वाराणसी: यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को सर्किट हाउस सभागार में आंगनवाड़ी कार्यक्रम, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम क्रियान्वयन, स्वयं सहायता समूह, स्वैच्छिक संगठनों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. साथ ही बच्चों तथा महिलाओं के विकास को माइक्रो प्लान बनाकर समाज के हर वर्ग को जोड़ते हुए कार्य करने का संदेश दिया. वहीं गत दो-तीन माह में वाराणसी जिले में जो काम हुआ, उसके लिए राज्यपाल ने जिलाधिकारी सहित उनकी पूरी टीम को बधाई और धन्यवाद दिया.
राज्यपाल ने दिए एक से बढ़कर एक टिप्स
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि गरीबी मुक्त का उपाय अच्छी शिक्षा है, जिसमें सभी का दायित्व है. विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर कुपोषित बच्चों एवं टीबी संक्रमित बच्चों को गोद लें. हर वर्ग सोशल रिस्पांसिबिलिटी ले और उद्योग जगत भी जुड़ें, यूनिवर्सिटी से जुड़े, कॉलेज के प्रिंसिपल और अध्यापक बच्चों को गोद लें और उन्हें कुपोषण और टीबी रोग से मुक्त कराने का कार्य करें. गांव का हर बच्चा जो 3 वर्ष का है, आंगनवाड़ी में भर्ती हो. राज्यपाल ने कहा कि 6 वर्ष का हर बच्चा प्राइमरी स्कूल में दाखिल ले. बच्चों का ड्रॉप आउट एक फीसदी से कम रहे, इस बात की भी सजगता रखें. महामहिम ने कहा कि गांवों में 100 फीसदी संस्थागत प्रसव हो और प्राइमरी के बाद भी सौ फीसदी बच्चे 9वीं में प्रवेश लें. कन्या सुमंगला योजना भारत की सबसे अच्छी योजना है, इसलिये प्रयास करें कि हर पात्र इससे लाभान्वित हो.
'गांव में कराएं बच्चों का सामूहिक टूर'
राज्यपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति बहुत उपयोगी है. इसमें शुरुआत से बच्चों के लिए अच्छे सिलेबस हैं. तीन, चार, पांच वर्ष के बच्चों के अलग-अलग प्रकार के सिलेबस हर क्षेत्र के यथा-पर्यावरण, साइंस, सोसायटी, कौशल विकास, सहकारिता, खेल किस स्तर के बच्चों को कौन विषय कैसे सिखाएं, यह भली-भांति नई शिक्षा नीति में है. अभी पहल बुक आंगनवाड़ी केंद्र और प्राइमरी की अच्छी है. बच्चों की गांव में सामूहिक टूर कराएं, खेल आयोजित कराने के साथ ही मंदिर आदि स्थल दिखाएं और संस्कारिता क्रियाकलापों की जानकारी दें. शैक्षिक कैलेंडर में नाश्ता व खाना की भी प्रावधानित करें, क्योंकि इससे बच्चे उत्साहित होते हैं.
विभिन्न संगठनों से भी की मुलाकात
राज्यपाल ने बैठक के बाद कुपोषित बच्चों एवं टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लेने तथा अन्य कार्यों में जिला प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर लोगों को सहायता पहुंचाने की सराहना की. उन्होंने जनपद के स्वैच्छिक संगठनों के पदाधिकारियों की प्रशंसा करते हुए सिविल डिफेंस के नीरज मिश्रा उपनियंत्रक एवं विनोद गुप्ता चीफ वार्डन, रेड क्रॉस के डॉक्टर संजय राय सचिव एवं वेद मूर्ति शास्त्री सदस्य कार्यकारिणी, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की डॉ. मनीषा सिंह सेंगर अध्यक्ष एवं डॉ. अतुल कुमार सिंह संयुक्त सचिव, रोटरी क्लब वाराणसी साउथ के दीपक अस्थाना मंडल सचिव संजय गुप्ता सहायक मंडल अध्यक्ष, क्लब वाराणसी के चैतन्य पंड्या प्रथम मंडल अध्यक्ष तथा मारवाड़ी युवा मंच की भावना भर्तियां प्रांतीय महामंत्री एवं नित्या पोधार गंगा शाखा अध्यक्ष को प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया.
'प्रारंभिक दौर में हो बीमारी का इलाज'
राज्यपाल आनंदीबेन ने कहा कि भारत में दुनिया के सापेक्ष सबसे ज्यादा स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के केस हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रारंभिक जांच कराई जा सकती है और जहां संभावना दिखे, उसे उच्च स्तर के अस्पताल भेजें. प्रारंभिक स्टेज में कैंसर का इलाज अच्छे से हो जाता है. ऐसी व्यवस्था कर लें कि उत्तर प्रदेश में कैंसर से किसी महिला की मृत्यु नहीं हो, क्योंकि माताओं को बचाना है. बच्चों को गोद लेने में मंदिर के ट्रस्टी को भी जोड़ें. समर्थ किसान गांव में आंगनवाड़ी में अपनी उपज के फल-सब्जी देकर सहयोग कर सकते हैं. हर किशोरी का ब्लड टेस्ट कराएं और एनीमिक किशोरी को दवा दिलाएं, जिससे कोई किशोरी एनीमिक न हो क्योंकि तभी जब वह मां बनेगी तो स्वस्थ बच्चे को जन्म देगी.
'दीवारों पर लिखें संदेश'
राज्यपाल ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर अक्षय पात्र से भोजन व्यवस्था जोड़ना अच्छा परिणाम मिलेगा. आंगनवाड़ी और प्राइमरी में बच्चे सत्र की शुरुआत से भर्ती कर उन्हें सिखाएं. साथ ही उनकी जन्मतिथि जो भी हो, उसे उस समय अंकित करें, जिससे समय से उनमें प्रतिभा बढ़ेगी. महामहिम ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर गोद भराई कार्यक्रम पति की उपस्थिति में कराया जाए. 5000 रुपये सरकार द्वारा दिए जाने का सही उपयोग पुरुष पत्नी के खानपान पर करें, ताकि स्वस्थ बच्चे का जन्म हो. केंद्रों की दीवार पर कुछ मोटिवेटेड स्लोगन यथा-"अच्छे फल के लिए बीज अच्छा हो", "मकान अच्छा चाहिए तो नींव मजबूत हो", "देश व राष्ट्र मजबूत चाहिए तो शिक्षा की चिंता करें" तथा "परिवार अच्छा चाहिए तो बाल्यावस्था की चिंता करें".
'समाज के हर वर्ग को आना होगा आगे'
राज्यपाल ने आंगनवाड़ी केंद्रों, प्राइमरी स्कूलों में बेहतर वातावरण बनाए रखने की बात भी कही. साथ ही कहा कि कुपोषित बच्चों, टीबी संक्रमित बच्चों को गोद लेकर उन्हें ठीक कराने हेतु समाज के हर वर्ग, व्यापारी, धार्मिक संस्थाओं, शिक्षा संस्थाओं, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, उद्योग और चिकित्सा जगत सभी को स्वभावना से जुड़कर अपने सामाजिक दायित्व निर्वहन करें.