नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि बजट 2025-26 में रेलवे को बेहतर बनाने के लिए सरकार के निरंतर प्रयास को जारी रखा गया है. इसके लिए 2.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और 17,500 जनरल कोच, 200 वंदे भारत और 100 अमृत भारत ट्रेनों के निर्माण जैसी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.
रेल मंत्री ने यहां रेल भवन में मीडिया से कहा, "बजट में 4.6 लाख करोड़ रुपये की नई परियोजनाएं शामिल की गई हैं, जो चार से पांच साल में पूरी हो जाएंगी. ये नई लाइनें बिछाने, दोहरीकरण, चौगुनीकरण, नए निर्माण, स्टेशन पुनर्विकास, फ्लाईओवर, अंडरपास सहित कई अन्य से संबंधित हैं."
#WATCH | On the Union Budget 2025, Union Minister Ashwini Vaishnaw says " i am very thankful to the prime minister and finance minister for supporting the growth of railways. the capital expenditure for railways is huge, 2.52 lakh crore gbs and this is something which was really… pic.twitter.com/tDN7YFELvc
— ANI (@ANI) February 1, 2025
100 अमृत भारत ट्रेनें बनाई जाएंगी
उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन सालों में 100 अमृत भारत, 50 नमो भारत और 200 वंदे भारत - स्लीपर और चेयर कार दोनों तरह की ट्रेनें बनाई जाएंगी. नई अमृत भारत ट्रेनों के साथ हम कई और छोटी दूरी के शहरों को जोड़ेंगे. जनरल कोच के बारे में वैष्णव ने कहा कि आने वाले सालों में 17,500 ऐसे कोच बनाने की मंजूरी दी गई है.
वैष्णव ने कहा, "जनरल कोच का निर्माण पहले से ही चल रहा है और 31 मार्च के अंत तक 1400 ऐसे कोच बनाए जाएंगे. वित्त वर्ष 2025-26 में हमारा लक्ष्य 2,000 सामान्य कोच बनाना है. इसके अलावा 1000 नए फ्लाईओवर निर्माण के लिए स्वीकृत किए गए हैं."
दूसरा सबसे बड़ा माल ढोने वाला रेलवे
उन्होंने कहा, "एक और बड़ी उपलब्धि जो रेलवे 31 मार्च तक हासिल करने जा रहा है, वह हमारी माल ढुलाई क्षमता से संबंधित है. हम 31 मार्च तक 1.6 बिलियन टन माल ढोने का लक्ष्य हासिल कर लेंगे और चीन के बाद भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा माल ढोने वाला रेलवे बन जाएगा." मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि हम इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 100 प्रतिशत विद्युतीकरण हासिल करने जा रहे हैं.
रेल संचालन की सुरक्षा में निवेश पर सरकार के फोकस को उजागर करते हुए, वैष्णव ने कहा कि इसके लिए आवंटन 1.08 लाख करोड़ से बढ़ाकर 1.14 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है. अगले वित्तीय वर्ष में इसे और बढ़ाकर 1.16 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा. वैष्णव के अनुसार, जब पीपीपी निवेश को इसमें जोड़ा जाता है तो कुल बजट 2.64 लाख करोड़ रुपये होता है.
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