नई दिल्ली: उद्योग जगत का कहना है कि बजट से रोजगार सृजन होगा और विकास को बढ़ावा मिलेगा. उद्योग जगत बजट से काफी खुश है. उनका मानना है कि, सरकार द्वारा टैक्स स्लैब बढ़ाने और 12 लाख तक की आय को कर मुक्त करने के फैसले से न केवल खर्च बढ़ेगा बल्कि लोगों के पास खर्च करने के लिए अच्छी खासी रकम भी आएगी.
'यह बहुत ही प्रगतिशील बजट है', हेमंत शर्मा ने कहा
इस बढ़ी हुई आय से आर्थिक श्रृंखला में मूल्यवर्धन होने की उम्मीद है. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हेमंत जैन ने ईटीवी भारत से कहा कि यह बहुत ही प्रगतिशील बजट है और हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन इन बजट घोषणाओं से निश्चित रूप से न केवल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार में भी वृद्धि होगी.
उन्होंने यह भी कहा कि, हमारा निर्यात निश्चित रूप से बढ़ने वाला है. वित्त मंत्री ने घोषणा की कि निर्यातक एमएसएमई अब 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये तक के ऋण लाभ का लाभ उठा सकते हैं, जिससे अगले पांच सालों में 1.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण मिलेगा।. साथ ही अच्छी तरह से चलने वाले निर्यातक एमएसएमई को 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये तक के टर्म लोन मिलेंगे. इसके अलावा सरकार ने सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड की भी घोषणा की. 5 लाख रुपये की क्रेडिट सीमा वाले 10 लाख कार्ड, ई-कॉमर्स निर्यातकों को लाभान्वित करेंगे.
अर्थशास्त्री डॉ. एसपी शर्मा ने कहा...
अर्थशास्त्री डॉ. एसपी शर्मा का मानना है कि, इस साल के बजट से खास तौर पर मध्यम वर्ग को लाभ होगा. वित्त मंत्री की ओर से कर राहत से खपत बढ़ने की उम्मीद है, जिससे रोजगार पैदा होगा. इसके अलावा, सरकार की घोषणाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा देंगी. जिला स्तर पर की गई पहल से मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों को लाभ होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में योगदान मिलेगा.
उन्होंने यह भी कहा कि पूंजीगत व्यय पर जोर गेम चेंजर होगा. हालांकि सरकार ने पिछले साल की तुलना में थोड़ी कम राशि की घोषणा की है, लेकिन यह राशि निश्चित रूप से रोजगार पैदा करेगी और इससे पूरा आर्थिक चक्र फिर से शुरू होगा.
2025-26 के लिए केंद्रीय बजट में ट्रेजरी कंसोलिडेशन पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जबकि स्पष्ट रूप से निवेश पर खपत को प्राथमिकता दी गई है. टैक्स-भुगतान करने वाले मध्यम वर्ग के नागरिकों के हाथों में अधिक पैसा डालकर, वित्त मंत्री का लक्ष्य खर्च को बढ़ावा देना है, जो हाल के महीनों में धीमा हो गया था. साथ ही, पूंजीगत व्यय को कम आधार पर घटा दिया गया है और अब इसके नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद के अनुरूप बढ़ने की उम्मीद है.
क्या बोले डीएलएफ के पूर्व सीईओ
वहीं, डीएलएफ के पूर्व सीईओ राजीव तलवार ने कहा कि, जो चार मिशन सेट की गई हैं, उनमें से दो इन्वेस्टमेंट की और दो मैन्युफैक्चरिंग की बजट में बढ़िया प्रावधान है. उन्होंने कहा कि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बेहतरीन बजट पेश किया है.
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