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बाघ को मारने के मामले में वन महकमा कटघरे में, वायरल वीडियो से उठ रहे कई सवाल - killing tiger in marchula market

अल्मोड़ा के मरचूला बाजार में बाघ को गोली मारने (Almora Marchula tiger shot) की घटना कई सवाल उठा रही है. मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश हो चुके हैं. कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Park Director) के निदेशक भी अपनी रिपोर्ट तैयार कर चुके हैं. लेकिन वायरल वीडियो कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है.

Marchula tiger shot
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Published : Nov 19, 2022, 11:05 AM IST

Updated : Nov 19, 2022, 11:33 AM IST

देहरादून: अल्मोड़ा के मरचूला बाजार में बाघ को गोली मारने (Almora Marchula tiger shot) की घटना चर्चा का विषय बनी हुई है. मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश हो चुके हैं और कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Park Director) के निदेशक भी अपनी रिपोर्ट तैयार कर चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद इस घटनाक्रम का वायरल हो रहा वीडियो मामले को काफी हद तक साफ कर रहा है. हालांकि वन विभाग इसे आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बता रहा है. लेकिन वीडियो में दिख रही स्थिति इसके ठीक उलट प्रतीत हो रही है. इतना ही नहीं वन विभाग (Uttarakhand Forest Department) इस पूरे मामले को लेकर कई सवालों के कटघरे में भी खड़ा दिखाई दे रहा है.

वन विभाग कटघरे में: इन दिनों उत्तराखंड ही नहीं देशभर में बाघ को गोली मारने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. यह वीडियो कहीं और का नहीं बल्कि अल्मोड़ा के मरचूला बाजार का है. जहां वन विभाग के एक कर्मचारी ने एक बाघ को गोली मार दी. हालांकि कहा जा रहा है कि जांच में बाघ के शरीर से बंदूक से निकले छर्रे मिले हैं. वहीं बाघ की मौत की वजह छर्रों के लगने के बाद अधिक खून बहना बताया जा रहा है. वन विभाग की तरफ से इस मामले को आत्मरक्षा में उठाए गए कदम बताया जाता रहा है, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो ने वन विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
पढ़ें-राजाजी पार्क से 6 महीने से लापता है बाघिन, कैसे बढ़ेगा बाघों का कुनबा, डायरेक्टर चले विदेश

उठ रहे कई सवाल: इस मामले में न केवल गोली मारने वाला वन कर्मी सवालों के घेरे में हैं, बल्कि क्षेत्रीय रेंजर से लेकर कॉर्बेट नेशनल पार्क के अधिकारी भी कटघरे में हैं. दरअसल, इस बाघ की क्षेत्र में 2 दिन से मौजूदगी मिल रही थी. भूखा होने के कारण यह बाघ आक्रामक भी बताया गया. लेकिन वन्यजीव से जुड़े नियमों के अनुसार यदि बाघ आक्रामक भी है तो भी उसे ट्रेंकुलाइज करने का प्रावधान है. सवाल उठ रहा है कि बाघ की क्षेत्र में मौजूदगी होने की सूचना के बाद वन विभाग की टीम ट्रेंकुलाइजर गन लेकर क्यों नहीं रेस्क्यू करने पहुंची. कॉर्बेट में तैनात वेटरनरी चिकित्सकों (Veterinary doctors posted at Corbett Park) की इस दौरान भूमिका क्या रही और जब बाघ को ट्रेंकुलाइज किया जा सकता था तो फिर गोली मारने की इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई गयी.
पढ़ें-हाईवे पर अचानक आया हाथियों का झुंड, वाहनों की लगी कतार

सवाल जस के तस: इस मामले में कॉर्बेट के निदेशक ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को अपनी रिपोर्ट दे दी है और रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई करने की बात कही जा रही है. इस पूरे मामले में निदेशक कॉर्बेट की तरफ से अपनी रिपोर्ट दी जा चुकी है और अब मजिस्ट्रियल जांच भी शुरू हो चुकी है. लेकिन सवाल जस के तस बने हुए हैं और इन सवालों से वन महकमा बच नहीं सकता. वह बात अलग है कि वन मंत्री से लेकर विभागीय अधिकारी कैमरे के पीछे घटनाक्रम को आत्मरक्षा से जोड़ रहे हैं, जिस पर वीडियो कुछ और कहानी बयां कर रहा है. बता दें कि ईटीवी भारत वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.

