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सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए 108 सेवा के कर्मचारी 30 अप्रैल से करेंगे अनिश्चितकालीन धरना

आपातकालीन सेवा का संचालन अब कैम्प कंपनी कर रही है. जिसके लिए जीवीके के कर्मचारियों ने वाहनों की चाबीया कैम्प कंपनी को सौंप दी है. वहीं जीवीके कंपनी के कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें पिछले 2 माह से वेतन नहीं दिया गया है. जिससे आक्रोशित होकर प्रदेश के 717 जीवीके कंपनी के कर्मचारी 30 अप्रैल को राजधानी में एकत्र होकर अनिश्चितकालीन धरना देंगे. 108 service personnel will indefinitely take off from april 30

जीवीके के कर्मचारी वाहनों की चाबीया कैम्प कंपनी को सौंप 30 अप्रैल को राजधानी में एकत्र होकर अनिश्चितकालीन धरना देंगे.
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Published : Apr 28, 2019, 11:43 PM IST

देहरादून: प्रदेश में आपातकालीन सेवा का संचालन अब कैम्प कंपनी कर रही है. जिसके लिए जीवीके के कर्मचारियों ने वाहनों की चाबीया कैम्प कंपनी को सौंप दी है. वहीं जीवीके कंपनी के कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें पिछले 2 माह से वेतन नहीं दिया गया है. जिससे आक्रोशित होकर प्रदेश के 717 जीवीके कंपनी के कर्मचारी 30 अप्रैल को राजधानी में एकत्र होकर अनिश्चितकालीन धरना देंगे.

जानकारी देते अध्यक्ष, कर्मचारी संघ विपिन जमलोकी और पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट.

आपको बता दें कि जीवीके कंपनी पिछले 11 सालों से प्रदेश में आपातकालीन सेवाओं का संचालन कर रही थी. लेकिन इस साल राज्य सरकार ने एंबुलेंस सेवा को संचालित करने के लिए जीवीके कंपनी से टेंडर लेकर कैंप को दे दिया है. कैंप कंपनी को 1 अप्रैल से सेवा का संचालन करने का आदेश दिया था. लेकिन संचालन में देरी के चलते कैंप कंपनी अगले माह से आपातकालीन सेवाओं का संचालन करेगी.

वहीं कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव विपिन जमलोकी ने बताया कि पिछले 2 महीने से कर्मियों को वेतन नहीं मिला है, जिसके चलते कर्मचारियों पर आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. साथ ही बताया कि कर्मचारियों ने हर किसी से गुहार लगाई है. लेकिन कर्मचारियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिसके चलते कर्मचारियों ने 30 अप्रैल से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का फैसला लिया है.

वहीं मामले को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट का कहना है कि लोगों को नौकरी से निकालना और भूख से मरने देना यह बीजेपी के नीति में शामिल है. भाजपा को कर्मचारियों से कोई लेना देना नहीं है बस इन्हें बड़े पूंजीपतियों से मतलब है. साथ ही सवाल खड़ा किया कि जीरो टोलरेंस की बात करने वाली सरकार ने दूसरी कंपनी को टेंडर क्यों दिया? आपातकालीन सेवा बहुत महत्वपूर्ण सेवा है. और इस सेवा के कर्मी रात दिन 24 घंटे काम करते हैं. इसलिए सरकार को इनसे बैठकर वार्ता करनी चाहिए क्योंकि वार्ता से सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है. लेकिन 57 का बहुमत इनके साथ है इसीलिए भाजपा को किसान, मजदूर, कर्मचारी और बेरोजगारों से कोई लेना देना नहीं है.

देहरादून: प्रदेश में आपातकालीन सेवा का संचालन अब कैम्प कंपनी कर रही है. जिसके लिए जीवीके के कर्मचारियों ने वाहनों की चाबीया कैम्प कंपनी को सौंप दी है. वहीं जीवीके कंपनी के कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें पिछले 2 माह से वेतन नहीं दिया गया है. जिससे आक्रोशित होकर प्रदेश के 717 जीवीके कंपनी के कर्मचारी 30 अप्रैल को राजधानी में एकत्र होकर अनिश्चितकालीन धरना देंगे.

जानकारी देते अध्यक्ष, कर्मचारी संघ विपिन जमलोकी और पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट.

आपको बता दें कि जीवीके कंपनी पिछले 11 सालों से प्रदेश में आपातकालीन सेवाओं का संचालन कर रही थी. लेकिन इस साल राज्य सरकार ने एंबुलेंस सेवा को संचालित करने के लिए जीवीके कंपनी से टेंडर लेकर कैंप को दे दिया है. कैंप कंपनी को 1 अप्रैल से सेवा का संचालन करने का आदेश दिया था. लेकिन संचालन में देरी के चलते कैंप कंपनी अगले माह से आपातकालीन सेवाओं का संचालन करेगी.

