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ईटीवी भारत पर बोले आयुष मंत्री हरक सिंह, योग के प्रचार प्रसार में धन की कमी ने रोके हाथ

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कि देवभूमि योग की जन्मभूमि है. प्रदेश में योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार बड़े महोत्सव के रूप में मनाने की तैयारी कर रही हैं.

5वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
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Published : Jun 21, 2019, 12:59 PM IST

देहरादून: देश-दुनिया में योग को अब न केवल स्वास्थ्य लाभ के रूप में बल्कि रोजगार सृजन और बड़े व्यवसाय के रूप में भी देखा जा रहा है. लेकिन योग की जन्म स्थली होने के बावजूद आज भी धन की कमी के चलते सूबे में योग उस स्तर पर नहीं पहुंच पाया है, जिसकी उम्मीद की जा रही थी. आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने के प्रचार-प्रसार को लेकर किए जा रहे प्रयासों को ETV Bharat से साझा किया.

आयुष मंत्री हरक सिंह रावत

आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि राज्य में योग के प्रचार-प्रसार को लेकर अलग से बजट की कोई व्यवस्था ही अब तक नहीं की गई है. यही कारण है कि योग महज देहरादून तक ही सिमट कर रह गया है, जबकि बाकी जिलों में योग के प्रचार-प्रसार को लेकर बड़े प्रयास नहीं किए जा सके हैं. हालांकि, सरकार अब योग के लिए अलग से बजट का प्रावधान कर अन्य जिलों में भी इसे एक बड़े महोत्सव के रूप में मनाने की तैयारी कर रही हैं.

पढ़ें- INTERNATIONAL YOGA DAY 2019: योग के बूते विश्वगुरू बनने की राह पर भारत

हरक सिंह रावत ने कहा कि योग दिवस को महज खानापूर्ति के लिए नहीं किया जा रहा है बल्कि, इसके जरिए लोगों को योग के महत्व और फायदों की जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है. इस मौके पर हरक सिंह रावत ने दिवंगत नेता प्रकाश पंत और उमेश अग्रवाल का नाम लेते हुए कहा कि यह दो घटनाएं ऐसी हुईं हैं, जिसमें पूरा उत्तराखंड मायूस है. ऐसे में वह हर शख्स से अपने जीवन के 10 मिनट निकालकर योगाभ्यास करने का संदेश देना चाहते हैं.

उत्तराखंड में ढाई सौ वैलनेस सेंटर बनाएंगे लोगों को निरोगी
उत्तराखंड आयुष विभाग ने राज्य में ढाई सौ आयुर्वेदिक हॉस्पिटल चिन्हित कर लिए हैं. जिन्हें अब भारत सरकार के सहयोग से वैलनेस सेंटर के रूप में स्थापित किया जाएगा. वैलनेस सेंटर में योग प्रशिक्षक भी तैनात किए जाएंगे, जो स्थानीय लोगों समेत पर्यटकों को भी योग के जरिए निरोगी बनाने की कोशिश करेंगे.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाते हुए अब 5 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन अब भी धनराशि की कमी का मामला सामने आना बेहद अफसोस जनक है. जरूरत है योग को आगे बढ़ाने की ताकि स्वास्थ्य के साथ रोजगार का सृजन भी हो सके.

देहरादून: देश-दुनिया में योग को अब न केवल स्वास्थ्य लाभ के रूप में बल्कि रोजगार सृजन और बड़े व्यवसाय के रूप में भी देखा जा रहा है. लेकिन योग की जन्म स्थली होने के बावजूद आज भी धन की कमी के चलते सूबे में योग उस स्तर पर नहीं पहुंच पाया है, जिसकी उम्मीद की जा रही थी. आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने के प्रचार-प्रसार को लेकर किए जा रहे प्रयासों को ETV Bharat से साझा किया.

आयुष मंत्री हरक सिंह रावत

आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि राज्य में योग के प्रचार-प्रसार को लेकर अलग से बजट की कोई व्यवस्था ही अब तक नहीं की गई है. यही कारण है कि योग महज देहरादून तक ही सिमट कर रह गया है, जबकि बाकी जिलों में योग के प्रचार-प्रसार को लेकर बड़े प्रयास नहीं किए जा सके हैं. हालांकि, सरकार अब योग के लिए अलग से बजट का प्रावधान कर अन्य जिलों में भी इसे एक बड़े महोत्सव के रूप में मनाने की तैयारी कर रही हैं.

पढ़ें- INTERNATIONAL YOGA DAY 2019: योग के बूते विश्वगुरू बनने की राह पर भारत

हरक सिंह रावत ने कहा कि योग दिवस को महज खानापूर्ति के लिए नहीं किया जा रहा है बल्कि, इसके जरिए लोगों को योग के महत्व और फायदों की जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है. इस मौके पर हरक सिंह रावत ने दिवंगत नेता प्रकाश पंत और उमेश अग्रवाल का नाम लेते हुए कहा कि यह दो घटनाएं ऐसी हुईं हैं, जिसमें पूरा उत्तराखंड मायूस है. ऐसे में वह हर शख्स से अपने जीवन के 10 मिनट निकालकर योगाभ्यास करने का संदेश देना चाहते हैं.

