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रेलवे कैंटीन पर भी कोरोना का 'साया', ग्राहक न पहुंचने से दुकानदार परेशान - कोरोना रेलवे कैंटीन

रेलवे कैंटीन पर भी कोरोना का साया देखने को मिल रहा है. एक तरफ जहां लोग अनावश्यक सफर करने से बच रहे हैं तो वहीं रेलवे कैंटीन पर खाने से भी बच रहे हैं, जिसका असर दुकानदारों की कमाई पर पड़ रहा है.

no crowd in railway canteen in varanasi
कोरोना के चलते रेलवे कैंटीन में नहीं पहुंच रहे ग्राहक.
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Published : Jun 2, 2021, 12:42 PM IST

वाराणसी: कोरोना का काला साया हर व्यापार पर स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है. इससे रेलवे की कैंटीन भी अछूती नहीं है. जहां एक ओर कोरोना के कारण लोग सफर करने से बच रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर रेलवे कैंटीन पर खाने से भी झिझक रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि इन दिनों रेलवे कैंटीन पर ग्राहकों का टोटा है. दुकानदार परेशान हैं कि वह कैसे इन दिनों गुजर बसर करें. रेलवे कैंटीन की वर्तमान में क्या स्थिति है, उसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने रेलवे कैंटीन संचालकों से बातचीत की.

वीडियो रिपोर्ट.
'25 फीसदी से भी कम हो रही है दुकानदारी'

ईटीवी भारत से बातचीत में रेलवे कैंटीन संचालकों ने बताया कि इन दिनों दुकानदारी 25 फीसदी से भी कम हो रही हैं. सुबह से रात तक कभी दो तो कभी साथ 8 यात्री खरीदारी करने आते हैं. इस समय पके हुए सामान बहुत कम बन रहे हैं. इस वजह से यात्रियों को उनके मन मुताबिक खाने का सामान नहीं मिल रहा है. साथ ही संक्रमण के कारण भी बहुत कम संख्या में यात्री सफर कर रहे हैं, जिसके कारण हमारी बिक्री नहीं हो रही है.

no crowd in railway canteen in varanasi
ग्राहक का इंतजार करता दुकानदार.

उन्होंने कहा कि इस बार भी लॉकडाउन से ये साल ऐसे ही चला गया. पिछले वर्ष के समान इस वर्ष भी हम सभी को नुकसान झेलने को मिल रहा है. जैसे-तैसे गुजारा कर रहे हैं. अभी भी ग्राहक खरीदारी करने से झिझक रहे हैं.

no crowd in railway canteen in varanasi
ग्राहक का इंतजार करता दुकानदार.
खरीदारी करने में झिझक रहे हैं ग्राहक

वहीं ईटीवी भारत से बातचीत में ग्राहकों ने बताया कि अभी भी कोरोना का भय बना हुआ है. ऐसे में खुले सामानों को खरीदने में डर लग रहा है. उन्होंने बताया कि मजबूरी वश चाय खरीदना है और उसके साथ कुछ पैक सामान जैसे बिस्किट, नमकीन खरीद ले रहे हैं. लेकिन खुले सामानों को खरीदने में डर लग रहा है.

इसे भी पढ़ें: दो जून की रोटी पर भारी कोरोना महामारी

अधिकारी नहीं मान रहे नुकसान

हालांकि जब ईटीवी भारत की टीम ने इस बाबत जब रेलवे कैंटीन के अधिकारी एसके पांडे से बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हो रहा है. अभी भी स्थिति सामान्य हैं. ऐसे में यह सोचने वाली बात है कि जहां एक और दुकानदार नुकसान होने की बात को स्वीकार रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर अधिकारी आखिर किस बात से परहेज कर रहे हैं.

वाराणसी: कोरोना का काला साया हर व्यापार पर स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है. इससे रेलवे की कैंटीन भी अछूती नहीं है. जहां एक ओर कोरोना के कारण लोग सफर करने से बच रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर रेलवे कैंटीन पर खाने से भी झिझक रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि इन दिनों रेलवे कैंटीन पर ग्राहकों का टोटा है. दुकानदार परेशान हैं कि वह कैसे इन दिनों गुजर बसर करें. रेलवे कैंटीन की वर्तमान में क्या स्थिति है, उसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने रेलवे कैंटीन संचालकों से बातचीत की.

वीडियो रिपोर्ट.
'25 फीसदी से भी कम हो रही है दुकानदारी'

ईटीवी भारत से बातचीत में रेलवे कैंटीन संचालकों ने बताया कि इन दिनों दुकानदारी 25 फीसदी से भी कम हो रही हैं. सुबह से रात तक कभी दो तो कभी साथ 8 यात्री खरीदारी करने आते हैं. इस समय पके हुए सामान बहुत कम बन रहे हैं. इस वजह से यात्रियों को उनके मन मुताबिक खाने का सामान नहीं मिल रहा है. साथ ही संक्रमण के कारण भी बहुत कम संख्या में यात्री सफर कर रहे हैं, जिसके कारण हमारी बिक्री नहीं हो रही है.

no crowd in railway canteen in varanasi
ग्राहक का इंतजार करता दुकानदार.

उन्होंने कहा कि इस बार भी लॉकडाउन से ये साल ऐसे ही चला गया. पिछले वर्ष के समान इस वर्ष भी हम सभी को नुकसान झेलने को मिल रहा है. जैसे-तैसे गुजारा कर रहे हैं. अभी भी ग्राहक खरीदारी करने से झिझक रहे हैं.

no crowd in railway canteen in varanasi
ग्राहक का इंतजार करता दुकानदार.
खरीदारी करने में झिझक रहे हैं ग्राहक

वहीं ईटीवी भारत से बातचीत में ग्राहकों ने बताया कि अभी भी कोरोना का भय बना हुआ है. ऐसे में खुले सामानों को खरीदने में डर लग रहा है. उन्होंने बताया कि मजबूरी वश चाय खरीदना है और उसके साथ कुछ पैक सामान जैसे बिस्किट, नमकीन खरीद ले रहे हैं. लेकिन खुले सामानों को खरीदने में डर लग रहा है.

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अधिकारी नहीं मान रहे नुकसान

हालांकि जब ईटीवी भारत की टीम ने इस बाबत जब रेलवे कैंटीन के अधिकारी एसके पांडे से बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हो रहा है. अभी भी स्थिति सामान्य हैं. ऐसे में यह सोचने वाली बात है कि जहां एक और दुकानदार नुकसान होने की बात को स्वीकार रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर अधिकारी आखिर किस बात से परहेज कर रहे हैं.

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