ETV Bharat / state

देहरादून: शौर्य स्थल के लिये हुआ भूमि का चयन, कोविड-19 के चलते रुका शिलान्यास

उत्तराखंड में बनने जा रहे पांचवें धाम को लेकर सरकार ने जमीन का चिन्हीकरण कर लिया है. सैन्य धाम के रूप में स्थापित हो रहे पांचवें धाम को बेहद भव्य बनाने की तैयारी है.

author img

By

Published : Jul 25, 2020, 2:12 PM IST

Updated : Jul 25, 2020, 7:39 PM IST

dehradun
शौर्य स्थल की चयनित की गई भूमि

देहरादून: उत्तराखंड में बनने जा रहे पांचवें धाम को लेकर सरकार ने जमीन का चिन्हीकरण कर दिया है. सैन्य धाम के रूप में स्थापित हो रहे पांचवें धाम को बेहद भव्य बनाने की तैयारी है. विजय दिवस से पहले सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सैन्य धाम या शौर्य स्थल के लिए जमीन के चिन्हित होने की जानकारी दी.

विजय दिवस पर कोविड-19 के चलते इस बार शहीदों के सम्मान में बड़ा कार्यक्रम तो नहीं किया जाएगा लेकिन, शहीदों को हर कोई दिल से याद करेगा. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार शहीदों के आश्रितों को लेकर हमेशा संवेदनशील रही है. उन्होंने कहा कि यह देश की पहली सरकार है, जिसने कारगिल शहीद के साथ दूसरे ऑपरेशन में शहादत पाने वाले शहीदों के आश्रितों को भी राजकीय सेवा में लेने का फैसला लिया है. दरअसल, कारगिल की लड़ाई में राज्य के कुल 75 जवान देश के लिए शहीद हुए थे.

शौर्य स्थल की चयनित की गई भूमि

पढ़ें- देशभर में 24 घंटे में कोरोना के 48,916 नए मरीज, 757 की मौत

वहीं सीएम ने कहा कि कारगिल की लड़ाई बेहद कठिन परिस्थितियों में भारतीय सेना ने लड़ी और अपनी जांबाजी से फतेह भी की. सीएम त्रिवेंद्र ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए वीरांगनाओं और उनके बच्चों के लिए तत्पर रहने की बात कही. सीएम त्रिवेंद्र ने शौर्य स्थल के बारे में बताया कि राज्य सरकार इसके लिए जमीन को चिन्हित कर चुकी है, फिलहाल यहां पर सफाई का काम किया जा रहा है. लेकिन, कोविड-19 के चलते फिलहाल इस जमीन पर शिलान्यास नहीं हो पाया है.

देहरादून: उत्तराखंड में बनने जा रहे पांचवें धाम को लेकर सरकार ने जमीन का चिन्हीकरण कर दिया है. सैन्य धाम के रूप में स्थापित हो रहे पांचवें धाम को बेहद भव्य बनाने की तैयारी है. विजय दिवस से पहले सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सैन्य धाम या शौर्य स्थल के लिए जमीन के चिन्हित होने की जानकारी दी.

विजय दिवस पर कोविड-19 के चलते इस बार शहीदों के सम्मान में बड़ा कार्यक्रम तो नहीं किया जाएगा लेकिन, शहीदों को हर कोई दिल से याद करेगा. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार शहीदों के आश्रितों को लेकर हमेशा संवेदनशील रही है. उन्होंने कहा कि यह देश की पहली सरकार है, जिसने कारगिल शहीद के साथ दूसरे ऑपरेशन में शहादत पाने वाले शहीदों के आश्रितों को भी राजकीय सेवा में लेने का फैसला लिया है. दरअसल, कारगिल की लड़ाई में राज्य के कुल 75 जवान देश के लिए शहीद हुए थे.

शौर्य स्थल की चयनित की गई भूमि

पढ़ें- देशभर में 24 घंटे में कोरोना के 48,916 नए मरीज, 757 की मौत

वहीं सीएम ने कहा कि कारगिल की लड़ाई बेहद कठिन परिस्थितियों में भारतीय सेना ने लड़ी और अपनी जांबाजी से फतेह भी की. सीएम त्रिवेंद्र ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए वीरांगनाओं और उनके बच्चों के लिए तत्पर रहने की बात कही. सीएम त्रिवेंद्र ने शौर्य स्थल के बारे में बताया कि राज्य सरकार इसके लिए जमीन को चिन्हित कर चुकी है, फिलहाल यहां पर सफाई का काम किया जा रहा है. लेकिन, कोविड-19 के चलते फिलहाल इस जमीन पर शिलान्यास नहीं हो पाया है.

Last Updated : Jul 25, 2020, 7:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.