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उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में भी हिंदी में होगी MBBS की पढ़ाई, चार सदस्यीय समिति का गठन - चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन

उत्तराखंड में नये सत्र से मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी (Medical studies will be done in Hindi) में होगी. उत्तराखंड एमबीबीएस में हिन्दी पाठ्यक्रम अपनाने वाला देश का दूसरा राज्य होगा. इससे पहले मध्य प्रदेश मेडिकल में हिन्दी पाठ्यक्रम लागू कर चुका है. हिन्दी पाठ्यक्रम का अध्ययन करने के लिए चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति एमपी जाएगी.

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उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में भी हिंदी में होगी MBBS की पढ़ाई
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Published : Nov 4, 2022, 7:50 PM IST

देहरादून: प्रदेश के राजकीय मेडिकल काॅलेजों में अगले सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ-साथ अब हिन्दी मीडियम में भी होगी. इसके लिये चिकित्सा शिक्षा विभाग ने चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन (Four member expert committee constituted) कर दिया है. ये समिति मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वहां के मेडिकल काॅलेजों में लागू हिन्दी मीडियम एमबीबीएस पाठ्यक्रम का अध्ययन कर नये पाठ्यक्रम का ड्राफ्ट तैयार करेगी. जिसका विस्तृत अध्ययन के बाद सभी औपचारिकताएं पूर्ण करते हुये अगले सत्र से सूबे के राजकीय मेडिकल काॅलेजों में लागू कर दिया जायेगा.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री डाॅ धन सिंह रावत (Medical Education Minister Dr Dhan Singh Rawat) ने बताया कि वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रभाषा हिन्दी को विशेष महत्व दिया जा रहा है. जिसके तहत न्यायपालिका सहित केन्द्र व राज्य सरकारों के सभी विभागों का कामकाज हिन्दी भाषा में किये जाने पर जोर दिया जा रहा है. यही नहीं, शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में भी अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी भाषा में भी पाठ्यक्रम लागू किये जा रहे हैं.

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उत्तराखंड के अधिकतर विद्यालयों में छात्र-छात्राएं की पढ़ाई हिन्दी मीडियम से ही कराई जाती है. अक्सर देखने में आया है कि पर्वतीय क्षेत्रों से अपनी स्कूली शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी माध्यम से की जाने वाली मेडिकल की पढ़ाई में दिक्कत होती है. स्वयं डाॅक्टरी की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राएं समय-समय पर मेडिकल शिक्षा के पाठ्यक्रम को हिन्दी मीडियम में भी उपलब्ध कराने की मांग सरकार से करते आये हैं. इन सभी बातों का संज्ञान लेते हुये चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नये सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी माध्यम से भी कराने का निर्णय लिया है.

डॉ धन सिंह रावत (Medical Education Minister Dr Dhan Singh Rawat) ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार पहले ही अपने मेडिकल काॅलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी माध्यम में शुरू कर चुका है, जो कि हिन्दी मीडियम में एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी में कराने वाला देश का पहला राज्य बन चुका है. विभागीय मंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश के बाद उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य होगा जहां मेडिकल काॅलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी माध्यम में भी कराई जायेगी.

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जिसके लिये चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय मेडिकल काॅलेजों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है. राजकीय मेडिकल काॅलेज श्रीनगर के प्राचार्य डाॅ सीएमएस रावत की अध्यक्षता में गठित समिति में हल्द्वानी मेडिकल काॅलेज के प्रोफेसर डाॅ एके सिंह एवं डाॅ हरि शंकर पाण्डेय को सदस्य जबकि दून मेडिकल काॅलेज देहरादून के प्रोफेसर डाॅ दौलत सिंह को सदस्य सचिव नामित किया गया है.

