देहरादून: उत्तराखंड वापस आए प्रवासियों को रोजगार से जोड़ने के लिए देहरादून स्थित हिमालयी पर्यावरण अध्ययन एवं संरक्षण संस्था (हैस्को) सहित अन्य सामाजिक संगठन मिलकर एक नया प्लेटफार्म तैयार कर रहे हैं. जिससे प्रदेश के युवाओं को न सिर्फ रोजगार से जोड़ा जाएगा, बल्कि स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा दिया जाएगा.
हैस्को के संस्थापक पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी ने बताया कि प्रवासियों को रोजगार से जोड़ने के लिए एक अहम बैठक हुई है. वर्तमान में बहुत सारे लोग छोटे-छोटे स्तर पर काम की शुरुआत कर रहे हैं. लिहाजा प्रदेश के भीतर जो प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं. उन संसाधनों का इस्तेमाल कर रोजगार के अवसर खोलने पर चर्चा की गई. इसके साथ ही प्रदेश के उत्पाद के लिए बड़ा बाजार उपलब्ध कराने के साथ ही उत्तराखंज के दूसरे राज्यों में भी भेजने पर चर्चा हुई.
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अनिल जोशी के मुताबिक प्रवासियों को रोजगार से जोड़ने के लिए कई संस्थाएं काम कर रही हैं. उत्तराखंड के जो मुख्य उत्पाद हैं उन उत्पादों को एक बेहतर बाजार, उत्पादों के मूल्य वृद्धि और साथ कृषि से जुड़े लोगों के स्किल को डेवलप करने का दायित्व हैस्को ने उठाया है. ताकि भविष्य में एक बेहतर प्लेटफार्म के जरिए प्रवासियों को बेहतर रोजगार उपलब्ध कराया जा सके.