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हाईकोर्ट ने बढ़ाया दुघर्टना में अपंग हुए नाबालिग का मुआवजा...पढ़िए पूरी खबर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सड़क दुघर्टना के कारण अपंग हुए नाबालिग को अधिकरण द्वारा दिये गये मुआवजे की रकम बढ़ा दी है.

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Published : Jan 3, 2022, 10:04 PM IST

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प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सड़क दुघर्टना के कारण अपंग हुए नाबालिग को अधिकरण द्वारा दिए गए मुआवजे की रकम बढ़ा दी है. कोर्ट ने घायल की संभावित आमदनी, दुघर्टना के कारण उसे हुए दर्द और परेशानी तथा विवाह की संभावना समाप्त होने के मद में अधिकरण द्वारा निर्धारित मुआवजे में कई गुना का इजाफा करते हुए ब्याज की दर भी छह से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दी है.

यह आदेश पीठ ने बोनी दूबे की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है. 15 साल का नाबालिग बोनी दुबे जनवरी 2010 में एक सड़क दुघर्टना में घायल हो गया. उसकी बाइक को श्याम बीड़ी वर्क्स के वाहन ने टक्कर मारी थी. दुघर्टना के कारण उसके शरीर का निचला हिस्सा हमेशा के लिए बेकार हो गया. उसकी रीढ़ की हड्डी पर भी कई जगह चोटें आई. उस समय उसकी आयु मात्र 15 वर्ष थी.

ये भी पढ़ेंः LaKhimpur Kheri Case: मंत्री अजय टेनी का बेटा आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी, 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल

मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने उसका क्लेम स्वीकार करते हुए 15,72, 848 लाख रुपये का मुआवजा अवार्ड किया. ट्रिब्यूनल ने उसकी वार्षिक कमाई मात्र 36 हजार रुपये आंकी और इस नुकसान के एवज में 5,40 लाख रुपये मुआवजा स्वीकृत किया. मेडिकल बिल आदि सब मिलाकर उसे 15,72, 848 लाख रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान का निर्देश दिया गया. इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित फैसलों का हवाला देते हुए वार्षिक आमदनी 60 हजार रुपये माना तथा अन्य मदों में भी तय मुआवजे की रकम में वृद्धि कर पीड़ित को कुल 24,80,000 लाख रुपये मुआवजे के भुगतान का निर्देश दिया है. कोर्ट ने ब्याज दर भी छह प्रतिशत वार्षिक से बढ़ाकर साढ़े सात प्रतिशत वार्षिक की दर से क्लेम दाखिल करने की तिथि से देने का निर्देश दिया है.

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प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सड़क दुघर्टना के कारण अपंग हुए नाबालिग को अधिकरण द्वारा दिए गए मुआवजे की रकम बढ़ा दी है. कोर्ट ने घायल की संभावित आमदनी, दुघर्टना के कारण उसे हुए दर्द और परेशानी तथा विवाह की संभावना समाप्त होने के मद में अधिकरण द्वारा निर्धारित मुआवजे में कई गुना का इजाफा करते हुए ब्याज की दर भी छह से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दी है.

यह आदेश पीठ ने बोनी दूबे की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है. 15 साल का नाबालिग बोनी दुबे जनवरी 2010 में एक सड़क दुघर्टना में घायल हो गया. उसकी बाइक को श्याम बीड़ी वर्क्स के वाहन ने टक्कर मारी थी. दुघर्टना के कारण उसके शरीर का निचला हिस्सा हमेशा के लिए बेकार हो गया. उसकी रीढ़ की हड्डी पर भी कई जगह चोटें आई. उस समय उसकी आयु मात्र 15 वर्ष थी.

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मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने उसका क्लेम स्वीकार करते हुए 15,72, 848 लाख रुपये का मुआवजा अवार्ड किया. ट्रिब्यूनल ने उसकी वार्षिक कमाई मात्र 36 हजार रुपये आंकी और इस नुकसान के एवज में 5,40 लाख रुपये मुआवजा स्वीकृत किया. मेडिकल बिल आदि सब मिलाकर उसे 15,72, 848 लाख रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान का निर्देश दिया गया. इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित फैसलों का हवाला देते हुए वार्षिक आमदनी 60 हजार रुपये माना तथा अन्य मदों में भी तय मुआवजे की रकम में वृद्धि कर पीड़ित को कुल 24,80,000 लाख रुपये मुआवजे के भुगतान का निर्देश दिया है. कोर्ट ने ब्याज दर भी छह प्रतिशत वार्षिक से बढ़ाकर साढ़े सात प्रतिशत वार्षिक की दर से क्लेम दाखिल करने की तिथि से देने का निर्देश दिया है.

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