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शासन की मंशा के अनुरूप मदरसों में तालीम से पहले हो रहा राष्ट्रगान - यूपी के मदरसों में राष्ट्रगान कराना अनिवार्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ समय पहले घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों में कक्षाएं शुरू होने से पहले राष्ट्रगान होगा. सीएम की घोषणा के बाद अब इसका असर मदरसों में दिखने लगा है.

मदरसों में तालीम से पहले हो रहा राष्ट्रगान
मदरसों में तालीम से पहले हो रहा राष्ट्रगान
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Published : May 16, 2022, 4:50 PM IST

रामपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ समय पहले घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों में कक्षाएं शुरू होने से पहले राष्ट्रगान होगा. उत्तर प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में यह व्यवस्था पहले से ही थी लागू है. लेकिन मदरसों पर राष्ट्रगान करने की अनिवार्यता नहीं थी.

मदरसों में राष्ट्रगान के अनिवार्य होने की घोषणा के बाद सभी मदरसा संचालकों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. वहीं अब मदरसों में सरकार की मंशा के मुताबिक इसका पालन किया जा रहा है. मदरसों में राष्ट्रगान की अनिवार्यता के बाद ईटीवी भारत की टीम ने रामपुर जनपद में मदरसा संचालकों से बातचीत की.

मदरसों में तालीम से पहले हो रहा राष्ट्रगान

बातचीत के दौरान मदरसा संचालक खालिद हसन अंसारी ने बताया कि मदरसों में बीते 50 वर्षों से राष्ट्रगान हो रहा है. उन्होंने कहा कि सभी मदरसा संचालक सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए फैसले का पालन कर रहे हैं.

मदरसा जामिया तुल अंसार की प्रिंसिपल यासमीन का कहना है कि सरकार ने मदरसों में राष्ट्रागान की अनिवार्यता वाला आदेश अभी जारी किया है, लेकिन हमारे मदरसे में काफी सालों से राष्ट्रगान कराए जाने की प्रक्रिया अनवरत जारी है. उन्होंने कहा कि सरकार की यह अच्छी पहल है, इससे बच्चों को नई रोशनी मिलेगी. इस मामले पर एक अन्य मदरसे के मौलाना उस्मान कासमी ने कहा कि राष्ट्रगान पर ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है. राष्ट्रगान का मतलब देश से प्यार है, तालीम से पहले बच्चों को यह सिखाना अच्छी बात है.

इसे पढ़ें- ज्ञानवापी में 3 दिन में क्या मिला, वादी पक्ष के वकील ने बताया सच, ETV Bharat Exclusive

रामपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ समय पहले घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों में कक्षाएं शुरू होने से पहले राष्ट्रगान होगा. उत्तर प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में यह व्यवस्था पहले से ही थी लागू है. लेकिन मदरसों पर राष्ट्रगान करने की अनिवार्यता नहीं थी.

मदरसों में राष्ट्रगान के अनिवार्य होने की घोषणा के बाद सभी मदरसा संचालकों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. वहीं अब मदरसों में सरकार की मंशा के मुताबिक इसका पालन किया जा रहा है. मदरसों में राष्ट्रगान की अनिवार्यता के बाद ईटीवी भारत की टीम ने रामपुर जनपद में मदरसा संचालकों से बातचीत की.

मदरसों में तालीम से पहले हो रहा राष्ट्रगान

बातचीत के दौरान मदरसा संचालक खालिद हसन अंसारी ने बताया कि मदरसों में बीते 50 वर्षों से राष्ट्रगान हो रहा है. उन्होंने कहा कि सभी मदरसा संचालक सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए फैसले का पालन कर रहे हैं.

मदरसा जामिया तुल अंसार की प्रिंसिपल यासमीन का कहना है कि सरकार ने मदरसों में राष्ट्रागान की अनिवार्यता वाला आदेश अभी जारी किया है, लेकिन हमारे मदरसे में काफी सालों से राष्ट्रगान कराए जाने की प्रक्रिया अनवरत जारी है. उन्होंने कहा कि सरकार की यह अच्छी पहल है, इससे बच्चों को नई रोशनी मिलेगी. इस मामले पर एक अन्य मदरसे के मौलाना उस्मान कासमी ने कहा कि राष्ट्रगान पर ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है. राष्ट्रगान का मतलब देश से प्यार है, तालीम से पहले बच्चों को यह सिखाना अच्छी बात है.

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