समिति मध्य प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों में लागू एमबीबीएस के हिन्दी पाठ्यक्रम का अध्ययन कर राज्य के मेडिकल काॅलेजों के लिये सिलेबस तैयार करेगी. समिति द्वारा तैयार हिन्दी मीडियम पाठ्यक्रम को हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय को सौंप दिया जायेगा. विश्वविद्यालय द्वारा हिन्दी मीडियम पाठ्यक्रम की सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरांत इसे सूबे के मेडिकल काॅलेजों में अगले सत्र से लागू कर दिया जायेगा.

देहरादून: प्रदेश के राजकीय मेडिकल काॅलेजों में अगले सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ-साथ अब हिन्दी मीडियम में भी होगी. इसके लिये चिकित्सा शिक्षा विभाग ने चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन (Four member expert committee constituted) कर दिया है. ये समिति मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वहां के मेडिकल काॅलेजों में लागू हिन्दी मीडियम एमबीबीएस पाठ्यक्रम का अध्ययन कर नये पाठ्यक्रम का ड्राफ्ट तैयार करेगी. जिसका विस्तृत अध्ययन के बाद सभी औपचारिकताएं पूर्ण करते हुये अगले सत्र से सूबे के राजकीय मेडिकल काॅलेजों में लागू कर दिया जायेगा.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री डाॅ धन सिंह रावत (Medical Education Minister Dr Dhan Singh Rawat) ने बताया कि वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रभाषा हिन्दी को विशेष महत्व दिया जा रहा है. जिसके तहत न्यायपालिका सहित केन्द्र व राज्य सरकारों के सभी विभागों का कामकाज हिन्दी भाषा में किये जाने पर जोर दिया जा रहा है. यही नहीं, शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में भी अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी भाषा में भी पाठ्यक्रम लागू किये जा रहे हैं.

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उत्तराखंड के अधिकतर विद्यालयों में छात्र-छात्राएं की पढ़ाई हिन्दी मीडियम से ही कराई जाती है. अक्सर देखने में आया है कि पर्वतीय क्षेत्रों से अपनी स्कूली शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी माध्यम से की जाने वाली मेडिकल की पढ़ाई में दिक्कत होती है. स्वयं डाॅक्टरी की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राएं समय-समय पर मेडिकल शिक्षा के पाठ्यक्रम को हिन्दी मीडियम में भी उपलब्ध कराने की मांग सरकार से करते आये हैं. इन सभी बातों का संज्ञान लेते हुये चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नये सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी माध्यम से भी कराने का निर्णय लिया है.

डॉ धन सिंह रावत (Medical Education Minister Dr Dhan Singh Rawat) ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार पहले ही अपने मेडिकल काॅलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी माध्यम में शुरू कर चुका है, जो कि हिन्दी मीडियम में एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी में कराने वाला देश का पहला राज्य बन चुका है. विभागीय मंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश के बाद उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य होगा जहां मेडिकल काॅलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी माध्यम में भी कराई जायेगी.

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जिसके लिये चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय मेडिकल काॅलेजों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है. राजकीय मेडिकल काॅलेज श्रीनगर के प्राचार्य डाॅ सीएमएस रावत की अध्यक्षता में गठित समिति में हल्द्वानी मेडिकल काॅलेज के प्रोफेसर डाॅ एके सिंह एवं डाॅ हरि शंकर पाण्डेय को सदस्य जबकि दून मेडिकल काॅलेज देहरादून के प्रोफेसर डाॅ दौलत सिंह को सदस्य सचिव नामित किया गया है.

समिति मध्य प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों में लागू एमबीबीएस के हिन्दी पाठ्यक्रम का अध्ययन कर राज्य के मेडिकल काॅलेजों के लिये सिलेबस तैयार करेगी. समिति द्वारा तैयार हिन्दी मीडियम पाठ्यक्रम को हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय को सौंप दिया जायेगा. विश्वविद्यालय द्वारा हिन्दी मीडियम पाठ्यक्रम की सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरांत इसे सूबे के मेडिकल काॅलेजों में अगले सत्र से लागू कर दिया जायेगा.

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