देहरादून: पहाड़ों में ट्रेकिंग और पर्वतारोहण करने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है. यह खबर उत्तराखंड में घूमने आने वालों के लिए भी है. अब तक लगभग 24 ट्रेक उत्तराखंड में अलग-अलग जगहों पर थे. लेकिन अब इन 24 ट्रेकों के अलावा 40 और चोटियों पर भी पर्वतारोहण (Uttarakhand Trekking Route) की अनुमति केंद्र सरकार से मिल गई है. अनुमति मिलने के बाद राज्य सरकार ने भी गाइडलाइन जारी करके पर्यटकों को उत्तराखंड आमंत्रित कर दिया है.
लंबे समय से केंद्र सरकार की अनुमति मिलने की प्रतीक्षा उत्तराखंड का वन विभाग (Uttarakhand Forest Department) और पर्यटन विभाग कर रहे थे. लिहाजा शर्तों के साथ अनुमति मिलने के बाद अब पर्यटक नई 40 चोटियों पर रोमांच का मजा ले सकेंगे. उत्तराखंड में 40 नई चोटियों पर केंद्र सरकार की हामी के बाद राज्य सरकार का वन विभाग और पर्यटन विभाग इस दिशा में आगे काम शुरू कर चुके हैं. यह फाइल केंद्र सरकार में लंबे समय से अटकी हुई थी. अब केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद उत्तराखंड में साहसिक पर्यटक और बढ़ावा मिलेगा.
इन जनपदों ने किया काम शुरू: जहां से यह ट्रेकिंग प्वाइंट गुजरेंगे राज्य सरकार ऐसे टूरिज्म को विकसित करने की कोशिश कर रही है, जिसमें प्राकृतिक सौंदर्य के साथ साथ रोमांच का मजा सैलानी ले सकें. इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुमाऊं के गुंजी गांव स्थित माउंटेन बाइक रैली का भी आयोजन किया था. राज्य सरकार अब पर्यटकों को और बढ़ावा देने के लिए इन 40 चोटियों का प्रचार-प्रसार तेजी से करवाएगी. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की मानें तो यह उत्तराखंड के पहाड़ों के लिए और उत्तराखंड के लोगों के लिए बेहद खुशी की बात है. केंद्र सरकार की तरफ से सभी तरह की अनुमति मिलने के बाद पर्यटक उन अनछुई चोटियों तक पहुंच पाएंगे, जहां वो आजतक नहीं पहुंचे थे. इस ट्रेकिंग प्वाइंट में जो 40 चोटियां बताई गई हैं, उनमें से उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर जैसे जनपदों में कार्य शुरू कर दिया गया है.
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क्या है गाइडलाइन: प्रदेश में वन विभाग ने उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड के साथ बैठक करके इस मामले में आवश्यक जानकारी इकट्ठा की है. हालांकि केंद्र सरकार को 51 चोटियों की जानकारी भेजी गई थी, जिसमें से 40 चोटियों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार के एक्सपोर्ट ने फाइनल किया है. जिसमें से 30 चोटियों को पर्वतारोहण के लिए जबकि 10 चोटियों को ट्रेकिंग के लिए उपयुक्त माना गया है. अब राज्य सरकार का वन विभाग और पर्यटन विभाग इन चोटियों का नामकरण जल्द ही करेंगे. ताकि आने वाले पर्यटकों को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो. पर्यटक आईकार्ड और समय सीमा तय करके पहले से ही लाएंगे. इसके साथ ही जहां आप रुक रहे हैं, उसके लिए अस्थाई कैंप की जानकारी और व्यवस्थाओं की जानकारी पूरी देनी होगी.
पर्वतारोहण का मजा लेने के लिए विदेशी पर्यटकों से जहां ₹10,000 फीस जमा करवाई जाएगी, वहीं भारतीय लोगों के लिए यह राशि ₹5000 होगी. जो खाद्य सामग्री पर्यटक लेकर जाएंगे वापस आने के बाद उनके रैपर, बोतल इत्यादि चेक पोस्ट पर दिखानी होगी. एक दल में लगभग 10 सदस्य होंगे. अधिक शुल्क देकर यह संख्या 12 तक की जा सकती है. सभी दलों के पास दिल्ली स्थित पर्वतारोहण अभियान से क्लीन चिट होनी अनिवार्य होगी. इसके साथ ही राज्य सरकार और पर्यटन विभाग के साथ वन विभाग की गाइडलाइन का पालन करना होगा.
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स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार: उत्तराखंड में इन 40 चोटियों पर आरोहण होने से गांवों की भी सूरत काफी हद तक बदलेगी. जिन जगहों से पर्यटक इन चोटियों तक पहुंचेंगे, वहां पर होमस्टे योजना के तहत लोगों को जागरूक किया जाएगा. ताकि वह अपने खूबसूरत मकानों को होमस्टे में तब्दील करके रोजगार के साधन जुटा सकें. इसके साथ ही युवाओं को ट्रेकिंग टूरिज्म से जोड़ने के लिए भी पर्यटन विभाग आगे की योजना बना रहा है, ताकि ट्रेकिंग दल और पर्वतारोहण दल के साथ उत्तराखंड के लोकल जानकार भी जा सकें.
ये हैं अधिसूचित ट्रेक: बागेश्वर जिले में खाती ट्रेकिंग सेंटर चिन्हित किया गया है. इसमें खाती, दऊ, जैकुणी गांव जुड़े हैं. वहीं सरमोली ट्रेकिंग सेंटर से सरमोली, सुरिंग, रिलकोट, मरतोली और मिलन गांव शामिल हैं. पिथौरागढ़ जिले में सेंटर दर को चिन्हित किया गया है. इसमें दर, नांगलिंग, सीन, डाकर, दुतू गांव शामिल हैं. ट्रेकिंग सेंटर (पांगू) में भी गंगू बूंदी, गुंजी, कुटी जैसे गांव शामिल हैं. चमोली जिले की बात करें तो ट्रेकिंग सेंटर लोहाजंग को चिन्हित किया गया है. इसमें लोदानंग, मुन्दोली वॉक, गुलिंग, दिदिना, वाण, ताण, हिमिनी और घेस गांव शामिल हैं. ट्रेकिंग सेंटर तपोवन में तपोवन रिंगी, सुभाई सलधार गांव शामिल हैं.
उत्तरकाशी में सांकरी में ट्रेकिंग सेंटर बनाया गया है. इसमें सांकरी सौड़, कोटगांव, गंगाठ, ओसला आदि गांव हैं. अगोड़ा ट्रेकिंग सेंटर के तहत अगोड़ा, भंकुली, गलोजी, दासंडा, नौगांव, निसनी गांव शामिल हैं. टिहरी जिले में घुत्तू को सेंटर बनाया गया है. इसमें घुत्तू, रानोडाल, ऋषिधार, सत्याला, मल्ला गांव शामिल हैं. मेहरगांव में भी ट्रेकिंग सेंटर बनाया गया है. इसमें गंगी, पुजार गांव, सेंदवाल गांव, भैयाण गांव, जोगीयाड़ा, भाटगांव, अकवा गांव, मल्ला गवणा व तत्तागवणा गांव शामिल हैं.