देहरादूनः बहुचर्चित शक्तिमान घोड़े की मौत (Shaktiman Horse Death Case) मामले में एक बार फिर से कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. देहरादून में आर्मी से रिटायर्ड कर्नल होशियार सिंह ने शक्तिमान घोड़ा प्रकरण में पुनर्विचार याचिका दायर (Review petition filed in Shaktiman Horse Death) कर दी है. उन्होंने यह याचिका जिला एवं सत्र न्यायालय में दायर की है. जिसके बाद यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है.
दरअसल, शक्तिमान घोड़े की मौत मामले में रिटायर्ड कर्नल होशियार सिंह ने जिला एवं सत्र न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की है. पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले पक्ष का कहना है कि जिस तरीके से पहले इस पूरे मामले में सुनवाई हुई है, उसमें कुछ साक्ष्य और गवाह रह गए थे. जिसमें सत्यता खुलकर सामने नहीं आ पाई. अधिवक्ता रजत दुआ ने बताया कि शक्तिमान घोड़े की मौत मामले पर कल सुनवाई होनी है. जिसमें कोर्ट की ओर से पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले पक्ष से पूछा जाएगा कि उनके पास क्या आधार हैं कि वो फिर से इस मामले को लेकर अपील कर रहे हैं?
जानिए शक्तिमान घोड़ा मौत मामला: बता दें कि 14 मार्च 2016 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार की कथित नाकामियों के विरोध में बीजेपी के सदस्यों ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया था. विधानसभा के पास विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों व बीजेपी समर्थकों के बीच झड़प भी हुई थी. आरोप था कि इस दौरान बीजेपी विधायक गणेश जोशी ने पुलिस की लाठी छीनकर उन्हीं पर बरसाना शुरू कर दिया था.
विधायक गणेश जोशी के लाठी से हमला करने और दूसरी तरफ से बीजेपी नेता प्रमोद वोहरा की ओर से लगाम खींचने से घोड़े का सारा भार उसके पीछे के हिस्से पर आ गया. जिससे घोड़ा गिर गया था, जिससे उसकी पिछली टांग की हड्डी टूट गई थी. इस दर्दनाक घटना के बाद घोड़े शक्तिमान का देहरादून पुलिस लाइन में कई दिनों तक उपचार चलता रहा. हालांकि, शक्तिमान की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसकी टूटी टांग काट दी और उसकी जगह कृत्रिम (आर्टिफिशियल) पैर लगा दिया था, लेकिन उसकी जान नहीं बचा सकी.
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यह शक्तिमान घोड़ा मौत मामला (Shaktiman Horse Death Case) देश-विदेश में खूब चर्चित हुआ था. वहीं, उत्तराखंड पुलिस के प्रशिक्षित घोड़े शक्तिमान पर कथित रूप से लाठी से हमला कर उसे घायल करने के आरोप में बीजेपी विधायक गणेश जोशी पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज (Prevention of Cruelty to Animals Act) किया गया था. कांग्रेस ने इस मामले को जोर-शोर से उठाया था. इससे पहले पुलिस घुड़सवार ने घोड़े की मौत पर एफआईआर दर्ज की थी. गणेश जोशी को पुलिस ने आरोपी बनाया था.
उधर, आरोप के मुताबिक बीजेपी विधायक गणेश जोशी (BJP MLA Ganesh Joshi) पर शक्तिमान प्रकरण में मुकदमा दर्ज कर साल 2016 से कोर्ट की कानूनी प्रक्रिया जारी थी. ऐसे में आखिरकार लंबी कोर्ट प्रक्रिया के बाद बीती 23 सितंबर 2021 को देहरादून की सीजेएम कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाया था. मामले में सीजेएम कोर्ट ने आरोपी कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी समेत पांचों आरोपियों को बरी कर दिया था. गणेश जोशी के साथ बीजेपी नेता योगेंद्र रावत, जोगिंदर सिंह पुंडीर, राहुल रावत और प्रमोद वोहरा भी आरोपी थे.
देहरादून सीजेएम कोर्ट ने किया था बरीः देहरादून CJM कोर्ट में जज लक्ष्मण रावत की अदालत ने इस मामले में साक्ष्यों और सबूतों के अभाव में मंत्री गणेश जोशी समेत सभी आरोपियों को दोषमुक्त करने का आदेश दिया. साल 2016 में पुलिस के सर्वश्रेष्ठ घोड़े शक्तिमान की मौत प्रकरण में राज्य सरकार बनाम गणेश जोशी के खिलाफ केस नंबर 1911/2016 का मामला देहरादून की निचली अदालत में चल रहा था. अब एक बार फिर से मामला सुर्खियों में आ गया है.
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