ा. इसके बाद कॉलोनी के लोगों ने नगर निगम में अधिशासी अभियंता का घेराव किया.

6 दिसंबर मंगलवार को नगर निगम में अधिशासी अभियंता दिनेश उनियाल का विस्थापित कॉलोनी के भूमि के दावेदारों ने घेराव किया. लोगों ने आरोप लगाया कि नगर निगम के अधिकारी बिना जानकारी के विस्थापितों की जमीन पर अवैध रूप से बुलडोजर चला रहे हैं. ऐसे में नगर निगम सवालों के घेरे में है. वहीं, भूमि स्वामी रजत नारंग का कहना है कि जिस भूमि पर नगर निगम ने बुलडोजर चलाया उस जमीन का मामला कोर्ट में चल रहा है. बिना जानकारी के नगर निगम विस्थापितों की भूमि पर बुलडोजर चला रहा है.
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रजत ने कहा कि नगर निगम ने यदि फिर से बुलडोजर चलाने की कोशिश की तो निगम के खिलाफ न्यायालय में आदेशों की अवहेलना करने के मामले में वाद भी दायर किया जाएगा. भूमि के दावेदारों ने बताया कि उक्त भूमि को लेकर 16 नवंबर 2019 को न्यायालय के द्वारा स्टे ऑर्डर का आदेश दिया हुआ है.

वहीं, नगर निगम के अधिशासी अभियंता दिनेश उनियाल का कहना है कि कुछ समय पहले वन विभाग, पशुपालन और पुनर्वास विभाग ने संयुक्त रूप से भूमि का निरीक्षण किया था. इस दौरान तहसील की ओर से जानकारी उपलब्ध कराई गई थी कि वीआईपी कॉलोनी के पीछे खाली पड़े भूखंड ग्राम सभा की जमीन थी, जो अब नगर निगम के अधीन है. इस जानकारी के आधार पर गौशाला बनाने के लिए बुलडोजर चलाया गया.

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