देहरादून: उत्तराखंड में 11 अप्रैल को पहले चरण में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो चुका है. अब आगामी 23 मई तक के लिए प्रत्याशियों की किस्मत EVM में कैद हो गई है. अगले 44 दिनों के लिए EVM और VVPAT को स्ट्रांग रूम में रखा गया है. आइए आपको बताते हैं कि क्या है स्टांग रूम और कैसे त्रिस्तरीय घेरे के बीच सुरक्षित रहती हैं ये मशीनें.
स्ट्रांग रूम में खिड़की या झरोखे नहीं होते हैं. इसकी दो चाबियां होती हैं जिसमें से एक चाबी स्ट्रांग रूम इंचार्ज के पास होती है. तो वहीं दूसरी चाबी जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी के पास होती है. स्ट्रांग रूम में ईवीएम को राजनैतिक दलों की मौजूदगी में लॉक किया जाता है. वहीं, मतगणना के दिन उम्मीदवारों और जनप्रतिनिधियों के सामने स्ट्रांग रूम की सील खोली जाती है. स्ट्रांग रूम को खोलने से 24 घंटे पहले राजनैतिक दलों को सूचना देनी होती है.
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त्रिस्तरीय सुरक्षा लेयर में रहेगा स्ट्रांग रूम
स्ट्रांग रूम थ्री लेयर सिक्योरिटी में रखा गया है. सबसे भीतरी सुरक्षा घेरा ITBP का घेरा है. जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ITBP की एक कम्पनी 44 दिनों तक 24 घंटे स्ट्रांग रूम की सबसे अंदरूनी लेयर की सुरक्षा करेगी.
दूसरे सुरक्षा दायरे पर PAC सुरक्षा पुलिस तैनात की गई है. जो स्ट्रांग रूम में आने-जाने वाले हर व्यक्ति की जांच करेगी.
तीसरी सबसे बाहरी सुरक्षा सिविल पुलिस का घेरा है. जो स्ट्रांग रूम के आस-पास भटकने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखेगा.
48 सीसीटीवी कैमरों से रिकॉर्डिंग
स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए अंदर और बाहर 48 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इन कैमरों की रिकार्डिंग पूरी तरह से सुरक्षित रखी जाएगी. इन कैमरों में होने वाली रिकार्डिंग को जूम करके भी देखा जा सकेगा. इसके लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया.
सीलन, दीमक और चूहों के लिहाज से भी सुरक्षित स्ट्रांग रूम
स्ट्रांग रूम में बाहरी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. लेकिन स्ट्रांग रूम के अंदर कमरों में रखे EVM की सुरक्षा को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. बता दें कि उत्तराखंड के पूरे तराई वाले इलाकों में बन्द कमरों में दीमक, सीलन और चूहों से होने वाली समस्या से भी स्ट्रांग रूम को सुरक्षा की जरूरत है.
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देहरादून जिला निर्वाचन अधिकारी एस ए मुरुगेशन ने इस समस्या को गंभीर समस्या बताते हुए कहा कि स्ट्रांग रूम में इन सारी बातों का ध्यान रखा गया है. किसी तरह का शार्ट सर्किट ना हो इसके लिए सभी कमरों की लाइट काट दी गयी है और अंधेरे में EVM को रखा गया है.