कानपुर : प्राइमरी और उच्च प्राइमरी विद्यालयों के बच्चे पढ़ाई-लिखाई के साथ कौशल विकास में भी दक्ष हों इसके लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है. इस कार्य में शिक्षकों की भूमिका अहम है. शिक्षक बच्चों को रोचक और मनोरंजन तरीके से पढ़ाने के अलावा कई नवाचार भी कर रहे हैं. शिक्षकों के इस प्रयास न सिर्फ नौनिहालों में आत्मविश्वास बढ़ रहा है, बल्कि वे कौशल विकास में भी निपुण बन रहे हैं. इस कड़ी में कानपुर के तीन शिक्षकों के नवाचार काफी चर्चा है.
बता दें, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद एससीईआरटी लखनऊ द्वारा विकसित आइडिया बैंक रिपोजिटरी उद्गम के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रदेश के 20 शिक्षकों के नवाचार का चयन हुआ है. इनमें कानपुर शहर के भी तीन शिक्षकों के नवाचार का चयन हुआ है.
![बीएसए ने की शिक्षकों के नवाचार की सराहना.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/05-02-2025/23476200_knp1.jpg)
व्यावसायिक कौशल कार्यशाला : शिक्षिका पूजा यादव उच्च प्राथमिक विद्यालय खुजऊपुर सरसौल में कार्यरत हैं. शिक्षा विभाग में उन्हें 17 साल हो गए हैं. सरसौल प्राथमिक विद्यालय में जब उन्होंने ज्वाइन किया था तो यहां पर बालिकाओं की संख्या काफी कम थी. वजह जानने पर पता चला कि अधिकतर ग्रामीण बालिकाओं को स्कूल भेजने के लिए इच्छुक नहीं थे. अभिभावक बच्चियों की पढ़ाई से ज्यादा कुछ हुनर सिखाने के लिए फिक्रमंद थे. इसके बाद स्कूल में बच्चियों को पढ़ाई के साथ कोई गुणवत्ता और रोजगारपरक काम सिखाने का आईडिया आया. इसी दिशा में व्यावसायिक कार्यशालाओं का आयोजन शुरू किया. इसके बाद बालिकाओं की संख्या बढ़ने लगी.
![कानपुर के शिक्षकों के नवाचार से बदली नौनिहालों की दुनिया.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/05-02-2025/_04022025234632_0402f_1738692992_424.jpg)
छात्राओं में बढ़ा आत्म विश्वास ; पूजा यादव ने बताया कि कार्यशाल में पुराने छात्र और छात्राएं के साथ शिक्षक शिक्षिकाओं की भी भागीदारी सुनिश्चित की. इसके अलावा खाद्य एवं प्रसंस्करण विभाग, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व अन्य विभागों से मिलकर प्रोजेक्ट तैयार किया. इन विभागों की मदद से छात्राओं ने कार्यशाला में ब्लॉक पेंटिंग, फैब्रिक पेंटिंग, जैम, जेली, बंधनवार, रंगोली, सिलाई कढ़ाई, क्रोशिया, हैंड बैग मेकिंग आदि व्यावसायिक कौशल में दक्षता दिलाई गई. जनपद तथा राज्य स्तर की शैक्षिक सांस्कृतिक और खेलकूद प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के बाद छात्रों के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई.
![कानपुर के शिक्षकों के नवाचार से बदली नौनिहालों की दुनिया.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/05-02-2025/_04022025234632_0402f_1738692992_791.jpg)
शिक्षक का किरदार निभाएंगे शिक्षा प्रहरी : उच्च प्राथमिक विद्यालय ललकीपुरवा घाटमपुर में कार्यरत शिक्षिका गीता यादव भी अपने नवाचार के लिए काफी चर्चा में हैं. उन्हें परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को टीचिंग लर्निंग मैटेरियल (टीएलएम) के जरिए शून्य निवेश नवाचार में आसान तरीके से पढ़ाने के लिए राज्य पुरस्कार भी मिल चुका है. वहीं अब एससीईआरटी के उद्गम पोर्टल पर उनके नवाचार शिक्षा प्रहरी का भी चयन हुआ है.
शिक्षिका गीता यादव ने बताया कि अक्सर देखने को मिलता है कि बेसिक के स्कूलों में बच्चे तो होते हैं, लेकिन शिक्षकों की संख्या काफी कम रहती है. ऐसे में शिक्षा व्यवस्था गड़बड़ा जाती है. मेरे स्कूल में भी शिक्षकों की कमी थी. ऐसे में सारे बच्चों को एक ही स्तर पर लाने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता था. इस दौरान नवाचार का आइडिया आया. इस कड़ी में कुछ ऐसे बच्चे चिन्हित किए जो काफी कुशाग्र और प्रतिभाशाली थे. इन्हीं बच्चों को शिक्षा प्रहरी की जिम्मेदारी देकर दी. अब ऐसे 11 शिक्षा प्रहरी शिक्षक का किरदार निभा रहे हैं.
डिजिटल साक्षरता के लिए डिजिटल बाल ई-पोस्टर : उच्च प्राथमिक विद्यालय पतारा में कार्यरत शिक्षक शेखर यादव का नवाचार एससीईआरटी के उद्गम पोर्टल पर डिजिटल लिटरेसी बाल ई-पोस्टर का चयन हुआ है. शेखर यादव का मानना है कि डिजिटल भारत का सपना तभी साकार होगा जब हर एक नागरिक डिजिटल साक्षर होगा. इसी बात को ध्यान में रखते हुए शेखर ने ग्रामीण परिवेशी उदाहरणों को जोड़ते हुए सरल एवं रोचक डिजिटल लिटरेसी बाल ई-पोस्टर का निर्माण किया. इसके तहत बच्चों को पहले चरण में साप्ताहिक पोस्ट दिया जाता है. जहां पर बच्चे पाठ्यक्रम आधारित अध्ययन करते हैं. साथ ही मूल्यांकन के लिए ई-कार्यपत्र का भी निर्माण किया. इसमें बच्चों ने काफी उत्सुकता दिखाई और धीरे-धीरे बच्चों का कंप्यूटर शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ा. फिलवक्त शेखर यादव का यह नवाचार प्रदेश के 39 से ज्यादा जिलों के स्कूलों में लागू किया गया है.