विकासनगर: लॉकडाउन 4.0 में देश के कई व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं. ऐसे में चकराता के होटल व्यवसायियों ने सरकार से होटल व्यवसाय को प्रभावित होने से बचाने के लिए आर्थिक पैकेज की मांग की है.
जौनसार बावर का चकराता पर्यटन की दृष्टि से सुंदर और मनमोहक हिल स्टेशन है. पिछले तीन-चार सालों से चकराता क्षेत्र में होटल व्यवसाय पर्यटकों के आगमन से अच्छा खासा फल फूल रहा था, लेकिन कोरोन लॉकडाउन के कारण चकराता के होटल व्यवसाय इन दिनों निराश और हताश नजर आ रहे हैं. होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों ने बैंकों से ऋण लेकर इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा किए हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते सभी होटल व्यवसाय बंद पड़े हुए हैं. इस कारण होटल व्यवसाय से जुड़े लोग बेरोजगारी की कगार पर आ खड़े हुए हैं. ऐसे में होटल व्यवसायियों ने सरकार से होटल व्यवसाय के हित को ध्यान में रखते हुए आर्थिक पैकेज की मांग की है.
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वहीं, चकराता के होटल व्यवसायी दिनेश चांदना का कहना है कि कोरोना संक्रमण से पूरे देश में आर्थिक संकट है, लेकिन सबसे अधिक संकट हमारे चकराता के होटल व्यवसाय पर पड़ा है. होटल व्यवसाय से कई लोगों का रोजगार चलता था. आज सबसे बड़ी समस्या यह है कि कुछ लोगों ने बैंकों से ऋण भी लिया हुआ है. हम सरकार से मांग करते हैं कि होटल व्यवसायियों को आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए.
उधर, चकराता के होटल व्यवसाय से जुड़े कमल रावत का कहना है कि कोरोना लॉकडाउन के बीच होटल व्यवसाय करने वाले काफी परेशान हैं. इन दिनों चकराता में काफी पर्यटकों का आगमन होता था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते सभी होटल बंद हैं. हमारी सरकार से मांग है कि आर्थिक पैकेज की घोषणा करें, ताकि होटल व्यवसाय को प्रवाहित होने से बचाया जा सके.