नई दिल्ली: मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के 21 महीने बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार (9 फरवरी) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. सीएम के तौर पर बीरेन सिंह का कार्यकाल कई विवादों से घिरा रहा. लेकिन कुकी और मैतेई समुदायों की बीच हुई हिंसा सबसे भारी रही. नवंबर 2024 तक मणिपुर की जातीय हिंसा में 258 लोगों की जान जा चुकी है. यहां 03 मई 2023 को हिंसा भड़कने के बाद हुई प्रमुख घटनाएं कुछ इस प्रकार से हैं.
27 मार्च 2023 और 28 अप्रैल 2023
तत्कालीन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम वी मुरलीधरन ने कहा कि, मणिपुर में मैतेई समुदाय ने जातीय हिंसा को भड़काने की दिशा में ट्रिगर का काम किया. उन्होंने एक आदेश जारी कर राज्य सरकार से कहा कि वह मैतेई समुदाय को राज्य की एसटी सूची में शामिल करने की सिफारिश पर विचार करें. मणिपुर में बढ़ती हिंसा को देखते हुए 28 अप्रैल 2023 को स्वदेशी जनजातीय नेताओं का मंच (ITLF) सरकार के खिलाफ पूर्ण बंद का आह्वान किया.
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03 मई 2023 और 04 मई 2023
मैतेई को एसटी का दर्जा दिए जाने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ आदिवासी छात्र संघ के 'एकजुटता मार्च' के दौरान इंफाल और कुकी बहुल जिलों में हिंसा भड़क उठी. मणिपुर सरकार ने अगले पांच दिनों के लिए पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया और आठ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया. इंफाल में 4 मई 2023 को भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर भीड़ ने हमला किया. इस दौरान करीब 9 हजार लोगों को निकाला गया. चुराचांदपुर में लगभग 5000, इंफाल में 2000 और मोरेह में 2000 लोग हैं.
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04 मई 2023 और 07 मई 2023
मणिपुर में जातीय हिंसा बढ़ने के वहां सेना को तैनात किया गया. राज्यपाल ने बढ़ती हिंसा के बीच देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किए. 07 मई 2023 को राज्य में 7 मई को सेना ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान प्रभावित 25 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला.
08 मई 2023
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि, राज्य में जातीय संघर्षों में 60 निर्दोष लोगों की जान चली गई और 200 से अधिक घायल हो गए. इस जातीय हिंसा के कारण 35 हजार लोग बेघर हो गए. हिंसा में लगभग 1700 घर जला दिए गए, और पुलिस शस्त्रागार से 1041 हथियार और 7460 राउंड गोला-बारूद लूट लिया गया. मणिपुर के अलग-अलग स्थानों पर CAPF की 50 कंपनियां, सेना और असम राइफल्स की 105 टुकड़ियां तैनात की गईं. राज्य में जातीय हिंसा से बिगड़ते हालात को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से हिंसा प्रभावित लोगों को राहत, पुनर्वास और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए सक्रिय रूप से काम करने का आदेश दिया.
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17 मई 2023 और 29 मई 2023
सुप्रीम कोर्ट ने मैतेई एसटी दर्जे पर मणिपुर हाई कोर्ट के निर्देश पर कड़ा संज्ञान लिया. वहीं, 29 मई 2023 को जातीय हिंसा के बीच गृह मंत्री अमित शाह 3 दिवसीय दौरे पर मणिपुर पहुंचे. कुकी विधायकों और नागरिक समाज संगठनों से उन्होंने मुलाकात की. साथ ही शाह ने इंफाल, कांगपोकपी और अन्य हिंसा प्रभावित जिलों का दौरा किया.
03 जून 2023 और 04 जून 2023
केंद्र सरकार ने मणिपुर में हिंसा की जांच के लिए गुवाहाटी हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय लांबा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया. वहीं, 04 जून 2023 जातीय हिंसा के दौरान इंफाल के इरोइसेम्बा इलाके में भीड़ ने एक एंबुलेंस को रोककर आग लगा दी. एंबुलेंस के अंदर एक मिश्लित कुकी-मैतेई दंपती का एक घायल सात साल का लड़का अपनी मां और अन्य महिला के साथ था. इस हिंसा में तीनों के आग में जलने से मौत हो गई.
