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भदोही लॉकडाउन: आर्थिक तंगी से जूझ रहे कुम्हार, व्यापार ठप

यूपी के भदोही में लॉकडाउन के चलते कुम्हार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. मटके और सुराही का व्यापार ठप होने से इनके सामने खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है.

लॉकडाउन में कुम्हारों के सामने खाने की समस्या
लॉकडाउन में कुम्हारों के सामने खाने की समस्या
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Published : May 4, 2020, 1:56 PM IST

भदोही: कोरोना की वजह से पूरा विश्व आर्थिक संकट झेल रहा है. वहीं छोटे और मझोले उद्योग भी पूरी तरीके से ध्वस्थ होने की कगार पर है. वहीं जिले में कुम्हारों की स्थिति ऐसी हो गई है कि वह अपनी आजीविका चलाने में भी असमर्थ हैं. लॉकडाउन की वजह से उनका व्यापार ठप हो गया है. उसकी वजह से उन्हें अर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है. इसके साथ ही उनके सामने खाने की समस्या भी खड़ी हो गई है.

लॉकडाउन की वजह से रोजगार ठप
लॉकडाउन की वजह से खरीदार भी नहीं आ रहे हैं, जिसके चलते कुम्हारों को काफी नुकसान भी हुआ है. कुम्हार गर्मी को देखते हुए एक महीने पहले से ही मटका और सुराही बनाने का काम शुरू कर देते थे. लॉकडाउन की वजह से उनका कारोबार पूरी तरह से ठप हो चुका है. ऐसी स्थिति में उनके सामने आजीविका चलाने का कोई साधन नहीं बचा है.

लॉकडाउन में कुम्हारों के सामने खाने की समस्या
लॉकडाउन में कुम्हारों के सामने खाने की समस्या

कुम्हारों ने सरकार से अपील की है
सरकार जिस तरीके से सब्जी और अन्य जरूरत की चीजों के लिए पास मुहैया करा रही है, उसी तरह सुराही, मटके और अन्य मिट्टी के बने सामानों को बेचने के लिए सरकार उनको भी पैसे उपलब्ध कराएं, ताकि वह अपने परिवार की आजीविका चला पाए.

फरवरी माह से ही मटके बनाकर स्टोर करना शुरू कर दिया था, जिसमें काफी पैसा खर्च हुआ है. लॉकडाउन की वजह से वह बिक नहीं रहे हैं, जिसकी वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
-राम भरोसे, कुम्हार

भदोही: कोरोना की वजह से पूरा विश्व आर्थिक संकट झेल रहा है. वहीं छोटे और मझोले उद्योग भी पूरी तरीके से ध्वस्थ होने की कगार पर है. वहीं जिले में कुम्हारों की स्थिति ऐसी हो गई है कि वह अपनी आजीविका चलाने में भी असमर्थ हैं. लॉकडाउन की वजह से उनका व्यापार ठप हो गया है. उसकी वजह से उन्हें अर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है. इसके साथ ही उनके सामने खाने की समस्या भी खड़ी हो गई है.

लॉकडाउन की वजह से रोजगार ठप
लॉकडाउन की वजह से खरीदार भी नहीं आ रहे हैं, जिसके चलते कुम्हारों को काफी नुकसान भी हुआ है. कुम्हार गर्मी को देखते हुए एक महीने पहले से ही मटका और सुराही बनाने का काम शुरू कर देते थे. लॉकडाउन की वजह से उनका कारोबार पूरी तरह से ठप हो चुका है. ऐसी स्थिति में उनके सामने आजीविका चलाने का कोई साधन नहीं बचा है.

लॉकडाउन में कुम्हारों के सामने खाने की समस्या
लॉकडाउन में कुम्हारों के सामने खाने की समस्या

कुम्हारों ने सरकार से अपील की है
सरकार जिस तरीके से सब्जी और अन्य जरूरत की चीजों के लिए पास मुहैया करा रही है, उसी तरह सुराही, मटके और अन्य मिट्टी के बने सामानों को बेचने के लिए सरकार उनको भी पैसे उपलब्ध कराएं, ताकि वह अपने परिवार की आजीविका चला पाए.

फरवरी माह से ही मटके बनाकर स्टोर करना शुरू कर दिया था, जिसमें काफी पैसा खर्च हुआ है. लॉकडाउन की वजह से वह बिक नहीं रहे हैं, जिसकी वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
-राम भरोसे, कुम्हार

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