अल्मोड़ा: उत्तराखंड के वरिष्ठ आंदोलनकारी और जनसरोकारों से जुड़े नेता स्वर्गीय डॉ. शमशेर सिंह बिष्ट की 74वीं जयंती मनाई गई. इस अवसर पर आज 'प्रथम शमशेर स्मृति व्याख्यान समारोह 2020' का आयोजन किया गया. जिसमें वक्ताओं ने 'आज की राजनीति' विषय पर अपने-अपने विचार रखे. इस समारोह में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े कई लोगों ने हिस्सा लिया.
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव लोचन शाह कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा जनमुद्दों पर संवाद वर्तमान समय में भुला दिया गया है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनमुद्दों की अहम भूमिका होती है. जिसमें सभी नागरीकों को समान शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाओं का अधिकार है. यह लोकतंत्र की विशेषता भी है. वहीं, उत्तराखंड में जनसंघर्षों का बड़ा नाम और पहाड़ की प्रबल आवाज़ रहे डॉ. शमशेर सिंह बिष्ट ने अपने जीवन के 40 वर्ष उत्तराखंड के जल, जंगल, जमीन को बचाने में लगा दिए. यहां की प्राकृतिक संपदाओं को सुरक्षित रखने, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे तमाम जनमुद्दों के लिए उन्होंने कई आंदोलन किए हैं.
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इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को डॉ. शमशेर से प्रेरणा लेनी चाहिए. जिन्होंने अंतिम सांस तक समाज के हित के लिए काम किया है. वहीं, इस दौरान उन्होंने आवारा कुत्तों और बंदरों की समस्या पर जोर देते हुए कहा कि यह इतनी गंभीर समस्या होने के बाद भी आज तक जनमुद्दा नहीं बन पाया है.