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09 जून 2023 और 10 जून 2023
सीबीआई ने 03 मई को मणिपुर में भड़की हिंसा से संबंधित छह मामलों की जांच अपने हाथ में ले ली. डीआईजी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया. 10 जून 2023 को केंद्र ने विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांति स्थापित करने के लिए मणिपुर के राज्यपाल और एन बीरेन सिंह के नेतृत्व में 51 सदस्यीय शांति समिति का गठन किया.
14 जून 2023 और 15 जून 2023
मणिपुर की एकमात्र महिला मंत्री नेम्फा किपगेन के इंफाल स्थित सरकारी आवास में आग लगा दी गई. 15 जून 2023 मणिपुर में फैली जातीय हिंसा की आग के कारण राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई. हिंसा की आग में विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन का आवास भी जलकर खाक हो गया.
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17 जून 2023 और 24 जून 2023
मणिपुर में हथियारबंद भीड़ ने भाजपा नेताओं, घरों और कार्यालयों को निशाना बनाया. इंफाल में भाजपा मंडल कार्यालय को जला दिया गया. हालांकि, समय रहते सेना और रैपिड एक्शन फोर्स ने भाजपा कार्यालयों और पार्टी के मणिपुर प्रमुख और एक राज्य मंत्री के घरों में आग लगाने के कई प्रयासों को विफल कर दिया. वहीं, 24 जून 2023 को भीड़ ने इंफाल पूर्वी जिले के कांगला सांगोमसांग में मणिपुर के कैबिनेट मंत्री एल सुसिंड्रो के गोदाम और फार्महाउस को जला दिया. दो सप्ताह पहले उन्होंने अपने घर के बाहर एक ड्रॉप बॉक्स लटका दिया था, ताकि लोग पुलिस से लूटे गए हथियार गुमनाम रूप से डाल सकें.
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26 जून 2023 और 29 जून 2023
मणिपुर सरकार ने लगभग 1 लाख कर्मचारियों के खिलाफ 'काम नहीं तो वेतन नहीं' नियम लागू किया, जो 3 मई को भड़की हिंसा के बाद से बिना अधिकृत छुट्टी के काम से दूर थे. वहीं, 29 जून 2023 को मणिपुर हिंसा को लेकर सियासी खिंचतान भी देखने को मिली. जातीय हिंसा के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी अशांत मणिपुर पहुंचे. इस दौरान पुलिस ने उन्हें सड़क मार्ग से चुराचंदपुर जाने से रोकने के लिए बिष्णुपुर में एक राजमार्ग पर बैरिकेडिंग कर दी. बिष्णुपुर में गतिरोध के बाद राहुल गांधी हेलीकॉप्टर से चुराचंदपुर गए.
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06 जुलाई 2023 और 11 जुलाई 2023
इंफाल के एक इलाके में अज्ञात हमलावरों ने मानसिक रूप से बीमार एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी. इससे जुड़ा एक बड़ा ही भयानक वीडियो सामने आया, जिसमें दो युवकों को पड़ोसी काकचिंग में संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा प्रताड़ित किया गया और गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई. 11 जुलाई 2023 को मणिपुर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने एक 'आधिकारिक दस्तावेज' के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि म्यांमार से रोहिंग्या मुसलमानों की भारी घुसपैठ और मादक पदार्थों की तस्करी मणिपुर में हिंसा के पीछे मुख्य कारण थे, जिसका केंद्र ने समर्थन किया.