देहरादून: अल्मोड़ा के मरचूला बाजार में बाघ को गोली मारने (Almora Marchula tiger shot) की घटना चर्चा का विषय बनी हुई है. मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश हो चुके हैं और कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Park Director) के निदेशक भी अपनी रिपोर्ट तैयार कर चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद इस घटनाक्रम का वायरल हो रहा वीडियो मामले को काफी हद तक साफ कर रहा है. हालांकि वन विभाग इसे आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बता रहा है. लेकिन वीडियो में दिख रही स्थिति इसके ठीक उलट प्रतीत हो रही है. इतना ही नहीं वन विभाग (Uttarakhand Forest Department) इस पूरे मामले को लेकर कई सवालों के कटघरे में भी खड़ा दिखाई दे रहा है.

वन विभाग कटघरे में: इन दिनों उत्तराखंड ही नहीं देशभर में बाघ को गोली मारने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. यह वीडियो कहीं और का नहीं बल्कि अल्मोड़ा के मरचूला बाजार का है. जहां वन विभाग के एक कर्मचारी ने एक बाघ को गोली मार दी. हालांकि कहा जा रहा है कि जांच में बाघ के शरीर से बंदूक से निकले छर्रे मिले हैं. वहीं बाघ की मौत की वजह छर्रों के लगने के बाद अधिक खून बहना बताया जा रहा है. वन विभाग की तरफ से इस मामले को आत्मरक्षा में उठाए गए कदम बताया जाता रहा है, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो ने वन विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
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उठ रहे कई सवाल: इस मामले में न केवल गोली मारने वाला वन कर्मी सवालों के घेरे में हैं, बल्कि क्षेत्रीय रेंजर से लेकर कॉर्बेट नेशनल पार्क के अधिकारी भी कटघरे में हैं. दरअसल, इस बाघ की क्षेत्र में 2 दिन से मौजूदगी मिल रही थी. भूखा होने के कारण यह बाघ आक्रामक भी बताया गया. लेकिन वन्यजीव से जुड़े नियमों के अनुसार यदि बाघ आक्रामक भी है तो भी उसे ट्रेंकुलाइज करने का प्रावधान है. सवाल उठ रहा है कि बाघ की क्षेत्र में मौजूदगी होने की सूचना के बाद वन विभाग की टीम ट्रेंकुलाइजर गन लेकर क्यों नहीं रेस्क्यू करने पहुंची. कॉर्बेट में तैनात वेटरनरी चिकित्सकों (Veterinary doctors posted at Corbett Park) की इस दौरान भूमिका क्या रही और जब बाघ को ट्रेंकुलाइज किया जा सकता था तो फिर गोली मारने की इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई गयी.
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सवाल जस के तस: इस मामले में कॉर्बेट के निदेशक ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को अपनी रिपोर्ट दे दी है और रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई करने की बात कही जा रही है. इस पूरे मामले में निदेशक कॉर्बेट की तरफ से अपनी रिपोर्ट दी जा चुकी है और अब मजिस्ट्रियल जांच भी शुरू हो चुकी है. लेकिन सवाल जस के तस बने हुए हैं और इन सवालों से वन महकमा बच नहीं सकता. वह बात अलग है कि वन मंत्री से लेकर विभागीय अधिकारी कैमरे के पीछे घटनाक्रम को आत्मरक्षा से जोड़ रहे हैं, जिस पर वीडियो कुछ और कहानी बयां कर रहा है. बता दें कि ईटीवी भारत वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.

Last Updated : Nov 19, 2022, 11:33 AM IST
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