वहीं कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव विपिन जमलोकी ने बताया कि पिछले 2 महीने से कर्मियों को वेतन नहीं मिला है, जिसके चलते कर्मचारियों पर आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. साथ ही बताया कि कर्मचारियों ने हर किसी से गुहार लगाई है. लेकिन कर्मचारियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिसके चलते कर्मचारियों ने 30 अप्रैल से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का फैसला लिया है.

वहीं मामले को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट का कहना है कि लोगों को नौकरी से निकालना और भूख से मरने देना यह बीजेपी के नीति में शामिल है. भाजपा को कर्मचारियों से कोई लेना देना नहीं है बस इन्हें बड़े पूंजीपतियों से मतलब है. साथ ही सवाल खड़ा किया कि जीरो टोलरेंस की बात करने वाली सरकार ने दूसरी कंपनी को टेंडर क्यों दिया? आपातकालीन सेवा बहुत महत्वपूर्ण सेवा है. और इस सेवा के कर्मी रात दिन 24 घंटे काम करते हैं. इसलिए सरकार को इनसे बैठकर वार्ता करनी चाहिए क्योंकि वार्ता से सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है. लेकिन 57 का बहुमत इनके साथ है इसीलिए भाजपा को किसान, मजदूर, कर्मचारी और बेरोजगारों से कोई लेना देना नहीं है.

Intro:प्रदेश में अगले महीने से आपातकालीन सेवा को संचालित करने जा रही कैम्प कंपनी को सेवा हस्तान्तरित होने से पहले ही जीवीके कर्मचारियों ने अपनी कंपनी के वाहनों की चाबीया सौंप दी है। और प्रदेश के 717 जीवीके कंपनी के कर्मचारी 30 अप्रैल को राजधानी देहरादून में एकत्र होकर अनिश्चितकालीन धरना देने जा रहे हैं। हालांकि कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें पिछले 2 माह से वेतन नहीं दिया गया है जिसके विरोध में वह उग्र आंदोलन करने जा रहे हैं।


Body:आपको बता दें कि जीवीके कंपनी पिछले 11 सालों से प्रदेश में आपातकालीन सेवाओं का संचालन कर रहा था। इसके लिए प्रदेश में जीवीके कंपनी की 139 एंबुलेंस और 94 खुशियों की सवारी सेवा का संचालन कर रही थी। लेकिन इस साल राज्य सरकार ने एंबुलेंस सेवा को संचालित करने के लिए जीवीके कंपनी से टेंडर हटाकर नई कंपनी कैंप को देने का फैसला लिया था। और कैंप कंपनी को 1 अप्रैल से ही सेवा का संचालन करना था, लेकिन अन्य प्रक्रियाओं में देरी होने के चलते अब कैंप कंपनी अगले माह से आपातकालीन सेवाओं का संचालन करेगी।


वीओ - 108 कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव विपिन जमलोकी ने बताया कि पिछले 2 महीने से हमें वेतन नहीं मिला है जिससे हमारी आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है जिस वजह से हम लोग 30 तारीख तक सेवाएं नहीं दे पाएंगे और गाड़ियों की चाबियां जीवीके कंपनी के प्रबंधन को सौंप दिया है। साथ ही बताया कि कर्मचारियों ने हर किसी से गुहार लगाई, लेकिन कर्मचारियों की मांगे अभी भी यथावत जारी है जिसके बाद कर्मचारियों ने अब 30 अप्रैल से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का फैसला लिया है।

बाइट - विपिन जमलोकी (अध्यक्ष, कर्मचारी संघ)


वीओ - एंबुलेंस सेवा के साथ 717 से अधिक कर्मचारियों के बेरोजगार होने पर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने बताया कि लोगो नौकरी से निकालना, भूख से मरना यह बीजेपी के नीति में शामिल है। भाजपा को कर्मचारी से कोई लेना देना नहीं है बस इन्हें बड़े पूंजीपतियों से मतलब है। साथ ही सवाल खड़ा किया कि जीरो टोलरेंस की बात करने वाली सरकार ने दूसरी कंपनी को टेंडर क्यों दिया? और आपातकालीन सेवा बहुत महत्वपूर्ण सेवा है। यह रात दिन 24 घंटे काम करते हैं लेकिन सरकार को इनसे बैठकर वार्ता करनी चाहिए क्योंकि वार्ता से सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है। लेकिन 57 का बहुमत इनके साथ है इसीलिए भाजपा को किसान, मजदूर, कर्मचारी और बेरोजगारों से कोई लेना देना नहीं है।

बाइट - हीरा सिंह बिष्ट (पूर्व कैबिनेट मंत्री)





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