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19 जुलाई 2023
हिंसा प्रभावित मणिपुर में भीड़ द्वारा महिलाओं को निर्वस्त्र करके परेड कराने का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर सामने आया था. घटना के दो महीने से अधिक समय बाद, पुलिस ने कहा कि उन्होंने इस केस में सामूहिक रेप और अपहरण का मामला दर्ज किया है. मणिपुर में लगभग 1 हजार बदमाशों ने कांगपोकपी के बी फेनोम गांव पर हमला किया और सभी घरों को लूट लिया. इतना ही नहीं उन्होंने घरों में तोड़फोड़ मचाई और फिर उन्हें तहस-नहस कर दिया.
इस हिंसा के दौरान पुलिस ने 3 महिलाओं और 2 पुरुषों की जान बचाई. हालांकि, बदमाशों ने उन्हें पुलिस कस्टडी से निकाल कर एक व्यक्ति (56) की हत्या कर दी. इस दौरान सभी 3 महिलाओं को नग्न कर दिया गया और उनमें से 2 का निर्वस्त्र परेड कराया गया. बदमाशों ने 56 साल के व्यक्ति की 21 वर्षीय बेटी के साथ बेरहमी से सामूहिक बलात्कार किया. उसे बचाने की कोशिश करने वाले उसके भाई की हत्या कर दी गई.
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20 जुलाई 2023 और 22 जुलाई 2023 की घटना
दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाने और कुछ लोगों द्वारा उनके साथ यौन उत्पीड़न करने का वीडियो वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महीनों से चली आ रही अपनी चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा कि इस घटना ने भारत को शर्मसार कर दिया है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. 22 जुलाई 2023 को मणिपुर में 28 मई को एक स्वतंत्रता सेनानी की 80 साल की विधवा को उसके घर में जिंदा जला दिया गया. जली हुई महिला का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर फिर से सामने आया, जिससे हिंसाग्रस्त राज्य में सामने आ रही परेशान करने वाली घटनाएं भड़क उठीं.
![मणिपुर में हिंसा की तस्वीर](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-02-2025/23513703_one.jpg)
25 जुलाई 2023 और 29 जुलाई 2023
मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम मोदी को इस पर बोलने के लिए मजबूर कराने के विपक्षी दलों के प्रयास ने मानसून सत्र को ठप करा दिया. इंडिया गठबंधन ने मणिपुर पर ध्यान केंद्रित करते हुए बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया. 29 जुलाई 2023 को विपक्षी इंडिया ब्लॉक के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर के संघर्ष प्रभावित शहर चुराचांदपुर और अन्य स्थानों में राहत शिविरों का दौरा किया और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह 3 मई से राज्य में अशांति के दौरान सो रही थी.
![मणिपुर में हिंसा की तस्वीर](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-02-2025/23513703_seven.jpg)
31 जुलाई 2023 और 01 अगस्त 2023
मणिपुर का हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे 'लगभग 6 हजार एफआईआर का पूरा ब्योरा चाहिए. जिसके बारे में मणिपुर सरकार ने दावा किया कि उसने राज्य में जातीय संघर्षों के दौरान हत्या, बलात्कार, आगजनी, महिलाओं के खिलाफ अपराध, गांवों, घरों और पूजा स्थलों को जलाने के मामले दर्ज किए हैं. 01 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मणिपुर सरकार की 6,523 एफआईआर पर स्थिति रिपोर्ट राज्य में 'संवैधानिक मशीनरी के पूरी तरह से टूटने' की ओर इशारा करती है. मई की शुरुआत में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी.
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04 अगस्त 2023
मणिपुर की भीड़ ने आईआरबी (मणिपुर के बिष्णुपुर में द्वितीय भारत रिजर्व बटालियन (आईआरबी) मुख्यालय) से एलएमजी, मोर्टार, ग्रेनेड लूटे. 500 की भीड़ ने शस्त्रागार को निशाना बनाया और 298 राइफलें, एसएलआर और एलएमजी के साथ मोर्टार, ग्रेनेड और 16 हजार से अधिक राउंड मिक्सड गोला-बारूद लूट कर फरार हो गए.
