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इंटरनेशनल ई-योग कॉन्क्लेव का शुभारंभ, स्वामी चिदानंद बोले- अब कोरोना से करुणा की ओर जाने का वक्त - International E Yoga Conclave Webinar

आज इंटरनेशनल ई-योग कॉन्क्लेव वेबनार का आयोजन यूथ न्यूज ऑनलाइन और इंडियन योग एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में किया गया, जिसका शुभारम्भ परमार्थ निकेतन सहित अन्य संस्था प्रमुखों ने दीप प्रज्वलित कर किया.

Rishikesh
इंटरनेशनल ई योग कॉन्क्लेव का हुआ शुभारंभ
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Published : May 24, 2020, 10:26 PM IST

ऋषिकेश: आज इंटरनेशनल ई-योग कॉन्क्लेव वेबिनार का आयोजन यूथ न्यूज ऑनलाइन और इंडियन योग एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में किया गया, जिसका शुभारम्भ परमार्थ निकेतन सहित अन्य संस्था प्रमुखों ने दीप प्रज्वलित कर किया.

इस दौरान स्वामी चिदानंद ने कहा कि कोरोना संकट से आज पूरी दुनिया दहशत में है. कोरोना एक बेजान और अदृश्य वायरस है, यह आर्थिक मंदी तो ला सकता है, हमें आर्थिक रूप से तोड़ सकता है, लेकिन हमारे मनोबल को नहीं तोड़ सकता. कोरोना का इलाज बस इतना ही है कि जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ रहें, लॉकडाउन की लक्ष्मण रेखा को पार न करे, घर पर रहें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे.

पढ़े- स्वास्थ्य विभाग की कमान संभालते ही एक्शन में अमित नेगी, सभी जिलों के CMO को कड़े निर्देश

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस बाहर है, बस हमारे मनों और दिलों में वायरस न हो. पूरी दुनिया के पास कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं है. परंतु संयम, समझदारी और आत्म बल ही सबसे बड़ी वैक्सीन है. योग, ध्यान, प्राणायाम और प्रार्थना की शक्ति नाम से ये चार इम्यूनिटी के बूस्टर हैं, जो कोरोना को हराने में कारगर साबित होंगे. स्वामी चिदानंद ने कहा कि कोरोना तो एक बहाना है योग और आयुर्वेद को बढ़ाना है. अब आयुर्वेद की बारी है, जिसमें हम सभी को मिलकर काम करना होगा और कोरोना टू करुणा की ओर बढ़ना होगा.

पढ़े- हरिद्वार: कोरोना पॉजिटिव मरीज का घर सील, दो किमी के एरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया

उन्होंने कहा कि कोरोना को हराने में योग बहुत ही उपयोगी और सहयोगी साबित हो सकता है. योग एक बहुत बड़ी भूमिका निभा सकता है और योग ही आज की सभी समस्याओं का समाधान है.

ऋषिकेश: आज इंटरनेशनल ई-योग कॉन्क्लेव वेबिनार का आयोजन यूथ न्यूज ऑनलाइन और इंडियन योग एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में किया गया, जिसका शुभारम्भ परमार्थ निकेतन सहित अन्य संस्था प्रमुखों ने दीप प्रज्वलित कर किया.

इस दौरान स्वामी चिदानंद ने कहा कि कोरोना संकट से आज पूरी दुनिया दहशत में है. कोरोना एक बेजान और अदृश्य वायरस है, यह आर्थिक मंदी तो ला सकता है, हमें आर्थिक रूप से तोड़ सकता है, लेकिन हमारे मनोबल को नहीं तोड़ सकता. कोरोना का इलाज बस इतना ही है कि जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ रहें, लॉकडाउन की लक्ष्मण रेखा को पार न करे, घर पर रहें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे.

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उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस बाहर है, बस हमारे मनों और दिलों में वायरस न हो. पूरी दुनिया के पास कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं है. परंतु संयम, समझदारी और आत्म बल ही सबसे बड़ी वैक्सीन है. योग, ध्यान, प्राणायाम और प्रार्थना की शक्ति नाम से ये चार इम्यूनिटी के बूस्टर हैं, जो कोरोना को हराने में कारगर साबित होंगे. स्वामी चिदानंद ने कहा कि कोरोना तो एक बहाना है योग और आयुर्वेद को बढ़ाना है. अब आयुर्वेद की बारी है, जिसमें हम सभी को मिलकर काम करना होगा और कोरोना टू करुणा की ओर बढ़ना होगा.

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उन्होंने कहा कि कोरोना को हराने में योग बहुत ही उपयोगी और सहयोगी साबित हो सकता है. योग एक बहुत बड़ी भूमिका निभा सकता है और योग ही आज की सभी समस्याओं का समाधान है.

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