वाराणसी : काशी-तमिल संगमम का दूसरा संस्करण 17 दिसंबर यानी कल रविवार से शुरू होगा. उत्तर से दक्षिण को और दक्षिण को उत्तर से जोड़ने की ये कोशिश एक साल बाद फिर से की जा रही है. इसका पहला संस्करण 16 नवंबर से 16 दिसंबर 2022 तक आयोजित किया गया था. धर्म नगरी काशी एक बार फिर तमिल-काशी की एकता की साक्षी बनने को तैयार है. इस कार्यक्रम को भव्य और दिव्य बनाने की तैयारी की जा रही है. कार्यक्रम के लिए आने वाले मेहमान ट्रेन से आ रहे हैं. तमिलनाडु से बीते दिन एक ट्रेन चली थी. आज दूसरी ट्रेन भी वहां से रवाना हो रही है. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 1500 लोगों को चुना गया है.
230 डेलीगेट्स भी बनेंगे कार्यक्रम का हिस्सा : काशी-तमिल संगमम के उद्घाटन पर कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में मौजूद रहेंगे. उनके साथ ही प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहेंगे. 3000 लोगों के साथ 230 डेलीगेट्स कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. 7 ग्रुप्स में लगभग 1500 अतिथि वाराणसी आ रहे हैं. हर ग्रुप में 205 की संख्या में अतिथियों को लाया जा रहा है. हर एक डेलीगेट 8 दिन तक उत्तर भारत में भ्रमण करने वाला है. वे 2 दिन वाराणसी में रहेंगे. एक दिन प्रयागराज और एक दिन अयोध्या के भ्रमण पर रहेंगे. उनके 4 दिन ट्रेन में गुजरेंगे. 8वें दिन वापस चेन्नई जाएंगे.
सात समूहों में 7 स्पेशल ट्रेनों से आ रहे मेहमान : काशी में आयोजित होने वाले काशी-तमिल संगमम में सात शिफ्ट में तमिलनाडु के मेहमानों को पहुंचना है. तमिलनाडु और पुडुचेरी के लगभग 1500 लोगों को सात समूहों में बांटा जाएगा. ये सभी प्रयागराज और अयोध्या का भी भ्रमण करेंगे. रेलवे इनके लिए स्पेशल ट्रेन चला रहा है. इसके साथ ही इनको लाने और ले जाने के लिए सात स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है. चेन्नई से वाराणसी के लिए 7 संगमम स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रहीं हैं. गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु और कावेरी, ये 7 ग्रुप्स हैं. इनमें छात्र, शिक्षक, प्रोफेशनल्स, संत-समाज, किसान-कलाकार, लेखक और बिजनेस मैन शामिल हैं.
इन तारीखों पर बनारस पहुंच रहीं हैं सात ट्रेनें : बीते दिन चेन्नई से गंगा समूह वाराणसी के लिए रवाना हुआ. ये सभी रविवार को सुबह साढ़े 4 बजे वाराणसी पहुंचेंगे. यमुना टीम (दूसरी ट्रेन) आज कन्याकुमारी से चलकर 19 दिसंबर को वाराणसी पहुंचेगी. गोदावरी टीम (तीसरी ट्रेन) 19 दिसंबर को कोयंबटूर से चलकर 21 दिसंबर को वाराणसी पहुंचेगी. सरस्वती (टीम चौथी) ट्रेन 20 दिसंबर को कन्याकुमारी से रवाना होकर 23 दिसंबर को वाराणसी आएगी. नर्मदा टीम (पांचवीं ट्रेन) 23 दिसंबर को चेन्नई से चलकर 25 दिसंबर को वाराणसी पहुंचेगी. सिंधु टीम (छठवीं ट्रेन) 25 दिसंबर को कोयंबटूर से चलकर 27 दिसंबर को वाराणसी आएगी. कावेरी टीम (सातवीं ट्रेन) 27 दिसंबर को चेन्नई से निकलेगी.
लगाए जा रहे बनारसी-कांजीवरम साड़ियों संग हैंडीक्राफ्ट के स्टॉल : 17 दिसंबर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा किनारे नमो घाट पर काशी-तमिल संगमम के दूसरे चरण का शुभारंभ करेंगे. इस कार्यक्रम में बनारसी साड़ियों और कांजीवरम साड़ियों का भव्य स्टॉल लगाया जाएगा. मिली जानकारी के मुताबिक, इस आयोजन में कुल 18 विभागों के 52 स्टॉल लगाए जा रहे हैं. एक बड़ा हॉल होगा, जिसमें दो स्टेज होंगे. यहां पर 500 कुर्सियां लगाई गईं हैं. CIIL, CICT, AICTE, IKS, MyGov., KVIC, ASI, MSDE, IGNCA के 5 स्टॉल यहां पर लगाए गए हैं. इसके साथ ही हैंडलूम-हैंडीक्राफ्ट के 12 स्टॉल, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ कम्युनिकेशन के 10 स्टॉल, फूड प्रोसेसिंग के 3 स्टॉल, नेशनल बुक ट्रस्ट के 3 स्टॉल, टूरिज्म डिपार्टमेंट के 8 स्टॉल लगाए जा रहे हैं.
उत्तर और दक्षिण के मिलन की दिखेगी भव्यता : काशी-तमिल संगमम के दौरान जहां एक ओर दक्षिण के लोग कचौड़ी-जलेबी, चाट, मलाई खाने वाले हैं वहीं दूसरी ओर काशी के लोग साउथ के खानों का आनंद लेंगे. इसके साथ ही तमिलनाडु और काशी की कला और संस्कृति, हथकरघा, हस्तशिल्प, व्यंजन और दूसरे खास प्रोडक्ट्स के स्टॉल लगाए जाएंगे. बड़ी संख्या में काशी और यूपी के लोकल और व्यापारी भी इस संगमम का हिस्सा बनेंगे. वहीं क्लासिकल और फोक कल्चरल इवेंट्स आयोजन में चार चांद लगाएंगे. डमी हॉर्स, मोर, सांड वाला डांस, टोडा ट्राइबल डांस, क्वालिअट्टम, शिव प्रणाम, रामायणम, महाभारतम् जैसी कलाओं से काशी के लोगों का परिचय कराया जाएगा.
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