05 अगस्त 2023 और 07 अगस्त 2023
मणिपुर में बढ़ते जातीय संघर्ष में दो समूहों के बीच हमलों और जवाबी कार्रवाई में से एक में बंदूक और मोर्टार की गोलीबारी में छह लोग मारे गए और 16 घायल हो गए. वहीं, 07 अगस्त 2023 मणिपुर में भारी हिंसा के बीच कुकी पीपुल्स अलायंस ने एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली राज्य की भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया.
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08 अगस्त 2023 और 16 अगस्त 2023
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर दत्तात्रेय पडसलगीकर को मणिपुर में यौन हिंसा की घटनाओं की सीबीआई जांच का 'ओवरऑल मॉनिटर' नियुक्त किया. 16 अगस्त 2023 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मणिपुर में हिंसा की घटनाओं से संबंधित कई मामलों की जांच के लिए 53 अधिकारियों वाली एक टीम गठित की.
28 सितंबर 2023 और 20 दिसंबर 2023
मैतेई युवकों फिजाम हेमनजीत और लुवांगथोई लिनथोइंगांबी हिजाम के अपहरण और हत्या के खिलाफ पहले के विरोध प्रदर्शनों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन हुआ. इस दौरान 500 से अधिक युवाओं की भीड़ ने इंफाल पूर्व के हीनगांग में सीएम के निजी आवास में जबरन घुसने की कोशिश की. 20 दिसंबर 2023 को मणिपुर में 3 मई से जारी जातीय हिंसा में सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक चुराचांदपुर में झड़पों में मारे गए 87 लोगों के लिए सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया. 87 मृतक, जो सभी कुकी जो समुदाय के थे, को आखिरकार मुर्दाघरों में करीब आठ महीने रखे जाने के बाद दफनाया गया.
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22 फरवरी 2024 और 27 फरवरी 2024
मणिपुर हाई कोर्ट ने अपने 2023 के आदेश को संशोधित किया जिसमें उसने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की सिफारिश की थी. 27 फरवरी 2024 को मणिपुर में लगभग 200 हथियारबंद लोगों ने आवास पर धावा बोला और तोड़फोड़ की. उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मोइरांगथेम अमित सिंह, इंफाल पश्चिम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का अपहरण कर लिया.
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13 अप्रैल 2024 और 02 सितंबर 2024
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इंफाल में एक चुनावी रैली में कहा कि, आगामी लोकसभा चुनाव 'मणिपुर को विभाजित करने की बात करने वालों' और 'इसे एक साथ जोड़कर रखने वालों' के बीच लड़ा जाएगा. 02 सितंबर 2024 को मणिपुर में इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक और सेनजाम चिरांग इलाकों में कुकी चरमपंथियों द्वारा दो अलग-अलग ड्रोन बम हमले किए गए, जिसमें एक महिला समेत कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए.
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18 अक्टुबर 2024 और 07 नवंबर 2024
मणिपुर में भाजपा के 19 विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाने की मांग की. वहीं, 07 नवंबर 2024 को मणिपुर के जिरीबाम में संदिग्ध मैतेई सशस्त्र कर्मियों द्वारा Hmar समुदाय की 31 वर्षीय महिला शिक्षिका के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने और उसे जिंदा जलाने के बाद फिर से संघर्ष शुरू हो गया.
22 नवंबर 2024 और 03 फरवरी 2025
राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि मई 2023 में राज्य में फैली जातीय हिंसा में अब तक उग्रवादियों सहित 258 लोगों की जान जा चुकी है. 03 फरवरी 2025 को बीरेन सिंह के आलोचक माने जाने वाले मणिपुर के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री युमनाम खेमचंद सिंह नई दिल्ली पहुंचे. कहा जाता है कि, उन्होंने भाजपा नेतृत्व को चेतावनी दी कि अगर मुख्यमंत्री को नहीं बदला गया तो सरकार गिरने की संभावना है.
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07 फरवरी 2025 और 9 फरवरी 2025
मणिपुर कांग्रेस ने घोषणा की कि वह 10 फरवरी को बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. 9 फरवरी 2025 को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी 2025 को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के करीब दो साल बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
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