उत्तराखंड में ढाई सौ वैलनेस सेंटर बनाएंगे लोगों को निरोगी
उत्तराखंड आयुष विभाग ने राज्य में ढाई सौ आयुर्वेदिक हॉस्पिटल चिन्हित कर लिए हैं. जिन्हें अब भारत सरकार के सहयोग से वैलनेस सेंटर के रूप में स्थापित किया जाएगा. वैलनेस सेंटर में योग प्रशिक्षक भी तैनात किए जाएंगे, जो स्थानीय लोगों समेत पर्यटकों को भी योग के जरिए निरोगी बनाने की कोशिश करेंगे.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाते हुए अब 5 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन अब भी धनराशि की कमी का मामला सामने आना बेहद अफसोस जनक है. जरूरत है योग को आगे बढ़ाने की ताकि स्वास्थ्य के साथ रोजगार का सृजन भी हो सके.

Intro:फीड लाइव यू से भेजी गई है

फीड आईडी टीटी हरक सिंह है।


summary- उत्तराखंड के आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए योग के प्रचार प्रसार को लेकर सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों समेत इसमें आ रही दिक्कतों की बातों को साझा किया।

देश और दुनिया में योग को अब न केवल स्वास्थ्य लाभ के रूप में बल्कि रोजगार सृजन और बड़े व्यवसाय के रूप में भी देखा जा रहा है। लेकिन उत्तराखंड योग की जन्म स्थली होने के बावजूद आज भी धन की कमी के चलते उस स्तर पर नहीं पहुंच पाया है जिसकी उम्मीद की जा रही थी। आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने ईटीवी भारत पर योग के प्रचार प्रसार को लेकर किए जा रहे प्रयासों को बताया तो इसमें आ रही दिक्कतों को भी साझा किया।


Body:योग का महत्व और उसके फायदे आज देश दुनिया तक उत्तराखंड की धरती से ही पहुंचे हैं.. लेकिन उत्तराखंड खुद योग जैसे बड़े विषय पर कहीं ना कहीं पीछे छूट गया है। इसकी एक वजह उत्तराखंड सरकार के स्तर पर योग को वह तवज्जो ना मिलना है जिसकी सरकारों से उम्मीद की जाती रही है। आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ईटीवी भारत पर योग के प्रचार प्रसार में आ रही दिक्कतों को साझा करते हुए बताते हैं कि राज्य में योग के प्रचार प्रसार को लेकर अलग से बजट की कोई व्यवस्था ही अब तक नहीं की गई है... और यही कारण है कि योग महज देहरादून तक ही सिमट कर रह गया है जबकि बाकी जिलों में योग के प्रचार प्रसार को लेकर बड़े प्रयास नहीं किए जा सके हैं । हालांकि आयुष मंत्री अब योग के लिए अलग बजट का प्रावधान कर जिलों में भी इसे एक बड़े महोत्सव के रूप में मनाने की तैयारी कर रहे हैं। पांचवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि योग दिवस को महज खानापूर्ति के लिए नहीं किया जा रहा बल्कि इसके जरिए लोगों को योग के महत्व और इसके फायदे की जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है। इस मौके पर हरक सिंह रावत ने दिवंगत नेता प्रकाश पंत और उमेश अग्रवाल का नाम लेते हुए कहा कि यह दो घटनाएं ऐसी हुई है जिसमें पूरा उत्तराखंड मायूस है ऐसे में वह हर शख्स से अपने जीवन के 10 मिनट निकालकर योगाभ्यास करने का संदेश देना चाहते हैं।

121 हरक सिंह रावत

उत्तराखंड में ढाई सौ वैलनेस सेंटर बनाएंगे लोगों को निरोगी

उत्तराखंड आयुष विभाग ने राज्य में ढाई सौ आयुर्वेदिक हॉस्पिटल चिन्हित कर लिए हैं जिन्हें अब भारत सरकार के सहयोग से वैलनेस सेंटर के रूप में स्थापित किया जाएगा। वैलनेस सेंटर में योग प्रशिक्षक भी तैनात किए जाएंगे जो स्थानीय लोगों समेत यात्रियों को भी योग के जरिए निरोगी बनाने की कोशिश करेंगे।


Conclusion:योग दिवस को मनाते हुए अब 5 साल पूरे हो गए हैं लेकिन अब भी धनराशि की कमी का मामला सामने आना बेहद अफसोस जनक है। जरूरत है योग को आगे बढ़ाने की ताकि स्वास्थ्य के साथ रोजगार सृजन भी हो सकें।
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