प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर का असर कम होते ही थोड़ी रियायत दी जाने लगी है. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार छठवीं से आठवीं तक के स्कूल भी आज यानि मंगलवार से खोले दिए गए (Schools reopen in UP) हैं, लेकिन पहले दिन स्कूलों में बच्चों की हाजिरी नाम मात्र की थी. प्रयागराज के एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज में 40 से 50 बच्चों वाली कक्षाओं में सिर्फ 4 से 6 बच्चे ही ऑफलाइन क्लास करने पहुंचे थे. स्कूलों को खोलने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में इसकी घोषणा की थी और आदेश दिया था कि 4-4 घंटे की 2 शिफ्ट में क्लासेस चलाए जाएंगे.
स्कूल के उप प्रधानाचार्य मयंक श्रीवास्तव का कहना है कि अभी भी अभिभावकों के मन में कोरोना का डर बना हुआ है. माता-पिता के मन में इस बात का भी डर है कि तीसरी लहर छोटे बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है और इन बच्चों के लिए अभी तक वैक्सीन भी नहीं आयी है. ऐसे में बहुत से अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं. इसी वजह से पहले दिन छात्रों की संख्या कम है.
यूपी में आज से खुले 6वीं से 8वीं तक के स्कूल, बच्चों की उपस्थिति रही कम - student attendance very less in prayagraj
यूपी में कक्षा 6वीं से 8वीं तक के स्कूल आज से खुल गए हैं (Schools reopen in UP), लेकिन बच्चों की उपस्थिति कम ही देखी गई. प्रयागराज के सिविल लाइंस इलाके में स्थित एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज में 40 से 50 बच्चों वाली कक्षाओं में सिर्फ 4 से 6 बच्चे ही क्लास करने स्कूल पहुंचे.
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर का असर कम होते ही थोड़ी रियायत दी जाने लगी है. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार छठवीं से आठवीं तक के स्कूल भी आज यानि मंगलवार से खोले दिए गए (Schools reopen in UP) हैं, लेकिन पहले दिन स्कूलों में बच्चों की हाजिरी नाम मात्र की थी. प्रयागराज के एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज में 40 से 50 बच्चों वाली कक्षाओं में सिर्फ 4 से 6 बच्चे ही ऑफलाइन क्लास करने पहुंचे थे. स्कूलों को खोलने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में इसकी घोषणा की थी और आदेश दिया था कि 4-4 घंटे की 2 शिफ्ट में क्लासेस चलाए जाएंगे.
स्कूल के उप प्रधानाचार्य मयंक श्रीवास्तव का कहना है कि अभी भी अभिभावकों के मन में कोरोना का डर बना हुआ है. माता-पिता के मन में इस बात का भी डर है कि तीसरी लहर छोटे बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है और इन बच्चों के लिए अभी तक वैक्सीन भी नहीं आयी है. ऐसे में बहुत से अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं. इसी वजह से पहले दिन छात्रों की संख्या कम है.