वाराणसीः मां आदिशक्ति की आराधना का पर्व नवरात्रि चल रहा है. ऐसे में मंदिर हो या घर सब मां की भक्ति में सराबोर हो चुका है. भक्तगण मां को प्रसन्न करने के लिए उनके मनपसंद चढ़ावे को चढ़ाते हैं. इनमें से एक चढ़ावा लाल रंग का होता है, जोकि देवी को अति प्रिय है. रक्त पुष्प हो या फिर लाल चुनरी यह मां को बेहद पसंद है. नवरात्रि में लाल रंग की बहार छा गई है. बाजार में भी लाल रंग की साड़ियां ट्रेंड में हैं. इसकी एक तस्वीर धर्म नगरी काशी में भी देखने को मिल रही है. यहां लोगों की डिमांड पर दुकानदार भी नए-नए तरीके के नवरात्रि ऑफर निकाल रहे हैं.
महिलाओं की पसंद को देखते हुए वाराणसी में दुकानदार भी अलग-अलग तरीके के ऑफर निकाल रहे हैं. लाल चुनरी, बनारसी साड़ी, कुर्तियां सभी पर ऑफर आए हुए हैं. इन दिनों शहर में नवरात्रि टोकरी ऑफर चर्चा में है. इसमें लाल साड़ी के साथ सौभाग्य का सामान भी दिया जा रहा है. दुकान संचालिका अंजली तिवारी ने बताया कि नवरात्रि महिलाओं के लिए बेहद खास होती है. नवरात्रि में महिलाएं लाल रंग को ज्यादा महत्व देती हैं. यही वजह है कि इन दिनों बाजार में लाल रंग की साड़ी व कुर्तियों की भारी डिमांड है. डिमांड को देखते हुए हमने नवरात्रि स्पेशल टोकरी ऑफर निकाली है. इसमें कुछ ऑफर भी हैं. इसके साथ ही साथ साड़ी खरीदने पर महिलाओं को सौभाग्य का सामान फ्री दिया जा रहा है.
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दुकान पर खरीदारी करने आने वाले ग्राहकों का मानना है कि हमारे सनातन धर्म में हर शुभ काम लाल रंग को धारण करने के साथ ही होता है. ऐसे में रामनवमी का पर्व आने वाला है और नवरात्रि का दौर चल रहा है तो हम सभी लाल रंग को ज्यादा महत्व दे रहे हैं. पूजा में लाल रंग की साड़ी धारण करते हैं और इसके साथ ही रामनवमी पर माता को अर्पित करने के लिए लाल साड़ी की खरीदारी कर रहे हैं, जिससे माता हमारे सौभाग्य को बनाए रखें.
इस बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी ने बताया कि नवरात्रि में मां भगवती की आराधना का विशेष महत्व है और इस माह में मां को लाल रंग से प्रसन्न किया जाता है. मां भगवती स्वयं लाल रंग के वस्त्र को धारण किए हुए हैं, जिसका अर्थ होता है पराक्रम और सौभाग्य. लाल रंग शौर्य का प्रतीक होता है और मां दुर्गा दुर्गतियों का विनाश करती हैं. इसलिए वह लाल रंग के तेज शौर्य को धारण किए हैं. इसके साथ ही लाल रंग का वस्त्र सौभाग्य का भी प्रतीक होता है. यही वजह है कि सभी महिलाएं मां दुर्गा को लाल वस्त्र अर्पित कर स्वयं इसे धारण भी करती हैं और मां से अपने सौभाग्य की कामना करती हैं. इसलिए चैत्र में खासकर नवरात्रि में लाल रंग का बेहद प्रचलन होता है.
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां महागौरी एवं अन्नपूर्णा माता की पूजा विधि-विधान से करने की मान्यता है. काशी के चौक इलाके में माता अन्नपूर्णा एवं महागौरी का मंदिर है. माता अन्नपूर्णा का मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर स्थापित ज्ञानवापी पर स्थित है, जहां लोग बाबा भोलेनाथ का दर्शन कर माता अन्नपूर्णा का दर्शन करते हैं. वहीं, मां मंगला गौरी का पूजन करने वाले लोगों को मनचाहा फल मिलता है. मंगल दोष से ग्रसित युवक-युवतियों के मां के दर्शन-पूजन से जल्दी शादी होती है. नेपाल से दर्शन करने आई महिला ने कहा कि काशी में नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों का दर्शन पूजन कर रही हूं. आज नवरात्रि अष्टमी के दिन महागौरी माता के दर्शन करने आई हूं.
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